बिहार राज्य आवास बोर्ड-अधर में लटकी है ' मध्यवर्गीय परिवारों के आवास की योजना

 बिहार राज्य आवास बोर्ड-अधर में लटकी है ' मध्यवर्गीय परिवारों के आवास की योजना

बिहार राज्य आवास बोर्ड के जमीन पर-दबंगो ' नेता एंंव अधिकारियों के अवैध कब्ज़ा बरकरार : मो० अकबर अली 

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

पटना/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 11 दिसम्बर,2020 ) । बिहार राज्य आवास बोर्ड-अधर में लटकी है ' मध्यवर्गीय परिवारों के आवास की योजना । बिहार राज्य आवास बोर्ड के जमीन पर-दबंगो ' नेता एव अधिकारियों के अवैध कब्ज़ा बरकरार। उपरोक्त कथन मोहम्मद अकबर अली-प्रदेश महासचिव-(अल्पसंख्यक) बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रेस को दिया । उन्होंने कहा है की बिहार राज्य आवास बोर्ड का गठन-बिहार सरकार के अध्यादेश के द्वारा वर्ष-1972 में किया गया ' अध्यादेश वर्ष-1982 में अधिनियम में परिवर्तित हो गया। वर्ष-1991 में सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए-शहर में सस्ते व आसान किश्तों में पक्का आवास देने के उद्देश्य से-बिहार राज्य आवास बोर्ड के माध्यम से मकान व भूखंड देने की योजना बनाई गयी थी। राजनीति जनसेवा के लिए होती है ' लोकतंत्र में न कोई बडा होता है और न कोई छोटा ' सभी का समान अधिकार होता है। लेकिन जो लोग सत्ता में होते है ' उन्हें कुछ ज्यादा अधिकार मिलते है ' ताकि वे अपनी जिम्मेदारी निभा सकें ' आम जनता की सेवा कर सकें। 

बिहार राज्य आवास बोर्ड की भूमि सिर्फ़ पटना में ही नही ' आरा ' गया ' डेहरी ' सासाराम ' पूर्णिया ' समस्तीपुर ' भागलपुर ' दरभंगा ' मुजफ्फरपुर ' छपरा समेत अन्य बहुत सारे शहरों में बोर्ड की जमीन मौजूद है-राज्य-भर में बिहार राज्य आवास बोर्ड की कुल 19 हजार एकड भूमि या भू-सम्पदा मौजूद है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक पहलू यह है कि-बिहार सरकार की यह योजना पिछले-29 वर्षों में धरातल पर पूर्ण नही हो सकी है '  हालांकि-शुरूआत में सरकार ने कुछ मकान व भूखंड लोगों को आवंटित किये ' लेकिन सरकार ने जो माॅडल आम जनता को दिखाया था-वो सपने पुरे नही हो सकें।बिहार राज्य आवास बोर्ड के--कार्यपालक अभियंता ने बताया कि-भागलपुर में आवास बोर्ड के लगभग-200 सौ फ्लैटों पर अवेध कब्ज़ा कर रखा है। बिहार राज्य आवास बोर्ड के खाली भूमि पर-दबंगो-नेता और आवास बोर्ड के अधिकारियों के द्वारा भी अवैध मकान कब्ज़ा करने वाले की सूची में नाम शामिल है। अब भी अवैध कब्ज़ा कर रहने की लगी होड ' हाउसिंग बोर्ड के नाम से शहर के मशहूर-बिहार राज्य आवास बोर्ड ' पटना ' भागलपुर ' दरभंगा ' गया जैसे शहरों में बनें मकान को कब्ज़ा कर रहने की होड लगी हुई है ' सरकार ने जितने मकान आवंटित किये है ' उससे अधिक लोग अवैध रूप से मकान कब्ज़ा कर रह रहे है। वही कुछ ऐसे भी लोग है-जो कब्ज़ा किये हुए मकान को किराये पर देकर महीना भी वसूलते है। वही दरभंगा प्रमंडल मुख्यालय से चंद सौ मीटर की दुरी पर-66 एकड में फैला-बिहार राज्य आवास बोर्ड विभाग की उदासीनता व विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का कारण अवैध कब्ज़ाधारियों ' अपराधियों ' नशेड़ियों का ठिकाना बन गया है। जिस आवास बोर्ड के परिसर में-बिहार सरकार के लोगों को एक नर्सिंग स्कूल ' एक टेलीफोन एक्सजेंज ' एक डाकघर ' एक प्राथमिक विद्यालय और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की बात थी। वहां आज अंधकार का कब्ज़ा बरकरार है। बिहार सरकार बोलती कुछ है और काम कुछ और करती है ' काश हमारे प्रदेश में अच्छे राजनेता होते तो-राज्य के लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं संविधान के प्रति सबलोग जागरूक होते। जय हिंद जय भारत ' जय किसान ' जय संविधान। 


उपरोक्त जानकारी मोहम्मद अकबर अली-प्रदेश महासचिव-(अल्पसंख्यक)बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल ने वाट्सएप माध्यम से प्रेस को दिया । 
जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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