नई शिक्षा नीति-2020 के आलोक में बिहार के गाँव और कस्बों में " *बालिका शिक्षा की वर्तमान स्थिति"* का अवलोकन प्रतिवेदन पर संवाद का किया गया आयोजन

 नई शिक्षा नीति-2020 के आलोक में बिहार के गाँव और कस्बों में " *बालिका शिक्षा की वर्तमान स्थिति"* का अवलोकन प्रतिवेदन पर संवाद का किया गया आयोजन 

*बालिका शिक्षा की वर्तमान स्थिति"* का अवलोकन प्रतिवेदन पर संवाद कार्यक्रम में मौजूद गणमान्यजन

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

सरायरंजन/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 18 फरवरी, 2021 ) । 

CRY-"CHILD  RIGHTS AND YOU" Kolkata का साथी संस्था जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के अख्तियारपुर कार्यालय के सभागार में दिन के 1.30 बजे से नई शिक्षा नीति-2020 के आलोक में बिहार के गाँव और कस्बों में " *बालिका शिक्षा की वर्तमान स्थिति"* का अवलोकन प्रतिवेदन पर संवाद का आयोजन किया गया । जिसकी अध्यक्षता जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के अध्यक्ष गौरी शंकर चौरसिया और संचालन सचिव सुरेन्द्र कुमार नें किया। इस अवसर पर संस्था की कोषाध्यक्ष  वीणा कुमारी नें कहा कि इस कोरोना महामारी की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में 13-18 आयु वर्ग की नाबालिग लड़कियों का स्कूल बंद रहने के कारण कम उम्र में शादी कर देने, परिवार की आजीविका समाप्त होने के कारण बाल मजदूरी में लगने के कारण पढ़ाई रूक गया है। असंगठित खेतिहर मजदूर पंचायत के संयोजक रविन्द्र पासवान नें कहा कि यदि इसी तरह बच्चों को खासकर किशोरियों को स्कूल से वंचित रखा गया और समय पर पुस्तकें, समुचित शौचालय का इंतजाम नहीं हुआ तो गरीब परिवार की किशोरियों को बाल विवाह का शिकार होना हीं पड़ेगा और स्कूली शिक्षा से वंचित होना भी पडेगा। बिहार बाल आवाज़ मंच के प्रांतीय संयोजक राजीव रंजन कुमार सिंह नें चर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ कानून का भय दिखाकर बाल विवाह या बाल मजदूरी को रोक पाना संभव नहीं है।

सरकार तथा बच्चों के लिए काम करने वाले सामाजिक संस्थाओं को उससे बच्चों के सेहत पर पड़ने वाले कुप्रभाव और परिवार के खर्चों पर पड़ने वाले दबाव का खाका भी समझाना आवश्यक होगा, तब जाकर कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि 27-28 फरवरी, 2021 को समस्तीपुर में इसी विषय पर विमर्श के लिए मोतिहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, वैशाली और बेगुसराय के प्रगतिशील साथियों का दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। बलराम चौरसिया नें बताया कि बच्चों को भविष्य के बजाए वर्तमान पर जोड़ देना चाहिए और जीवन कौशल केन्द्रित शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। किरण कुमारी नें बताया कि बच्चों का आन-लाइन नामांकन से नजदीकी विद्यालय में नामांकन की संभावना नहीं रहती है, जिसके कारण बच्चियों का विद्यालय छुट जाता है। ललिता कुमारी और दिनेश प्रसाद चौरसिया नें बताया कि उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की कमी और खासकर महिला शिक्षकों का अभाव भी बालिका शिक्षा को प्रभावित करता है। चाइल्ड लाइन सब सेंटर पटोरी के टीम मेम्बर कौशल कुमार तथा टीम लीडर माला कुमारी नें बताया कि स्कूलों में पठन-पाठन सामग्री का समय पर अनुपलब्धता हमारे समाज के बालिकाओं को शिक्षा से वंचित करता है। अर्चना कुमारी नें कहा कि किशोरी लड़कियों के इस उम्र में होने वाले शारीरिक बदलाव, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का अभाव और मासिक धर्म के प्रति जागरूकता की कमी भी बालिका शिक्षा को प्रभावित करता है। पंचायत समिति सदस्य संजीव कुमार, रामउमेद राम, बचपन बचाओ आंदोलन के क्षेत्रीय कार्यकर्ता विजय कुमार चौरसिया, मध्य विद्यालय, रायपुर बुजुर्ग के शिक्षक दिनेश कुमार चौरसिया, वार्ड सदस्य बंगाली चौरसिया, विभा कुमारी, रामप्रित चौरसिया, शिक्षक किसलय कुमार झा, संवेदक संतोष झा, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अख्तियारपुर की छात्रा खुशी कुमारी, रानी कुमारी, ज्योति कुमारी आदि नें अपने विचार रखे। उपरोक्त जानकारी प्रेस को सुरेन्द्र कुमार सचिव  जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र, समस्तीपुर ने दिया ।

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित व प्रसारित ।

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