जनक्रांति संदेश : हिम्मत रखिए सबके साथ प्रकाशन परिवार की दुआएं साथ हैं ।
जनक्रांति संदेश : हिम्मत रखिए सबके साथ प्रकाशन परिवार की दुआएं साथ हैं ।
मैं दूसरी बार कोविड पोजिटिव हुई बहुत दर्दनाक कहानी है कोई भी साथ नहीं था अकेले कमरे में बन्द थी और मेरा आक्सीजन लेवल 60-65के साथ ही ब्लड प्रेशर भी गिरता गया। और मेरे हाथ पांव सुन्न हो गये थे
किसी तरह हास्पिटल तक पहुंच गई परन्तु वहां पहुंचते ही मैं बेहोश हो गई और व्यवस्थाएं दुरुस्त है सभी लोग जानते हैं।
परन्तु मैं ठीक हो गई
जबकि मैं शारीरिक रुप से पहले से ही कमजोर हूं ।
हिम्मत और विश्वास मुझमें बहुत है
मैं कुछ भी सकारात्मक करने से कभी नहीं घबराती ।
आक्सीजन की कीमत मुझे अब समझ आयी है, मैं थोड़ा ठीक होते ही पेड़ लगाने पार्क में चली गई ।
उन पौधों को सींचने के लिए पानी की भी जरुरत पूरी कर आई ।
सभी को संदेश देती हूं कृप्या हिम्मत और विश्वास रखें सब कुछ ठीक होगा ।
हम सब मिलकर कोविड को हरायंगे ।
कोविड हारेगा देश जीतेगा ।
मेरा पूरा देश जीतेगा ।
मेरे देशवासी जीतेंगे ।
जो हमें छोड़कर चले गए हैं उनके नाम का एक पेड़ आज ही लगाएं ,
दुआं करिए कि कोई भी अब हमारे बीच से यूं न जाए।।
मानव सभ्यता बचाने में सहायक बनें ।
आओ हम सब मिलकर आगे आएं । कोरोना को दुर भगाऐंं ।
जनक्रांति प्रकाशन परिवार
अनील कुमार खगड़िया
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