कोरोना से पति की हुई मौत तो पत्नी ने पीपीई कीट पहन पति को दिया मुखाग्नि,

 कोरोना से पति की हुई मौत तो पत्नी ने पीपीई कीट पहन पति को दिया मुखाग्नि, 

जनक्रांति कार्यालय से नवीन कुमार सिन्हा की रिपोर्ट 

          पति को पीपीई कीट पहन पत्नी ने दिया मुखाग्नि 

दरभंगा, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 16 मई,2021 )।

कोरोना से पति की हुई मौत तो पत्नी ने पीपीई किट पहन पति को दिया मुखाग्नि, विपरीत परिस्थिति में पति का नही छोड़ा साथ। बहादुरी के साथ निभाया अपना फर्ज, परिवार के सभी रिस्तेदार ने मोड़ा मुह, कबीर सेवा संस्था ने किया सहयोग।

देर रात दरभंगा में किया संस्कार - 
कोरोना आम और खास लोगो को सिर्फ जिंदगी ही नही छीन रहा बल्कि कैसे रिश्ते नाते - दोस्त यार - अपने पराए सभी को दूर कर रहा है  इसका जीता जागता उदाहरण बिहार के दरभंगा में देखने को तबमिला जब एक अकेली महिला अपने पति का शव को लेकर न सिर्फ दरभंगा शमशान दाहसंस्कार करने पहुँची बल्कि खुद पीपीई किट पहन कर पति को मुख्यग्नि देकर अपना पत्नी धर्म हिम्मत के साथ निभाई । इस काम मे जब अपनो ने मुह फेरा तो कबीर सेवा संस्था के लोगो ने महिला की मदद दाहसंस्कार में किया ।


    दरअसल समस्तीपुर की रहने वाली महिला मीना देवी का पति हरिकांत राय कोरोना संक्रमित हो गया इसके बाद रोसड़ा अनुमंडल अस्पताल में  भर्ती कराया जब हरिकांत राय की तबियत ज्यादा खराब हुई तो रोसड़ा अस्पताल से उसे DMCH दरभंगा अस्पताल भेज गया । दरभंगा के कोरोना वार्ड में इलाज़ के दौरान उसकी मौत हो गई । मृतक की पत्नी से अपने सभी रिस्तेदारो को इसकी सूचना भी दी लेकिन सिवाय अश्वशन के अलावा कोई मदद को आगे नही आया । अंतिम संस्कार के लिए महिला ने कई घण्टो तक अपने परिजनों का इंतज़ार किया लेकिन जब कहि से मदद नही मिली तब अकेले अपने पति का अंतिम संस्कार करने की ठानी इसी बीच उसने कबीर सेवा संस्था से संपर्क कर मदद मांगी और करीब मौत के अठारह घंटे बाद अपने पति के शव को एम्बुलेंस पर लाद महिला अकेले ही शमशान पहुच गई जहाँ कबीर सेवा संस्था के लोगो की मदद से महिला ने पीपीई किट पहन कर अपने पति को न सिर्फ मुख्यग्नि दी बल्कि विपरीत परिस्थिति में अपने हिम्मत और हौसले का अद्भुद परिचय दिया । 


आश्चर्य की बात यह है कि जब महिला शव को लेकर मुक्तिधाम पहुची इसके बाद  तीन चार उनके रिश्तेदार वहा पहुचे जरूर लेकिन सभी सिर्फ तमाशबीन बने रहे और काफी दूरी भी बनाये रहे कोरोना का भय इस कदर उनके रिस्तेदार पर हावी था कि मुख्यग्नि देने वाली महिला को उनके रिस्तेदार अपने साथ अपने बाइक या दूसरी सवारी से ले जाने के लिए भी तैयार नही हुए । अंत मे कबीर सेवा संस्था के लोगो ने जिला प्रशासन से मदद मांगी फिर महिला को देर रात उसके घर भेजा गया ।
    पीड़ित महिला मीना देवी ने भी खुद बताया कि पति के मौत के बाद कैसे उनके परिजन और सबी रिस्तेदार ने मुह फेरा फिर वे अकेले अपने पति का शव लेकर यहाँ अंतिम संस्कार के लिए पहुची कोई मदद नहीं किया अठारह घण्टे शव पड़ा रहा अब जबकि हम मुख्यग्नि दे रहे है और अपने पति के साथ लगातार बने तबे इस कारण यहाँ पहुचे उनके रिस्तेदार उन्हें साथ भी ले जाना नहीं चाहते । महिला ने बताया कि गाव में एक अष्टजाम था पति वहा गए थे संभवत यही वे कोरोना संक्रमित हो गए । तीन उनके छोटे छोटे बच्चे है जिन्हें छोड़ कर अपने पति के इलाज़ के लिए अकेले दरभंगा पहुची थी ।


     कबीर सेवा संस्था के संस्थापक नवीन सिन्हा ने महिला के हिम्मत की तारीफ करते हुए कहा कि अकेली महिला को उनके संस्था के लोगो के साथ वे खुद मौके पर मौजूद थे और अंत्येष्टि में यथासंभव मदद किया। महिला को पीपीई कीट पहना कर पूरी सुरक्षा मानक अपनाने के बाद उससे मुख्यग्नि दिलाई गई। जब परिजन उन्हें अपने साथ ले जाने को तैयार नही हुए तो जिला प्रशासन से मदद मांग उंसे भेजा गया । परिजनों की मदद की आस में तकरीबन अठारह घण्टे तक महिला शव के साथ अकेली रही। जब सभी तरफ से निराश हो गई तब अकेले अपने पति का अंतिम संस्कार करने पहुच गई।

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा नवीन कुमार सिन्हा की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित