मदरसों की मान्यता में बड़े पैमाने पर हुआ फर्जीवाड़ा -पता किसी गाँव का, अस्तित्व किसी गाँव में, भूमि हो गया लापता

 मदरसों की मान्यता में बड़े पैमाने पर हुआ फर्जीवाड़ा -पता किसी गाँव का, अस्तित्व किसी गाँव में, भूमि हो गया लापता 

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

दरभंगा/समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 जनवरी, 2021)। बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड से अगर आपको किसी मदरसे को मान्यता दिलानी है तो चिंता मत कीजिए। डेढ़ लाख रुपया लेकर लहेरियासराय के एक हाई स्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक से मिलिये। उनके माध्यम से जिला शिक्षा पदाधिकारी के एक विश्वस्त सहायक से संपर्क कर लें। जिला शिक्षा पदाधिकारी उन्हीं के माध्यम से अब तक सैकड़ों फर्जी मदरसे को फर्जी जांच प्रतिवेदन के आधार पर बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड से मान्यता भी दिला चुके हैं। चिंता की कोई बात नहीं है। जिला शिक्षा कार्यालय और विभिन्न मदरसों के अलावा हाई स्कूल में भी कुछ शिक्षक इस रैकेट में शामिल हैं। जो सारा का सारा मामला पलक झपकते ही चुटकी बजाते हल कर देते हैं। केवल आपको वस्तानिया स्तर के मदरसे के लिए डेढ़ लाख और फ़ोकानिया स्तर के मदरसे के लिए 02 लाख रुपया जमा करना है। वैसे तो मदरसे की सारी संचिकाएँ कहने को स्थापना शाखा से संचालित की जाती हैं। लेकिन व्यहवारिक रूप से जिला शिक्षा कार्यालय में ही सब कुछ होता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी स्वयं अपनी निगरानी में अपने विश्वस्त सहायक से सारे कागजात तैयार करा देते हैं, भले उन कागजात पर अधिकृत रूप से दूसरे सहायक का हस्ताक्षर होता है। मदरसे के शिक्षकों का भूगतान, बकाय का भूगतान, अनुदान और पद सृजन के साथ मान्यता से जुड़े मामले में प्रतिवर्ष लाखों लाख का वारा न्यारा कोई नई बात नहीं। प्रतिदिन मदरसे के मौलवियों और बिचौलिए के भेष में एक हाई स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक जिला शिक्षा कार्यालय के आस पास और घोटाले के मास्टर माइंड एक सहायक के टेबुल के चारों ओर मंडराते मिल जाएंगे।

यह मामला तो दबा का दबा रह जाता लेकिन मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम ने अलीनगर के मणिपुर, लीलपुर स्थित मदरसा अखतरुल इस्लाम, दरभंगा शहर के ताज बिशनपुर मदरसा इसलाहूल बनात, सादिकुल ओलूम, मदरसा दारूस्सलाम अलबनात और केवटी के गेठुली लालगंज के मदरसा फैजुल उलूम आदि का नाम गिनाते हुए कहा कि एक ही व्यक्ति सैकड़ों मदरसे में ट्रस्टी है। ऐसे मदरसे बिना भूमि के कागज पर चल रहे हैं। कैसे एक ही व्यक्ति विभिन्न मदरसों में ट्रस्टी बन कर लोगों से करोड़ों रुपए की वसूली कर चुका है और वह व्यक्ति भी एक मदरसे में शिक्षक के पद पर पदस्थापित है। ऐसा फर्जीवाड़ा करने वाला एक व्यक्ति रेयाज सादिक केवटी के रैयाम के पास के मदरसे में मौलवी के पद पर पदस्थापित है। एक मदरसा केवटी के सादिकपुर में स्थापित है। जबकि उसकी भूमि बाबू सलीमपुर गाँव में दर्शायी गई है। ऐसे एक नहीं सैकड़ों उधारण है। मदरसे का यह फर्जीवाड़ा दरभंगा के अलावा मधुबनी में भी चल रहा है। नजरे आलम ने सरकार से मांग किया कि पूरे रैकेट की जांच करा कर पदाधिकारी, कर्मचारी और बिचौलिए का काम कर रहे शिक्षकों पर कारवाई की जाए।

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित व प्रसारित ।

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