व्रत विशेष....अध्यात्म विचार जया एकादशी व्रत विधि विधान
व्रत विशेष....अध्यात्म विचार
जया एकादशी व्रत विधि विधान
जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट नागेन्द्र कुमार सिन्हा
समाचार डेस्क ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 फरवरी, 2021 ) । जया एकादशी व्रत 23 फरवरी, 2021, 🙏
इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत किया जाता है।
इस दिन ये उपाय करेंगे तो आपकी किस्मत चमक सकती है।
इस दिन किए गए उपायों से भाग्य दोष दूर होते हैं।
👉व्रत विधि👇
इस दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त की जा सकती है।
भगवान विष्ण़ु को पीले फूल अर्पित करें।
घी में हल्दी मिलाकर भगवान विष्ण़ु का दीपक करें।
पीपल के पत्ते पर दूध और केसर से बनी मिठाई रखकर भगवान को चढ़ाएं।
एकादशी की शाम तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाएं।
भगवान विष्णु को केले चढ़ाएं और गरीबों को भी केले बांट दें।
भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी का पूजन करें और गोमती चक्र और पीली कौड़ी भी पूजा में रखें।
👉एकादशी व्रत कथा👇
जया एकादशी के बारे में एक कथा का उल्लेख किया गया है कि इन्द्र की सभा में एक गंधर्व गीत गा रहा था। परन्तु उसका मन अपनी प्रिया को याद कर रहा था। इस कारण से गाते समय उसकी लय बिगड़ गई। इस पर इन्द्र ने क्रोधित होकर गंधर्व और उसकी पत्नी को पिशाच योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया।
पिशाच योनी में जन्म लेकर पति पत्नी कष्ट भोग रहे थे। संयोगवश माघ शुक्ल एकादशी के दिन दुःखों से व्याकुल होकर इन दोनों ने कुछ भी नहीं खाया और रात में ठंड की वजह से सो भी नहीं पाये। इस तरह अनजाने में इनसे जया एकादशी का व्रत हो गया।इस व्रत के प्रभाव से दोनों श्राप मुक्त हो गये और पुनः अपने वास्तविक स्वरूप में लौटकर स्वर्ग पहुंच गये। देवराज इन्द्र ने जब गंधर्व को वापस इनके वास्तविक स्वरूप में देखा तो हैरान हुए। गन्धर्व और उनकी पत्नी ने बताया कि उनसे अनजाने में ही जया एकादशी का व्रत हो गया। इस व्रत के पुण्य से ही उन्हें पिशाच योनि से मुक्ति मिली है।
शास्त्रों में बताया गया है कि इस व्रत के दिन पवित्र मन से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। मन में द्वेष, छल-कपट, काम और वासना की भावना नहीं लानी चाहिए। नारायण स्तोत्र एवं विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। इस प्रकार से जया एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। जो लोग इस एकादशी का व्रत नहीं कर पाते हैं वह आज के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें और जरुरतमंदों की सहायता करें तो इससे भी पुण्य की प्राप्ति होती है ।
ओम नमोंं नारायणाय् , ओम नमोंं नारायणाय्
जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा नागेन्द्र कुमार सिन्हा की अध्यात्म विचार प्रकाशित व प्रसारित ।
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