अर्थव्यवस्था चौपट कर जनसंख्या पर कंट्रोल करने के लिए चल रहे मौत के खेल :जगदीश सक्सेना

 अर्थव्यवस्था चौपट कर जनसंख्या पर कंट्रोल करने के लिए चल रहे मौत के खेल :जगदीश सक्सेना 

अर्थव्यवस्था को चौपट कर जनसंख्या को कंट्रोल करना ही पूरी दुनियां के लिए अभिशाप बन जाएगा : जगदीश सक्सेना 

 जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट 

5जी टेस्टिंग को रोक दिया जाए तो मौत के तांडव में परिवर्तन लाया जा सकता है ।

     समाचार डेस्क नई दिल्ली,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन 07 मई 2021 ) । अंतरराष्ट्रीय लेबल पर चल रहा मौत का तांडव 2024 से 2025 तक जारी रहेगा  डब्ल्यूएचओ की प्लानिंग के मुताबिक़ अर्थव्यवस्था को चौपट कर जनसंख्या को कंट्रोल करना ही पूरी दुनियां के लिए अभिशाप बन जाएगा । जिसके लिए स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना पहले से ही भविष्यवाणी करते रहे हैं । सक्सेना ने बताया 5जी टेस्टिंग को रोक दिया जाए तो मौत के तांडव में परिवर्तन लाया जा सकता है लेकिन विनाश काले विपरीत बुद्धि जब मनुष्य के विनाश का समय आता है तो उसकी बुद्धि विपरीत कार्य ही करती है कुदरत कभी अपने उप्पर विलेम्ब नही लेती वह सदैव मनुष्य को ही बुद्धिहीन कर देती है । पाँच राज्यों में चुनाव के खत्म होते ही 5जी रेडिएशन की गति को बढ़ाया जाएगा । जिससे मौत के तांडव शुरू हो जाएंगे । जिसे चुनावी रैली का बहाना बताया जाएगा 03 से 07 अक्तूबर 2020 के दरमियान औरंगाबाद में कोरोंना के 03 मरीजों की मृत्यु हुई थी बाकि 120 मरीजों की मौत अलग-अलग बिमारियों से हुई थी लेकिन उन्हें जानबूझकर कोरोंना मरीज बताया गया ताकि देशवासियों को कोरोंना के भय से भयभीत किया जा सके हॉस्पीटलों में रेमडेसविर होने वाली 90% मौत मास्क लगाने पर मजबूर करना आक्सीजन की कमी को उजागर करती है । 1.2/1.3 की बजाए फ्रीक्वेंसी को 2.3/2.4 बढ़ाते ही टाँवर की रेंज के पास खड़े 09 व्यक्तियों की नाशिक में तत्काल ही मृत्यु हो गई थी । जब महाराष्ट्र में मौत के खेल चल रहे थे तब गुजरात में इंडिया इंग्लैंड के मैच चल  रहे थे । उस समय गुजरात में बिलकुल ठीक ठाक था मैच के खत्म होते ही 5जी फ्रीक्वेंसी को 15 दिनों के लिए बढ़ाया गया जिससे गुजरात में मौत का तांडव शुरू हो गया । मुम्बई में लॉकडाऊन लगने से महामारी कम नही हुई बल्कि रेडिएशन की मात्रा को घटाया गया । वहीं गुजरात नागपुर उत्तर प्रदेश में बढ़ाएं जाने से मौत का खेल शुरू हो गया । जिसे कोरोंना का नाम दिया गया । जिससे पब्लिक में भय बना रहे । वहीं नवम्बर दिसंबर के महीने में 5जी फ्रीक्वेंसी बढ़ाने से जनवरी में रेडिएशन के कारण पक्षियों की मौत हुई । जिसे चाटूकार मिडिया ने बर्ड फलू का नाम दिया । जबकि उस दौरान कोई बर्ड फलू नही था बल्कि रेडिएशन से पक्षियों की मौत हुई जिसका असर मासूम बच्चों पर भी हुआ सितंबर अक्तूबर में कोरोंना का नामोनिशान मिट गया था । बिहार में चुनावी रैलियां चल रही थी । उसी दौरान ब्रिटेन में न्यू कोरोंना की खबरें मिडिया में चलाई गई नवंबर दिसंबर के महीने में महाराष्ट्र में कर्फ्यू लगाया गया । पब्लिक उपहास उड़ाते हुए कहने लगी ये कैसी महामारी है जो दिन में गायब हो जाती है और रात्रि में फैलती है । स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना ने कहा निर्दोष बेगुनाहों की मौत का खेल ही दुष्ट पापी राक्षसों की मौत का कारण बनेगा । 

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा बिहार कार्यालय से प्रकाशित व प्रसारित । 

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