इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ नामक एक आदर्श "विधि शिक्षक अकादमी" की स्थापना के लिए ऑल इंडिया बार काउंसिल चेयरमैन मनन मिश्र ने किया पहल

 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ नामक एक आदर्श "विधि शिक्षक अकादमी" की स्थापना के लिए ऑल इंडिया बार काउंसिल चेयरमैन मनन मिश्र ने किया पहल 

जनक्रान्ति कार्यालय से राज्य विधि चीफ ब्यूरों रविशंकर चौधरी अधिवक्ता की रिपोर्ट 

युवा वकील अपने बढ़ाएंगे कार्य कौशल आईआईएल के माध्यम से केआईआईटी के तत्वाधान में "विधि शिक्षक अकादमी" करेगा काम 

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ नामक "विधि शिक्षक अकादमी" की स्थापना की पहल ऑल इंडिया बार काउंसिल के चेयरमैन मनन मिश्र के द्वारा किऐ जाने पर राज्य विधि चीफ ब्यूरों रविशंकर चौधरी ने बीसीआई चेयरमैन को हार्दिक बधाई के साथ ही दिया शुभकामनाएं 

नई दिल्ली/पटना । समाचार डेस्क ( देश-विदेश ) जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 13 फरवरी, 2021) । बार काउंसिल ऑफ इंडिया देश में विधि शिक्षा और विधि व्यवसाय को नियमित रेगुलेट करने और विधि शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के कार्यों का निर्वहन करने के लिए अधिवक्ता अधिनियम 1961 के तहत संसद द्वारा बनाई गई एक संवैधानिक संस्था है । इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ नामक "विधि शिक्षक अकादमी" की स्थापना की पहल ऑल इंडिया बार काउंसिल के चेयरमैन मनन मिश्र के द्वारा किऐ जाने पर राज्य विधि चीफ ब्यूरों रविशंकर चौधरी ने बीसीआई चेयरमैन को हार्दिक बधाई के साथ ही शुभकामनाएं देते हुऐ आज जिला बार एसोसिएशन परिसर में पत्रकारों से बताया की बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उक्त बातें कहीं है।

उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के माध्यम से बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बीसीआई ट्रस्ट फॉर प्रमोशन ऑफ एजुकेशन "कानूनी और व्यवसायिक" और विधि सुधार और अनुसंधान तथा सामाजिक प्रशिक्षण के सुधार के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ नामक एक आदर्श "विधि शिक्षक अकादमी" की स्थापना के लिए पहल की है । यह संस्थान अधिवक्ताओं हेतु कांस्टिट्यूशन विधि शिक्षा एवं अनुसंधान का कार्यों का निर्वहन भी करेगी । उन्होंने कहा कि भारत के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर और इसके तत्वावधान में काम करेगा ।

आज तक विधि शिक्षकों और अधिवक्ताओं के कौशल विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए विधि के क्षेत्र में कोई प्रशिक्षण संस्थान नहीं था । इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के माध्यम से विधि शिक्षक एवं युवा वकील अपने कार्य कौशल को बढ़ाएंगे । बीसीआई ट्रस्ट ने 1986 में बेंगलुरु में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया युनिवर्सिटी नाम से पहले संस्थान की स्थापना की थी । जो आज भारत देश की मॉडल लॉ यूनिवर्सिटी बनी हुई है । पूरे देश में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा आईआईएल । लंबे समय से हमारे काउंसिल इस तरह के संस्थान के बारे में सोच रही थी । लेकिन बीसीआई कि उक्त योजना पहले किसी ना किसी वजह से मूर्त ना हो सकी ।

परंतु आखिरकार एक महान दूरदर्शी शिक्षाविद लोकसभा के माननीय सदस्य और केआईआईटी और केआईएसएस डीम विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ०अच्युत सामंत जी से परामर्श के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यों ने फैसला लिया और प्रस्ताव पारित किया कि कि आईआईटी विश्वविद्यालय के सहयोग और समर्थन में उड़ीसा में भुवनेश्वर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की स्थापना की जाए । उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ट्रस्ट ने केआईआईटी के साथ एक करार किया है और तद्नुसार केआईआईटी ने पटिया भुवनेश्वर में आवश्यक बहुत ही बहुमूल्य व उपयोगी भूमि प्रदान की है ।

इसके अलावा डेढ़ लाख वर्ग के प्रस्तावित परिषद के बुनी ढ़ांचे की लागत का 40 परसेंट भी केआईआईटी विश्वविद्यालय वहन करने को राजी हुई है । इसमें कोई संदेह नहीं कि उक्त संस्थान विश्व शिक्षा के मानचित्र में पूरे भारत खासकर उड़ीसा राज्य की स्थिति को सुदृढ़ करने कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय तक प्रभाव डालेगी या संस्थान विशेष रूप से उड़ीसा और सामान्य रूप से पूरे राष्ट्र के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि साबित होगी । बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री मनन कुमार मिश्र ने कहा कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ नियंत्रण विधि शिक्षा, प्रोफेशनल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम, रिफ्रेशर कोर्स और लर्निंग कोर्स फॉर अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेजोल्यूशन से संबंधित कार्यों के लिए विभिन्न कार्यक्रम का प्रबंधन एवं संचालन करेगा, मध्यस्थता और सुलह सीखने और सिखाने के विभिन्न केंद्रों के तहत यह कानूनी न्यायिक और सामाजिक विकास के सभी पहलुओं में अनुसंधान करेगा और इसे प्रकाशित और प्रदर्शित भी करेगा । यह निरंतर विधि शिक्षा के उद्देश्य के लिए प्रशिक्षण और कानूनी शिक्षा के दौर से गुजर रहे वकीलों के लिए विभिन्न कानूनी विषयों पर कैश बुक पत्रिकाओं, समाचार पत्र आदि हार्ड कॉपी और ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सॉफ्ट कॉपी दोनों प्रकाशित करेगा । समय-समय पर या संस्थान अधिवक्ता शिक्षा विधि और न्याय के लिए संस्थान संगोष्ठी का आयोजन और संचालन करेगा या भारत के भीतर और बाहर अपनी उन्नति के लिए नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी विधि विश्वविद्यालय व्यवसायिक न्यायपालिका सरकारी विभागों और गैर सरकारी संगठनों और विभिन्न अधिवक्ता संघ के प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े अन्य संगठनों के साथ सहयोग करेगा प्रथम चरण में आईआई एल की निम्नलिखित इकाइयां होगी ।

