पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने का निर्णय आत्मघाती होगा साबित - माले

 पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने का निर्णय आत्मघाती होगा साबित  - माले

03 जून को माले करेगा एक बार फिर पूरे जिले में प्रतिवाद- उमेश कुमार

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट 


यदि कार्यकाल बढ़ाने का नियम नहीं था तो सरकार अध्यादेश ला सकती थी- सुरेन्द्र प्रसाद सिंह

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 02 जुन, 2021)। भाकपा-माले जिला सचिव प्रो० उमेश कुमार ने पंचायतों को भंग किए जाने के सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की है । उन्होंने कहा है कि बिहार की जनता की मांग को भाजपा- जदयू की बिहार सरकार ने अनसुना कर दिया है और नीतीश कुमार केंद्र सरकार की तरह तानाशाही चला रहे हैं । जनप्रतिनिधियों की भूमिका को कम करना इस भयावह दौर में आत्मघाती साबित होगा । 
  कोविड के प्रति जागरूरकता अभियान में पंचायत प्रतिनिधियों के अनुभव का बेहतर इस्तेमाल हो सकता था लेकिन सरकार ने इस पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया । यदि पंचायतों के कार्यकाल बढ़ाने का कोई नियम नहीं था तो क्या सरकार अध्यादेश नहीं ला सकती थी? दरअसल, सरकार की मंशा ही कुछ और थी । 
  सरकार के इस अलोकतांत्रिक निर्णय के खिलाफ भाकपा माले एक बार फिर अपने राज्यव्यापी विरोध दिवस के तहत 03 जून को पूरे जिले में प्रतिवाद कार्यक्रम करेगी ।
   बुधवार को इस आशय का प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जानकारी देते हुए पंचायत प्रतिनिधियों से भी लाकडाउन का पालन करते हुए अपने- अपने घरों में धरना- प्रदर्शन कर इसे सोशल साइट्स पर अपडेट कर सरकार तक आवाज पहुंचाने की अपील की है । 

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय द्वारा प्रकाशित व प्रसारित ।

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