दहेज लोभी ससुराल वालों से आजिज महिला न्याय के लिए दर दर भटकने पर मजबूर
दहेज लोभी ससुराल वालों से आजिज महिला न्याय के लिए दर दर भटकने पर मजबूर
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद मुफ्फसिल थाना प्रभारी के क्रियाकलापों से आजिज महिला की पिता न्याय के लिए खटखटा रहें अधिकारियों का दरवाजा
जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट
पटना, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 12 भी 2021)। दहेज लोभी ससुराल वालों से आजिज महिला न्याय के लिए दर दर भटकने पर मजबूर है । मालूम हो की पीड़ित महिला व उसके पिता हजारी साह ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद मुफ्फसिल थाना प्रभारी के क्रियाकलापों से हमारी बच्ची दर दर की ठोकर खाने पर मजबूर हैं। पीड़ित महिला के पिताजी बताते हैं की शायद खगड़िया के मुफस्सिल थाना प्रभारी कानून की किताब अधिक पढ़े हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश होते हुये भी हमारी बच्ची को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर रखा हैं । जानकारी अनुसार महिला के साथ हुई किसी भी तरह की घटना को कहीं भी किसी थाना में एफ० आई० आर० दर्ज कराने का प्रावधान रहते हुए भी मुफस्सिल थाना प्रभारी महोदय यह कहते हैं जहां घटना हुई वहीं के थाना में जाकर एफ० आई० आर० दर्ज कराओ ।
महिला ने अपनी शिकायत नेशनल ह्यूमस राइट्स के पटना जिलाध्यक्ष उजैन्त कुमार सहित रिसर्च एण्टीकरप्सन एंड क्राईम इंवेस्टीगेशन के प्रमण्डलीय उपाध्यक्ष राजेश कुमार वर्मा के पास अपनी आपबीती बताते हुए न्याय दिलाने की मांग की है ।
जिलाध्यक्ष उजैन्त कुमार ने बताया कि मुफस्सिल थाना खगड़िया के एस. एच. ओ महोदय से बात कर मामला दर्ज करने की बात कहीं उतने में ही एस.एच.ओ महोदय ने तपाक से श्री उजैन्त को दुरभाष पर ही बोल दिया कि आप इतने बड़े पद पर हैं । आप इसकी शिकायत बेलदौर थाना में क्यों नहीं कर रहे हैं,जहां घटना हुई है।
उजैन्त कुमार ने यह बात कहते हुए की महिला के मामले का एफ. आई. आर. कहीं भी किसी थाने में दर्ज कराई जा सकती है । इसके बाबजूद भी उन्होंने आजतक एफ. आई. आर. दर्ज करने से कर रहे हैं इंकार । बेलदौर थाना प्रभारी आरोपी के मेल में आकर मुकदमा दर्ज नहीं कर रहे हैं । इस आशय की सुचना पुलिस अधीक्षक से की है । फिर भी पीड़िता दर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हैं । लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।
जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/संपादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित।
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