शैक्षणिक स्टाफ कॉलेज, स्कूल आफ कंटिन्यूइंग एजुकेशन, आई आई एल प्रशिक्षण केंद्र, कानूनी सहायता केंद्र, विदेशी डिग्री धारकों के लिए ब्रिज कोर्स , आई आई एल के प्रबंधन हेतु 03 निकायों यानी सामान्य परिषद, कार्यकारिणी परिषद और शैक्षणिक परिषद का गठन करेगा और प्रबंधन संबंधी इन निकायों में सर्वोच्च न्यायपालिका सरकार शिक्षा मंत्रालय यूजीसी शिक्षा विदित विधि व्यवसाय के वरिष्ठ सदस्यों उड़ीसा के मुख्य व अन्य न्यायाधीशों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होगा । उन्होंने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट प्रारंभिक 03 वर्षों के लिए संस्थान के उक्त सभी कार्यक्रमों को स्वयं संचालित करेगा । उसके बाद कुछ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी एवं अन्य प्राप्त इंस्फाट्रैक्चर रखने वाले संस्थानों को भी आईआईएल की तर्ज पर पाठ्यक्रम प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी । हमने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायधीशों, पूर्व न्यायाधीशों , प्रतिष्ठित न्यायविदों , प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ताओं, बार के प्रख्यात नेताओं और एन एल यू व अन्य प्रतिष्ठित विधि शिक्षकों के सक्रिय सहयोग व सहभागिता से शिक्षक में कौशल विकास कराने का निर्णय लिया है । ऐसे लोग ही उस संस्थान के मार्गदर्शक पूर्णकालिक शिक्षक और अतिथि शिक्षक हुआ करेंगे । आगे उन्होंने कहा कि इसके अलावा बीसीआई ट्रस्ट उक्त कार्यक्रम के लिए विदेशों के प्रख्यात लॉडीन शिक्षा विदित जजों और बार के प्रतिनिधियों व सदस्यों को भी आमंत्रित करेगा । उपयुक्त सभी कानूनी दिग्गज अपने ज्ञान और अनुभव के मोती साझा करेंगे । जो ना केवल विधि शिक्षकों और विद्यार्थियों को लाभान्वित करेगा बल्कि उन्हें भारत और विदेशों के अच्छे प्रख्यात शिक्षाविदों से बातचीत करने और सीखने का एक सुअवसर और मंच प्रदान करेगा । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ लॉ कानूनी शिक्षा और कानूनी पेशे के इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम होगा जो कानून और न्याय संबंधी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत मदद करेगा । इसके साथ ही आगे कहा कि डॉ० अच्युत सामंत जी जैसे महान व्यक्ति के आभारी हैं । जिन्होंने हमारे प्रस्ताव को स्वीकार किया और अपने ट्रस्ट के माध्यम से इस संस्थान की स्थापना के लिए भुवनेश्वर में इतना मूल्यवान जमीन प्रदान की इसके साथ साथ अन्य योगदान भी दे रहे हैं । डॉक्टर सामंत वास्तव में मनुष्य के रूप में एक भगवान है । आप सभी जानते हैं की डॉक्टर सामंत ने विश्व स्तर के दो विश्व विद्यालयों, मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन नरसिंह लॉ, कला और कई अन्य बड़े संस्थानों के संस्थापक हैं और लगभग 35000 आदिवासी छात्रों को प्रतिदिन कक्षा 01 से लेकर स्नातकोत्तर तक मुफ्त शिक्षा प्रदान कराने के अलावा उनका खाना कपड़ा आवास इत्यादि अन्य जरूरी सभी सुविधाऐं और सेवा मुफ्त देते हैं । हमने दुनिया में ऐसा महान व्यक्ति के बारे में कभी नहीं देखा या सुना है जो इस प्रकार के कथित सेवा को इतनी सरलता से बखूबी करते आ रहे हैं । सामंत जी एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अविवाहित रहे और उनके नाम पर जमीन या संपत्ति का एक भी टुकड़ा नहीं हैं। उनके पास जो कुछ भी है वह समाज गरीब और असहाय जनता और युवाओं के लिए है और यह सब उन्होंने अपने पूर्ण समर्पण दुर्दशिता एवं अथक प्रयास के बल पर हासिल किया है । इसमें भगवान जगन्नाथ की असीम कृपा है और यही वजह है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एकमत से ऐसे अनोखे संस्थान को स्थापित करने की जिम्मेदारी को सौंपने का संकल्प लिया है । मदन कुमार मिश्रा ने भगवान जगन्नाथ जी से उनको दीर्घायु स्वस्थ रहने और विधि शिक्षा और विधि व्यवसाय के कल्याण होने की कामना हेतू बधाई के साथ ही शुभकामनाएं भी दिया।

 

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा राज्य विधि चीफ ब्यूरों रविशंकर चौधरी अधिवक्ता की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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