डॉ. कपिलदेव नारायण सिंह,पूर्व प्राचार्य एलएस काॅलेज का हुआ निधन, शिक्षाविदों,समिति कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों तथा सामाजिक संगठनों ने किया शोक व्यक्त

 डॉ. कपिलदेव नारायण सिंह,पूर्व प्राचार्य एलएस काॅलेज का हुआ निधन, शिक्षाविदों,समिति कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों तथा सामाजिक संगठनों ने किया शोक व्यक्त 

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट 

      फाईल फोटो : पूर्व प्राचार्य डॉ०कपिलदेव सिंह एल० एस० कॉलेज

समस्तीपुर,बिहार । डॉ. कपिलदेव नारायण सिंह,पूर्व प्राचार्य एलएस काॅलेज का हुआ निधन, शिक्षाविदों,समिति कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों तथा सामाजिक संगठनों ने किया शोक व्यक्त । मिली जानकारी मुताबिक बताया जाता है कि एलडीएम पी.के. सिंह ने बताया कि उनके पिता डॉ. कपिलदेव नारायण सिंह, पूर्व प्राचार्य एलएस काॅलेज का निधन बुधवार को हो गया। उनके निधन पर शिक्षाविदों, समिति कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों तथा सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। डॉ. कपिलदेव नारायण सिंह वर्ष 2001 में एलएस कॉलेज, मुजफ्फरपुर के प्राचार्य पद से अवकाश प्राप्त किए थे। इससे पहले लगभग 21 वर्षों तक विभिन्न कॉलेजों में प्राचार्य के पद पर उन्होंने अपनी सेवा दी। डॉ. सिंह ने अपनी नौकरी की शुरुआत वर्ष 1965 में आरके गोयंका कॉलेज सीतामढ़ी में व्याख्याता के रूप में की थी। इसके बाद कई वर्षों तक वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष के रूप में रामेश्वर सिंह कॉलेज में उन्होंने अपनी सेवा दी वर्ष 1980 में यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन की ओर से सबसे कम उम्र में प्राचार्य के पद पर नियुक्त हुए। इसके बाद लगातार कई कॉलेजों में प्राचार्य के पद रहे। मोतीपुर जीवछ कॉलेज, नितिश्वर कॉलेज, एमएस कॉलेज मोतिहारी, एके काॅलेज, श्री नारायण काॅलेज मोतिहारी, रामेश्वर कॉलेज और एलएस कॉलेज में 21 वर्षों तक व प्राचार्य के रूप में कार्यरत रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एलएस कॉलेज में अनुशासन और शिक्षा में कई नए प्रयोग किए। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सदस्य के रूप में भी हुए लंबे समय तक रहे। इसके अलावा शिक्षा संघ के सचिव समेत अन्य कई पदों पर विश्वविद्यालय में रहे। विश्वविद्यालय में कई सेवानिवृत्त शिक्षक कहते हैं कि डॉ. सिंह मृदुभाषी होने के साथ ही साथ उनमें गजब की प्रशासनिक क्षमता थी और अपनी इस क्षमता की वजह वे कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालय में लोकप्रिय थे। यही वजह थी कि कई अलग-अलग पदों पर रहकर उन्होंने शिक्षा में कई नए आयाम जोड़े। उनके दो पुत्र पंकज कुमार सिंह एवं पवन कुमार सिंह हैं। उनके निधन पर प्रो. चंद्र कुमार सिंह, प्रो. दिनेश्वर प्रसाद सिंह, प्रो. हरि नारायण सिंह, औसेफा निदेशक देव कुमार समेत कई शिक्षकों ने शोक करते हुए कहा कि उनके निधन से शिक्षा जगत को एक अपूर्णीय क्षति हुई है।

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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