राज्य सहकारिता विभाग में बड़े पैमाने पर मची हुई है लूट की खूली छूट

 राज्य सहकारिता विभाग में बड़े पैमाने पर मची हुई है लूट की खूली छूट 

राज्य के किसानों को दूर दूर तक कोई लाभ नहीं मिल रहा है :- मो० अकबर अली 

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

बिहार राज्य के-38 जिलों में जिला सहकारिता पदाधिकारी के द्वारा-किसानों के धान-प्राप्ति में गडबडी करने वाले पदाधिकारी के विरूद्घ-वर्ष-2018-2019 वर्ष-2019-2020 एवं वर्ष-2020-2021 में राशि गबन की सीबीआई से जाँच कराने की माँग

पटना/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 दिसम्बर, 2020 ) ।

बिहार राज्य में सहकारिता विभाग में बडे पैमाने पर लुट मची हुई है। राज्य के किसानों को दूर दूर तक कोई लाभ प्राप्त नही है। उपरोक्त कथन मो० अकबर अली ने प्रेस को बताते हुऐ कहा की लोकतांत्रिक साधन के रूप में पारस्परिक सहायता पर-आधारित स्वैच्छिक सहकारी संस्थाओं को संगठित कर उनका-विकास करने विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों के शोषण को रोकने और उनके सामाजिक ' आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने हेतु-सहकारिता विधान का उद्देश्य परिभाषित किया गया है। बिहार राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं संविधान के तहत-सहकारिता विभाग संचालित नही है।

बिहार सहकारिता विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उदासीनता व लापरवाही का अंदाजा ' इस बात से लगाया जा सकता है ' बिहार सरकार के द्वारा आदेश के बाबजूद किसानों की हालत काफी चिंताजनक स्थिति में है। श्री अकबर ने मुख्यमंत्री जनाब नीतीश कुमार  से कहा है कि बिहार राज्य में सहकारिता विभाग में बडे पैमाने लुट मची हुई है। बिहार राज्य के-38 जिलों में जिला सहकारिता पदाधिकारी के द्वारा-किसानों के धान-प्राप्ति में गडबडी करने वाले पदाधिकारी के विरूद्घ-वर्ष-2018-2019 वर्ष-2019-2020 एवं वर्ष-2020-2021 में राशि गबन की सीबीआई से जाँच कराने की माँग किया है। बिहार राज्य में वर्ष-2018 में मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत-हर जिलों में किसानों के उपकरणों के लिए ' राशि सरकार के द्वारा खर्च किया गया है। बिहार राज्य में सहकारिता विभाग में बडे पैमाने पर-बेरोजगार के स्वरोजगार के लिए-केंद्र सरकार-राज्य सरकार के द्वारा जारी-कल्याणकारी योजनाएं-जैसे समेकित सहकारी विकास परियोजना पर-किसानों के लिए-करोड़ों-अरबों रूपये खर्च करने के बाबजूद-बिहार राज्य के किसानों की विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से सहकारिता आंदोलन पर जैसे विराम सा लग गया है। क्या बिहार राज्य में सहकारिता विभाग को दलालों ' ठेकेदारों ' बिचौलियों के हवाले कर रखा है ' आम जनता को सहकारिता विभाग से विकास की लौ टिमटिमाती बूझने कगार पर है। सहकारिता विभाग का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय चलाना होता है ' सहकारिता उपभोक्ता भंडार ' सहकारी बैंक ' कृषि उपज विपणन सहकारी समिति शामिल है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक पहलू यह है कि-सहकारिता विभाग का आज सिर्फ़ एक ही पहलू है ' अधिक से अधिक ' समाज को गुमराह करना और अराजकता और भ्रष्टाचार फैलाना है। आखिर कब तक ' बिहार राज्य में सहकारिता विभाग-आज जनता से कोशों दूर रहेगी ' सहकारिता एक महत्वपूर्ण विभाग है-जिससे समाज के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार देना ' सबसे प्रथम कार्य यही है। प्रेस कार्यालय को वाट्सएप माध्यम से मोहम्मद अकबर अली ' प्रदेश महासचिव-(अल्पसंख्यक) बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल द्वारा सम्प्रेषित ।

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित