गांव की संस्कृति बचाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा देना जरूरी- अनील अंशुमन

 गांव की संस्कृति बचाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा देना जरूरी- अनील अंशुमन

सदस्यीय दस्तक टीम गठित 

जसम के चर्चित रंगकर्मी अनील अंशुमन ने किया बैठक को संबोधित 

ताजपुर/समस्त्तीपुुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 14 मार्च, 2021 ) । बनी बनाई गांव- समाज की संस्कृति को कुछ गायक द्वारा टीआरपी बढ़ाने, पैसा कमाने के उद्देश्य से जब बर्बाद किया जाने लगा हो तब सांस्कृतिक गतिविधियां की जरुरी होती है और इस टास्क को पूरा किए बगैर बेहतर समाज नहीं बनाया जा सकता ।

ये बातें रविवार को स्थानीय मोतीपुर बंगली पर जन संस्कृति मंच की नाट्य- गायन- वादन टीम "दस्तक" के कार्यकर्ताओं के वर्कशॉप को संबोधित करते हुए जसम के चर्चित रंगकर्मी अनील अंशुमन ने कहा । उन्होंने कहा कि आज जान बुझकर गांव की सभ्यता- संस्कृति को बर्बाद किया जा रहा है ।

इसे बिकाऊ संस्कृति बनाकर दलित- गरीब- वृद्धा- महिला- बहन- बेटियों- किसान- मजदूरों को अपमानित किया जा रहा है ।  हमारी सदियों की परम्परा को एक झण नष्ट किया जा रहा है । ऐसे दौर में छात्र- नौजवान-किसान- मजदूरों- बुद्धिजीवियों को आगे आना होगा । उन्होंने कहा कि तमाम मर्ज की दवा सांस्कृतिक गतिविधि होता है । 


  मौके पर दीपक कुमार, विनोद शर्मा, उमेश शर्मा, मनोज कुमार सिंह, सत्यम शिवम, अरूण शर्मा, शंकर सिंह, शंकर सिंह, बंदना सिंह, ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह, बासुदेव राय, माले प्रखण्ड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, संजय शर्मा, हीरा सिंह समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे । 

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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