जानवर भी नहीं खाएगा वैसा गेहूं एफसीआई गोदाम से दिया गया डीलर को, बोरा खुलते ही उपभोक्ता रह गये हक्का-बक्का- सुरेन्द्र

 जानवर भी नहीं खाएगा वैसा गेहूं एफसीआई गोदाम से दिया गया डीलर को, बोरा खुलते ही उपभोक्ता रह गये हक्का-बक्का- सुरेन्द्र


मामले की गुप्त जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो वरना आंदोलन- सुरेन्द्र

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 26 अप्रैल 2021)। समस्तीपुर  जिला के ताजपुर प्रखंड के जन वितरण प्रणाली से राशन लेने आये उपभोक्ता उस समय हक्का-बक्का रह गये जब एफसीआई गोदाम से डीलर को मिला गेहूं का बोरा खोला गया. बोरा में गेहूं कम और कंकड़-पत्थर ज्यादा थे, उसमें भी छोटे- छोटे नहीं, कंकड़- पत्थर का आकार 25, 50, 100 ग्राम से लेकर करीब 2 किलो तक. देखने से कुछ कंकड़ सड़क ढ़ालने वाले प्रतीत होते हैं तो कुछ रेलवे लाईन वगैरह के बगल में डालने वाले पत्थर लगते हैं, वो भी एक- दो डीलर के यहाँ नहीं बल्कि प्रखण्ड के कई डीलरों के यहाँ, वो भी एक- दो बोरा में नहीं बल्कि दर्जनों बोरा में. नाम नहीं बताने के शर्त पर एक डीलर ने बताया कि बोरा ताजपुर के एफसीआई के गोदाम से दिया गया है। इससे पहले भी इस तरह का गेहूं- चावल कई बार दिया गया है. विरोध करने पर सुधार भी होता रहा है लेकिन इस बार तो हद हो गया । गेहूं के बोरा में इतना बड़ा- बड़ा कंकड़- पत्थर का पाया जाना समझ से पड़े हैं।
 पत्रकार द्वारा अधिकारी के समक्ष गवाही के लिए पूछे जाने पर एक डीलर ने बताया कि खुलकर विरोध करने का मतलब है उनका लाईसेंस रद्द हो जाना. ऐसे ही विरोध करने के कारण प्रखण्ड के कई डीलरों को पिछले वर्ष इसका दंश झेलना पड़ा है।


   इस बावत पूछे जाने पर भाकपा माले प्रखण्ड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि उनके पास इस मामले का पुख्ता सबूत मौजूद है। अगर गुप्त जा़ंच हो तो कई डीलर समेत जिनके सामने बोरा खोला गया वो उपभोक्ता भी गवाही देने को भी तैयार हैं।
  माले नेता सुरेन्द्र ने डीएसओ, अनुमंडलाधिकारी एवं जिलाधिकारी से मामले की जांच कर दोषियों पर कारबाई की मांग अन्यथा आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है. उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए जल्द भाकपा माले का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिलकर वस्तुस्थिति से अवगत कराकर कार्रवाई की मांग करेगा ।
  मामले की सच्चाई जानने के बाबत पूछे जाने पर माले नेता ने बताया कि उनके पास पुख्ता सबूत है. प्रशासन जांच टीम में माले के कार्यकर्ता को भी शामिल  करें, मामला अगर झूठा होगा तो वे खुद एफआईआर एवं जेल जाने के भागी होंगे ।

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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