राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बडे़ पैमाने पर फैली अराजकता , भ्रष्टाचार के आकंठ में है डूबा

 राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बडे़ पैमाने पर फैली अराजकता , भ्रष्टाचार के आकंठ में है डूबा  

जनक्रान्ति कार्यालय से संवाद सूत्र की रिपोर्ट 

पटना, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 05 दिसंबर, 2020 ) ।

बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बडे पैमाने पर अराजकता एवं भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है। बिहार राज्य के-534 अंचलों को हरेक तरह के राजस्व दस्तावेज-आम जनता को मुहैया कराने के लिए-अंचलों में आधुनिक अभिलेखागार बनाने की बात करने वाली-सुशासन सरकार सबसे पहले अराजकता और भ्रष्टाचार को समाप्त करने की पहल करें। आज भी बिहार के-534 अंचलों में बगैर रिश्वत दीए ' कोई काम आम जनता का समय पर हो जाएं ' तो समझिए कि-हम भ्रष्टाचार से जंग जीत चुके है। लेकिन पिछले-15 वर्षों में-बिहार में राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति नही होने से-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के काम समय पर नहीं होने से आज भी-बिहार में एक हल्का कर्मचारी को-10 से 12 ग्राम पंचायतों का जवाबदेही एक हल्का कर्मचारी के माथे पर है। मगर बात यही पर समाप्त नही होता-राजस्व कर्मचारी के साथ अमानत कर्मचारियों की नियुक्ति की आवाज़ महत्वपूर्ण विषय है। सबसे अहम राजस्व विभाग के निचले स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करना ' लोहे का चना चबाने के बराबर होगा। बिहार में अधिसंख्य मुकदमों की जड में जमीन का विवाद ही होता है ' ऐसे भी भौगोलिक स्थिति के कारण राज्य के अधिकतर हिस्सों में जमीन का मामला-अंचलाधिकारी एवं कर्मचारी के रिश्वतखोरी के कारणों से जमीनी विवादों के कारण हत्याओ का दौर भी जारी है। बिहार में जब आम जनता को कागजात की जरूरत होती है तो-अंचल कार्यालयों या फिर बाबुओं के चक्कर कांटते-कांटते एक लम्बा समय निकल जाता हैं ' जिसका अंततः अदालती कार्यवाही पर भी पडता है। हालांकि-बिहार सरकार ने दाखिल-ख़ारिज के मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सिर्फ़ सख्त कारवाई करने का संकेत दिया हैं-लेकिन आज तक-बिहार सरकार के द्वारा किसी भी अंचलाधिकारी या कर्मचारियों पर सिर्फ़ इसलिये कारवाई नही किया ' क्योंकि-निचे से ऊपर तक-इस हमाम में सभी नंगे है। बिहार सरकार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के-534 अंचलों में खाली ' हल्का कर्मचारी ' अमानत कर्मचारी और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति करने से अंचलों में बढती भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जा सकता है। बिहार में जमीन रजिस्ट्री में जमीन लिखाने वाले-जनता के द्वारा सरकार को एक मुश्त राशि खर्च किया गया-लेकिन वही दुसरी तरफ़-सरकार के राजस्व अधिकारी की मिलीभगत से उन गरीबों का दाखिल-ख़ारिज के लिए-यह कहकर मोटेशन रद्द कर दिया जाता हैं कि-यह जमीन विवादित है। बिहार सरकार को इस ओर भी आपेक्षित पहल कर-जमीन संबंधी विवादों को सख्ती से निपटारा कर-समाज में शाँति का माहौल कायम रहे।

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से मो० अकबर अली संवाद सूत्र की रिपोर्ट प्रकाशक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित व प्रसारित । 

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित