योग वेदांत सेवा समिति के द्वारा तुलसी पुजन दिवस पर तुलसी पुजन समारोह का किया गया आयोजन

 योग वेदांत सेवा समिति के द्वारा तुलसी पुजन दिवस पर तुलसी पुजन समारोह का किया गया आयोजन 

जनक्रान्ति कार्यालय से ब्यूरों चीफ अनील कुमार यादव की रिपोर्ट 

            महिला श्रद्धालु द्वारा किया गया तुलसी पुजन 

खगड़िया, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 26 दिसंबर, 2020 ) । योग वेदांत सेवा समिति के द्वारा तुलसी पुजन दिवस पर तुलसी पुजन समारोह का किया गया आयोजन । बताते है कि तुलसी पुजन दिवस के अवसर पर शुक्रवार 25 दिसंबर 2020 को खगड़िया जिला अंतर्गत शोभनी, जलकौड़ा, बेला गांव में योग वेदांत सेवा समिति खगड़िया,बिहार के  व्दारा श्रवण कुमार दिवाकर जी आवास पर तुलसी पुजन सभी माताओं एवं बहनों के द्वारा विधिवत किया गया।

साथ सभी साधकों को तुलसी लगाने और इसकी पूजा का क्या महत्व है बताया गया। जिसमें कहा गया कि आयुर्वेद के मुताबिक, धरती पर ऐसा कोई भी पौधा नहीं है, जिसकी कोई उपयोगिता न हो। हर पेड़-पौधे में कुछ न कुछ खास गुण जरूर होते हैं।पर इन वनस्पतियों के बीच कुछ की पूजा का विशेष महत्व है।इनमें तुलसी का महत्व सबसे अधिक बताया गया है।

आध्यात्मिक पक्ष:

संस्कृत में तुलसी को 'हरिप्रिया' कहते हैं. धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी लगाने से, पालने से, सींचने से, इसके दर्शन करने से, स्पर्श करने से लोगों के पाप नष्ट हो जाते हैं.

तुलसी से प्रार्थना की गई है, 'हे तुलसी! आप सम्पूर्ण सौभाग्यों को बढ़ाने वाली हैं, सदा आधि-व्याधि को मिटाती हैं, आपको नमस्कार है.'

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्य वर्धिनी।

आधिव्याधि हरिर्नित्यं तुलेसित्व नमोस्तुते॥

सिर्फ जीवन की नहीं, बल्‍कि अंत काल में भी तुलसी काम आती है. सनातन धर्म में व्यक्ति के मरने से पूर्व उसके मुख में तुलसी जल डालने की प्रथा है । 

तुलसी की महिमा बताते हुए भगवान शिव नारदजी से कहते हैं, ‘तुलसी का पत्ता, फूल, फल, मूल, शाखा, छाल, तना और मिट्टी आदि सभी पवित्र हैं.’

ऐसा माना जाता है कि जिन घरों में तुलसी का पौधा लगाया जाता है, वहां सुख-शांति और समृद्धि आती है. आस-पास का वातावरण पवित्र होता है. मन में पवित्रता आती है.

तुलसी के प्रकार:

तुलसी हर रूप में कल्याणकारी है. यह 'राम तुलसी', 'श्याम तुलसी', 'श्वेत तुलसी', 'वन तुलसी' व 'नींबू तुलसी' आदि के नाम से पाई जाती है.

आयुर्वेद में तुलसी का महत्व

तुलसी को वेद में महौषधि बताया गया है, जिससे सभी रोगों का नाश होता है।यह एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-एजिंग, एंटी-बैक्टेरियल, एंटी-सेप्टिक व एंटी-वायरल है. इसे फ्लू, बुखार, जुकाम, खांसी, मलेरिया, जोड़ों का दर्द, ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, पायरिया, हाइपरटेंशन आदि रोगों में लाभकारी बताया गया है।

माना जाता है कि जिन घरों में तुलसी का पौधा होता है, वहां कोई भी वास्तुदोष नहीं होता है. इससे वातावरण और पर्यावरण की रक्षा तो होती ही है।इन सभी बातों की जानकारी शम्भु प्रसाद सिंह ने सभी लोगों को बताये तथा मौके पर कपिलदेव हरि ॐ,मनोज हरि ॐ, शम्भु हरि ॐ,श्रवण हरि ॐ सपरिवार, राजु हरि ॐ, बाल्मिकी हरि ॐ,प्रिंस हरि ॐ,पंकज हरि ॐ,तथा और बहुत सारे साधक एवं साधिका माताएं एवं बहनों ने भाग लिया।।

उपरोक्त जानकारी हमारे संवाददाता को प्रवीण कुमार प्रियांशु ने वाट्सएप माध्यम से दिया । 

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा अनील कुमार यादव की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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