सबूतों के आधार पर दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष जगदीश सक्सेना ने की शिकायत

 सबूतों के आधार पर दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष जगदीश सक्सेना ने की शिकायत 

स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य को क्या न्याय सम्मान मिलेगा या करनी पड़ेगी आत्महत्या

डायरेक्ट राष्ट्रपति बनाए जाने के दिशानिर्देश होने पर स्वतंत्रता सेनानी की बढ़ी परेशानियां  

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय रिपोर्ट 

 

भारत देश में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के खिलाफ साजिशों को अंजाम दिए जाते हों उस देश के गरीब आम नागरिक के साथ कैसे बर्ताव होते होंगे जिनसे पीड़ित होकर वह कभी भी आत्महत्या कर सकते हैं : जगदीश सक्सेना 

नई दिल्ली,भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन 10 अप्रैल 2021 ) । उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना की हत्या को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस की प्लानिंगनुसार मुख्य भूमिका निभाने वाली दिल्ली पुलिस ने अदालतों सरकारी विभागों के साथ आँख मिचौली खेलने वाले भू-माफिया मनीराम गुप्ता राजिंद्र कुमार गुप्ता ने 5-6 गुंडों के साथ जगदीश सक्सेना के धोखे में उनके बहनोई सुनील कुमार सक्सेना पर जानलेवा हमला करने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस की अधिकारी शकुंतला के बस चालक ने सुनील कुमार सक्सेना पर बस चढ़ा दी थी । जिन्हें राम मनोहर लोहिया हॉस्पीटल ले जाने पर उन्हें बचाया जा सकता था । लेकिन कांग्रेसी नेताओं के दवाब में उन्हें जानबूझकर बचाया नही गया ।जिनकी अधिक खून निकलने से मौत होने पर कश्मीरी गेट पुलिस ने आरोपी मनीराम गुप्ता, राजिंद्र कुमार गुप्ता, मेहरचंद प्रेमी उनके सहयोगी हत्यारों के खिलाफ हत्या का आरोप दर्ज करने की बजाए एफआइआर नंबर: 841/1995 में एक्सीडेंट केस बताया गया । उनकी हत्या से संतुष्टि नही हुई तो उनके पुत्र राहुल सक्सेना को जबरदस्ती साथ ले जाने वाले मेहर सिंह के बाद राहुल सक्सेना की लाश तक बरामद नही कराई गई । कांग्रेसी नेताओं और पुलिस की मिलीभगत से उत्तर प्रदेश के टूंडला में बनी चंद्रभान हवेली दिल्ली मे उनकी संपत्ति प्रोपर्टी पर कब्जे करवा दिए गए । जिनकी सीनियर सिटीजन 76 वर्षीय विधवा स्वतंत्रता सेनानी परिवार की सदस्या अदालतों के 25 वर्षों से चक्कर काटती रही । लेकिन उस बेचारी अबला को न्याय नही मिला । वहीं कांग्रेसी नेताओं के चाटूकार मनीराम गुप्ता ने दिल्ली पुलिस की प्लानिंगनुसार एफआईआर नंबर: 978/2006, धारा: 448/380-आईपीसी के अपराध को अंजाम पहुंचाने के बाद अपराधियों के सलाहकार मेहरचंद प्रेमी की सलाहनुसार उल्टा शिकायतकर्ता जगदीश सक्सेना उनके बड़े भाई श्रीकृष्ण सक्सेना के खिलाफ झूठी फर्जी याचिका दायर कर अदालतों सरकारी विभागों में बदल बदलकर ब्यान देने वाले आरोपियों को जब एहसास हुआ कि वह अपने जाल में खुद फंसने वाले हैं । जिनके खिलाफ 120, 201, 182, 191, 193, 420, 499, 500, 506, 508-आईपीसी के तहत अदालत के आदेश जारी हो सकते हैं । तब आरोपियों ने जगदीश सक्सेना के वकील ए.सी.पी गौतम को खरीदकर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के निरिक्षक की योजना से जगदीश सक्सेना को झूठे बेबुनियाद आरोपों मे लिप्त कराने के लिए अपराधियों के सलाहकार मेहरचंद प्रेमी ने अहम भूमिका निभाई । जिनकी योजनाओं को विफल करने के लिए जगदीश सक्सेना ने पहले ही सभी उच्च अधिकारियों के समक्ष शिकायत करते हुए जानमाल की गुहार लगाने के बाद जब उन्हें न्याय नही मिला । तब उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सबूत उपलब्ध कराते हुए शिकायत में सीबीआई में एफआइआर दर्ज कराने के लिए गुहार लगाते हुए कहा उनको आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले उनकी मौत के दोषी होंगे । आगे जगदीश सक्सेना ने मिडिया से कहा की जिस भारत देश में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के खिलाफ साजिशों को अंजाम दिए जाते हों उस देश के गरीब आम नागरिक के साथ कैसे बर्ताव होते होंगे जिनसे पीड़ित होकर वह कभी भी आत्महत्या कर सकते हैं ।

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा बिहार कार्यालय से प्रकाशित व प्रसारित ।

Comments