ढ़ोलक के ताल, डम्फा के थाप, झाल, करताल, मृदंग के मधुर आवाज के साथ परम्परागत होली गीत से सराबोर होकर देर रात तक झूमते रहे ग्रामीण

 ढ़ोलक के ताल, डम्फा के थाप, झाल, करताल, मृदंग के मधुर आवाज के साथ परम्परागत होली गीत से सराबोर होकर देर रात तक झूमते रहे ग्रामीण


होली गीत से झूमते रहे ग्रामीण, दस्तक टीम के सदस्यों के साथ

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट



"गर कोरोना चुनाव से भागता तो पूरे देश में एक साथ चुनाव करा दो जोगिरा सा रा रा रा"- सुरेन्द्र

समस्तीपुर(ताजपुर), बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 मार्च 2021) । ढ़ोलक के ताल, डम्फा के थाप, झाल, करताल, मृदंग के मधुर आवाज के साथ परम्परागत होली गीत से सराबोर होकर मंगलवार को  देर रात तक झूमते रहे ग्रामीण ।
कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए सेनेटाईजर, मास्क का प्रयोग कर, दूरी बनाकर चुनिंदे जसम से जुड़े नाट्य- गायन- वादन टीम "दस्तक" की टोली ग्रामीणों के साथ मोतीपुर वार्ड-12 स्थित हनुमान मंदिर से होली गायन शुरू किया जो पूरवारी  टोल फौजी दिनेश राय के घर होते हुए वार्ड- 10 दशरथ सिंह के घर होते हुए नेशनल हाईवे किनारे स्थित विश्वकर्मा मंदिर से गुजरते हुए वार्ड-13 के सीमा अमरेश सिंह के घर के पास चैतावर गाकर अगले वर्ष भी ऐसे ही कार्यक्रम करने एवं इसमें भाग लेने के निमंत्रण के साथ ही समाप्त हुआ !

कार्यक्रम के दौरान ताड़ी, शराब, गाजा, भांग आदि नशे से होने वाले नुकसान से जोड़कर होली- जोगिरे गाये गये. व्यवहार में समृद्ध और शालिन शब्दों का ईस्तेमाल करने एवं अपशब्द समेत कुसंस्कृति से बचने की हिदायत भी दी गई ।
  इस दरम्यान गायन टोली लोगों के घर- घर जाकर होली गीत और जोगिरा गाकर लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया !  जहाँ एक ओर परम्परागत होली गीत "बबुआ सरवन कुमार मत जईयो पनिया भरण को', "चललन वनमा की ओर अवध के राम रजवैया- संगवा चले लक्ष्मण सीता मईया" ने लोगों को गमगीन कर दिया वहीं "अखियाँ भईले लाल एक नींद सुते द बलमुआ", "कान्हा करे बलजोरी रे मईया मेरी मटुकिया फोरी" पर लोगों ने थिरकते दिखे !

समसामयिक राजनीतिक होली मसलन " उठअ् मजदूर- किसान देशवासियों के जुल्मी से बचाबअ्", " "मोदी करे बलजोरी किसनमा", "गांधी तेजलन प्राण टूटली भवनमा में जाईके" जैसे होली गाकर वर्तमान किसान- मजदूर विरोधी राज्य एवं केंद्र सरकार की आलोचना की गई ।
    जोगिरा सा रा रा रा से लोगों ने खूब मस्ती किया. कभी सत्ता पक्ष तो कभी विपक्षी पर निशाने लगाते रहे. " फागुन में मोदीजी एक बात बता दो- कालाधन कब आएगा राज बता दो", " महंगाई- रोजगार का मुद्दा गुम हो गया- हिंदु- मुसलमान डोलमडोल हो गया", एक तरफ मोदी- दूजे योगी राजा-यूपी के जनता के बजलई बाजा", "07 साल दुनिया घूमने में 07 अरब खर्चा-कालाधन- महंगाई पर मौन क्यों- पुलवामा पर क्यों नहीं चर्चा", "गर कोरोना चुनाव से भागता तो देश में एक साथ चुनाव करा दो" आदि जोगिरे से श्रोता नाचते- झूमते रहे ।


उक्त कार्यक्रम का नेतृत्व उमेश शर्मा, विनोद शर्मा, विसुन राय, कुशेश्वर राय, ढ़ूना राय, अर्जुन शर्मा, शंकर सिंह, बासुदेव राय, हीरा सिंह, अमरनाथ भगत, राजदेव प्रसाद सिंह, सुखलाल शर्मा, अशोक शर्मा, किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, जयदेव सिंह, संजीव कुमार, विनोद साह, चंद्रशेखर साह, भाकपा माले के सुरेंद्र प्रसाद सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने किया । इस कार्यक्रम का चहुंओर चर्चा है ।


जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा बिहार कार्यालय से प्रकाशित व प्रसारित । 

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