सिंहासिनी मैया की सदा जय जयकार : वरीय अधिवक्ता अरूण चौधरी

 सिंहासिनी मैया की सदा जय जयकार : वरीय अधिवक्ता अरूण चौधरी  

जनक्रांति कार्यालय से स्टेट विधि चीफ ब्यूरो रविशंकर चौधरी की रिपोर्ट 


व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण कुमार चौधरी सहित गोदाईपट्टी पंचायत के मुखिया पति विजय चौधरी गोदाई पट्टी पंचायत में मॉं सिंहासिनी देवी की  स्थल को पर्यटक स्थल बनाने के अथक प्रयास में लगे 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय १९ फरवरी, २०२१ ) । दरभंगा जिले के मोरों थानांतर्गत गोदाई पट्टी पंचायत के चौर में चारों ओर खेत से घिरे विरान में बसे मॉं सिंहासिनी देवी बारहों माह ३६५  दिन विराजमान रहती है ।


ऐसा गोदाई पट्टी पंचायत के कुछ जानकर वृद्ध व्यक्तियों का कहना है । उनके द्वारा अजीबो गरीब कहानी मां सिंहासिनी की सुनाई गई । वहीं माता के स्थान के बगल में ही समस्तीपुर जिला की सीमा सट्टी हुई है ।


मॉं सिंहासिनी देवी के बारे में नामापुर पंचायत के दरियापार निवासी अरूण कुमार चौधरी वरीय अधिवक्ता ने विस्तार से बताया की माता सिंहासिनी देवी की जो भी भक्त पूजा अर्चना कर कुछ भी मन्नत मांगते हैं उसे माता अवश्य पुरी कर देती है ।



दूसरी ओर गोदाई पट्टी पंचायत वासी राम दिनेश चौधरी, गोपाल चौधरी राधेश्याम चौधरी, दयानंद चौधरी सुनील चौधरी, सीआरपीएफ के सूबेदार कैलाश चौधरी, कृष्ण कुमार चौधरी, समेत 25 से भी उपर व्यक्ति ने हरेक तरह की कहानी बताई ।


कहानी वर्षों पुराना है वर्षों पुराना वट वृक्ष जिस वट वृक्ष पर हर तरह के पंछी विराजमान रहते हैं और इस पर भौड़ा ( मधुमक्खी ) का खोता लगा रहता है । गोदाईपट्टी पंचायत के सभी वासी ने आगे बताया कि पेड़ के जड़ में एक कुआं था उस कुएं से कोई भी किसान पेड़ के पास आकर खड़ा होकर कुंए में बसे मॉं सिंहासिनी देवी से जो कुछ भी मांगता था सब मिलता था ।


ग्रामीणों के अनुसार एक बार उदाहरण स्वरूप यहां के सभी ग्रामीणों ने खाना बनाने के लिए बर्तन मांगा और कुंए पर स्थित बाल्टी डाली और  बाल्टी में घर के चौंका में उपयोग होने वाले सभी बर्तन निकल आया और सभी किसानों ने उसी बर्तन में खीर बनाकर पहले मॉं सिंहासिनी देवी को चढ़ाया और फिर सभी किसान खुद ग्रहण किए और पुनः उस बर्तन को कुएं में डाल दिए ।

इसके बाद तो  करीब 50 पंचायतों में बसे महिला पुरुष इत्यादि ने इस स्थल पर सौहार्द पूर्ण अपने  पुत्र-पुत्री और नाती-नातिन, पोते-पोतियों का मुंडन संस्कार कराने का परिचालन की शुरुआत कर दी जो पुर्वज से शुरूआत होकर आज भी करते चले आ रहे है ।


वही सभी ग्रामीणों ने बताया कि एक दिन एक किसान खाना बनाने वाला बर्तन बिना धोए कुआं में डाल कर चला गया उसी दिन से बर्तन मिलना बंद हो गया और धीरे-धीरे कुआं भी भर गया ।  अब वट वृक्ष बचा हुआ है और उसी के बगल में कुंआ पर ही पेड़ है और मॉं सिंहासिनी देवी की पिंडी विराजमान रहती हैं ।

जिसको महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते रहते हैं। खासकर अचला सप्तमी के दिन मॉं सिंहासिनी देवी  के दरबार में महिलाओं का अंबार लगा रहता है । मॉं सिंहासिनी के दरबार में दिल्ली और मुंबई से भी लोग आते रहते हैं ।


दिल्ली से आने वाले व्यक्ति का नाम रंजीत कुमार चौधरी मुंबई से आने वाले व्यक्ति का नाम नीरज कुमार चौधरी उर्फ मुन्ना सभी ने एक पुरखों से यह परंपरा के बारे में बताया ‌ । वहीं व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण कुमार चौधरी सहित गोदाईपट्टी पंचायत के मुखिया पति विजय चौधरी गोदाई पट्टी पंचायत में मॉं सिंहासिनी देवी की  स्थल को पर्यटक स्थल बनाने का अथक प्रयास में लगे हुए हैं ।


मुखिया जी ने आगे बताया कि इसी मां सिंहासिनी देवी की देन है कि गोदाई पट्टी पंचायत में हमारे परिवार से 35 वर्षों से मुखिया का निर्वहन कर सहयोग
 व सेवा करते चले आ रहे हैं । 
मॉं सिंहासिनी देवी की पूजा अर्चना के साथ ही आसपास के हजारों लोग अपनी मांगलिक कार्यक्रम को सम्पन्न करते हैं । ग्रामीणों द्वारा इस चौर में तीन दिनों तक भारी मेले जैसा दृश्य बनाकर मॉं सिंहासिनी देवी की पूजा अर्चना करते हैं।
 वहीं मां सिंहासिनी देवी का सेवक गरीबन सहनी, मंदिर बनवाने हेतू लालायित है । 

उनके द्वारा पंचायत के सभी पदाधिकारी सहित जिला अधिकारी के साथ ही सरकार से प्रार्थना किया है कि गोदाई पट्टी पंचायत में स्थित चौर में विराजमान मां सिंहासिनी देवी की स्थल को पर्यटक स्थल बनाने का पुरजोर मांग करते हुए मंदिर बनाने में समर्थन किया है। 

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा स्टेट विधि चीफ ब्यूरो रविशंकर चौधरी अधिवक्ता की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित।

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित