भजन सम्राट नरेंद्र चंचल का 80 वर्ष की उम्र में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ इलाज के दरम्यान मौत

 भजन सम्राट नरेंद्र चंचल का 80 वर्ष की उम्र में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ इलाज के दरम्यान मौत

जनक्रान्ति कार्यालय से अवधेश कुमार यादव की रिपोर्ट

जनक्रान्ति/डेली हंट प्रकाशन परिवार ने दो मिनट का मौन धारण कर दिया भावभीनी श्रद्धांजलि 


नई दिल्ली,भारत ( जनक्रान्ति समाचार डेस्क.. जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 जनवरी, 2021 ) । भजन सम्राट नरेंद्र चंचल का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज के दरम्यान निधन हो गया है। वह 80 साल के थे। नरेंद्र चंचल पिछले तीन महीने से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज चल रहा था। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 पर उन्होंने अंतिम सांस ली। गायक नरेंद्र चंचल के ब्रेन में क्लोटिंग थी। नरेंद्र चंचल अपने पीछे दो बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं।

उन्होंने कई प्रसिद्ध भजनों के साथ हिंदी फिल्मों में भी गाने गाए हैं। उन्होंने न सिर्फ शास्त्रीय संगीत में अपना नाम कमाया बल्कि लोक संगीत में भी लोगों की दिल जीता। 

नरेंद्र चंचल ने बचपन से ही अपनी मां कैलाशवती को मातारानी के भजन गाते हुए सुना। इसी वजह से उनकी रुचि भी गायकी में बढ़ी। उनके शरारती स्वभाव और चंचलता की वजह से उनके शिक्षक उन्हें 'चंचल' कहकर बुलाते थे। बाद में नरेंद्र ने अपने नाम के साथ हमेशा के लिए चंचल जोड़ लिया।

उन्होंने राज कपूर की फिल्म बॉबी में 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो' गाना गाया। ये गाना आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। नरेंद्र को पहचान मिली फिल्म 'आशा', में गाए माता के भजन 'चलो बुलावा आया है' से जिसने रातों रात उन्हें मशहूर बना दिया। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में उनका बड़ा नाम था। 

सोशल मीडिया पर उनके फैंन्स उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनके निधन पर पंजाबी दलेर मेहंदी के साथ-साथ मुंबई फिल्म इंडस्ड्री से जुड़े कलाकारों ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। दूसरी ओर उनके निधन की खबर पर जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन प्रकाशन परिवार मर्माहत है । प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर प्रार्थना किया । 

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा अवधेश कुमार यादव की ग्रुप रिपोर्ट समस्तीपुर कार्यालय से प्रकाशित व प्रसारित । 

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित