अभाविप : राष्ट्रीय विचार यात्रा के 73 साल 09 जुलाई, राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस की शुभकामनाएं

 अभाविप : राष्ट्रीय विचार यात्रा के 73 साल 09 जुलाई,

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस की शुभकामनाएं 


           अभाविप : राष्ट्रीय विचार यात्रा के 73 साल

जनक्रांति समाचार डेस्क/नई दिल्ली, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 जुलाई,2021 ) । अभाविप : राष्ट्रीय विचार यात्रा के 73 साल 09 जुलाई, राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस की शुभकामनाएं । सन् 1947 में देश को मिली आज़ादी के तुरंत बाद देश को आगे ले जाने की जिम्मेवारी अगर किसी पर सबसे ज्यादा थी तो वह युवा वर्ग पर । राष्ट्रभक्ति से प्रेरित राष्ट्र प्रथम की भावना लिए युवाओं की टोली ने 1948 में शैक्षिक परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के रूप में काम करना शुरू किया, जिसका विधिवत पंजीयन 09 जुलाई 1949 को हुआ। इसलिये नौ जुलाई को प्रत्येक वर्ष अभाविप देश भर में राष्ट्रीय छात्र दिवस के रूप में मनाती है। नौ जुलाई को जो बीज परिषद के रूप बोया गया था वह आज विशाल वट वृक्ष का रूप ले चुका है।
स्थापना की पृष्ठभूमि
 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, स्वाधीनता के पश्चात अपने भारत की हजारों वर्षो पुरानी गौरवशाली एवं वैभवशाली परम्पराओं को ध्यान में रख कर उसे पुनः आधुनिक , विकसित, एवं परिस्थितिजन्य दोषों से मुक्त कर भारत को एक शक्तिमान, समृद्धशाली एवं स्वाभिमानी राष्ट्र के रूप में पुनः निर्माण कर उसे राष्ट्रमलिका में गरिमापूर्ण स्थान दिलाने के भव्य उद्देश्य से प्रतिबद्ध हुआ है ।
उद्देश्य
ज्ञान शील एकता का ध्येय लेकर अभाविप राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के व्यापक संदर्भ में कार्य करने का लक्ष्य सामने रखकर अखिल भारतीय छात्र संगठन के रूप में समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में शिक्षा परिवार की सामूहिक अंतर्निहित शक्ति में विश्वास रख के रचनात्मक कार्य मे छात्रों के कर्तव्य का संयोजन करने वाला एवं दलगत राजनीतिक से ऊपर रह कर रचनात्मक गतिविधियों का निरंतर संचालन करने वाला संगठन है।
स्वरूप शिक्षा परिवार-
परिषद में शिक्षक, शिक्षार्थी , शिक्षाविद  शिक्षा परिवार के रूप में काम करते है। विद्यार्थी परिषद में बड़ी संख्या में शिक्षक भी विद्यार्थियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हैं । खास बात यह है कि यहां शिक्षक मार्गदर्शक या निदेशक की तरह नहीं वरन सहयोगी कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हैं।  कार्य में शिक्षकों की प्रत्यक्ष भूमिका के बावजूद भी विद्यार्थी परिषद ने अपना स्वरूप छात्र संगठन का बनाए रखने में सफलता प्राप्त की है विद्यार्थियों की कैंपस की और समाज जीवन में खड़ी होने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना विद्यार्थी परिषद ने किया है किंतु शिक्षकों की पेशेवर किसी भी  मांग को लेकर विद्यार्थी परिषद ने कभी भी आंदोलन नहीं किया है कारण यही है कि विद्यार्थी परिषद एक छात्र संगठन है एक व्यापक छात्र आंदोलन हैं।
परिषद के प्रमुख कार्यक्रम
 विद्यार्थी परिषद वर्ष पर्यंत छात्रों के मध्य सक्रिय रहने वाला संगठन है प्रवेश से लेकर परीक्षा तक,  अवकाश के दिनों और  पुनः प्रवेश प्रक्रिया तक अर्थात  पूरे वर्ष विद्यार्थी परिषद में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां द्वारा सक्रियता बनी रहती हैं कुछ कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर के होते हैं जिन्हें सभी इकाइयां करती है। कुछ कार्यक्रम स्थानीय आवश्यकता परिस्थिति एवं महत्व के आधार पर भी आयोजित किए जाते हैं मुख्य रूप से देश भर में विद्यार्थी परिषद के 4 राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित होते हैं जो इस प्रकार हैं -
- 09 जुलाई राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस (09 जुलाई 1949 को विद्यार्थी परिषद का विधिवत पंजीकरण हुआ था इस कारण से इनका विद्यार्थी परिषद के लिए विशेष महत्व है इस दिन को विद्यार्थी परिषद राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस स्टूडेंट डे के रूप में मनाती है देश की सभी इकाइयों पर इस दिन विशेष आयोजन किए जाते हैं छात्र संस्कार और सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है)
- 19 नवंबर , स्त्री शक्ति दिवस (19 नवंबर का दिन परम वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का जन्म दिवस है विद्यार्थी परिषद इस दिन को स्त्री शक्ति दिवस के रूप में मनाती हैं।
- 06 दिसंबर - सामाजिक समरसता दिवस (पूजनीय बाबा साहब अंबेडकर जीके पुण्य तिथि 6 दिसंबर को विद्यार्थी परिषद देशभर में सामाजिक समरसता दिवस के नाते मनाती हैं और सामाजिक समरसता की प्रेरणा और संस्कार देने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करती है।)
-12 जनवरी - राष्ट्रीय युवा दिवस (परिषद के विभिन्न कार्यक्रमों में से यह अत्यंत अत्यंत महत्वपूर्ण है युवाओं के प्रेरणा पुंज स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिन विद्यार्थी परिषद के प्रयासों से देशभर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में स्थापित हुआ है विद्यार्थी परिषद की सभी इकाइयां इस दिन जोश उत्साह और उमंग के साथ स्वामी जी के जीवन से प्रेरणा लेने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं।)
अभाविप की वैज्ञानिक प्रामाणिक कार्यपद्धति की प्रमुख विशेषता
1949  से लेकर वर्तमान में 2019 तक 70 वर्षों की विद्यार्थी परिषद की यह यात्रा हर प्रकार से अद्भुत अनुपम और प्रेरणादायक है । छात्रों के प्रवाहमान समूह का संगठन बनाकर उसे सतत रूप से स्थाई और क्रियाशील बनाए रखना अपने आप में उल्लेखनीय  है। दीर्घावधि की इस यात्रा में अनेकानेक कार्यकर्ताओं का जीवन समर्पण हुआ है और उस समर्पण से निकलती है इसकी कुछ अद्भुत विशेषताएं जिनके कारण से यह संगठन सतत क्रियाशील है।  सामूहिकता , अनोपचारिकता, पारस्परिकता , अनामिकता , आदि को  टीम, बैठक, सामूहिक निर्णय , कार्यक्रम योजना के माध्यम से लागू करना ,इन सब शब्दों को विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने अपने जीवन और आचरण में डाला है कार्य पद्धति की इन विशेषताओं पर अडिग रहने के कारण ही विद्यार्थी परिषद ने देश के सामने श्रेष्ठ नागरिकों की एक बड़ी संख्या प्रस्तुत की है
अभाविप की सैद्धांतिक भूमिका
- राष्ट्रीय पुनर्निर्माण
- रचनात्मक दृष्टिकोण
- दलगत राजनीति से विलग स्वायत विद्यार्थी संगठन
*परिषद के उदघोष*
 - विद्यार्थी परिषद की कार्यपद्धती और उसके लक्ष्य को परिषद के ध्येय वाक्यों से समझा जा सकता है।  यह ध्येय वाक्य कुछ शब्दों का समुच्चय मात्र नहीं है यह अपने आप में पूरा जीवन दर्शन है।  जैसे -
१आज का छात्र आज का नागरिक
२ सत्ता नही समाज बदलना हमारा लक्ष्य
३-छात्रशक्ति - राष्ट्रशक्ति
४ज्ञान शील  एकता - परिषद की विशेषता। 
परिषद का कार्यक्षेत्र
परिसर विश्विद्यालय, महाविद्यालय, +2 विद्यालय, छात्रावास, कोचिंग  जहाँ छात्र वहाँ हमारा कार्यक्षेत्र है ।
अभाविप के प्रमुख आंदोलन
 विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल यानी 1949 से लगातार क्रियाशील छात्र हितों के साथ साथ राष्ट्रीय एवं सामाजिक मुद्दों पर अनेक सार्थक और सफल आंदोलन किए हैं ।उनका समाज जीवन पर व्यापक प्रभाव भी पड़ा है विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रारंभ किए गए कई आंदोलन आगे चलकर जन आंदोलनों में बदले जिन्होंने व्यवस्था परिवर्तन के लिए भी भूमिका का निर्माण किया परिषद के कुछ बड़े आंदोलनों में निम्न विशेष उल्लेखनीय हैं - 
-भारतीयकरण आन्दोलन 1948-49 
-असम आंदोलन 1971
 - (आपातकाल) नवनिर्माण आंदोलन 1974-75
- कश्मीर आंदोलन 1990-91
-परिसर बचाओ आंदोलन 1994
- शिक्षा का भारतीयकरण 2002
- भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन YAC
परिषद के कार्य
 स्थापना काल से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देश व्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है। आज इस संगठन से जुड़े रहे लोग समाज-जीवन के हर क्षेत्र में सक्रिय हैं और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ और कश्मीर से धारा ३७० को हटाने के लिए विद्यार्थी परिषद समय-समय पर आदोलन चलाते रहा है। बांग्ला देश को तीन बीघा भूमि देने के विरुद्ध परिषद ने ऐतिहासिक सत्याग्रह किया था। विद्यार्थी परिषद् देशभर के अनेक राज्यों में प्रकल्प चलाती है। बिहार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नाम सबसे ज्यादा रक्तदान करने का रिकॉर्ड है। इसके अतिरिक्त निर्धन मेधावी छात्र, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिय़े निजी कोचिंग संस्थानों में नहीं जा सकते उनके लिये स्वामी विवेकानंद नि:शुल्क शिक्षा शिविर का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय एकात्मकता का भाव लिए अभाविप हरेक साल अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन (SEIL) का आयोजन करती है जिसके अंतर्गत दूसरे राज्य में रहने वाले छात्र अन्य राज्यों में प्रवास करते हैं और वहां की संस्कृति और रहन-सहन से परिचित होते हैं।
मुखपत्र
हिंदी - अंग्रेजी में नई दिल्‍ली से प्रकाशित ‘राष्‍ट्रीय छात्रशक्ति’ अ.भा. विद्यार्थी परिषद् का मुखपत्र है। यह शिक्षा क्षेत्र की प्रतिनिधि पत्रिका है।
परिषद के आयाम
- समय के साथ साथ और कार्य विस्तार की आवश्यकता के अनुरूप विद्यार्थी परिषद के काम में विभिन्न आयाम जुड़ते रहे हैं जैसे चिकित्सा क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए मैडिविजन कृषि क्षेत्र के में उच्च शिक्षा प्राप्त करें विद्यार्थियों के लिए एग्री विजन बड़े प्रबंध संस्थानों में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए थिंक इंडिया जैसे श्रेष्ठ आयाम खड़े हुए हैं। परिषद के इन आयामों में एक विशेष आयाम है wosy । वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन ऑफ स्टूडेंट एंड यूथ। 
प्राचीन काल में भारत विश्व गुरु रहा है दुनिया भर के लोग भारत के गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करने आया करते थे आज भी दुनिया के अनेक देशों के विद्यार्थी भारत में शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते हैं उन विद्यार्थियों को भारतीय चिंतन के साथ जोड़ना उन्हें भारतीय संस्कृति से जोड़ना ताकि वे दुनिया भर में भारत और भारतीयता के एक ब्रांड एंबेसडर के रूप में  भूमिका निर्वाह कर सके उसके लिए विद्यार्थी परिषद का एक यह विशेष आयाम है wosy...इसके माध्यम से  विश्व के अनेक देशों के विद्यार्थियों से परिषद का प्रत्यक्ष सम्बन्ध हैं। कुछ महत्वपूर्ण भारतीय त्योहारों पर wosy के माध्यम से दुनिया भर के,  भारत में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष आयोजन भी होते हैं जैसे - होली - दीपावली स्नेह मिलन।
गतिविधियाँ
SFD( विकासार्थ विद्यार्थी अर्थात स्टूडेंट्स फ़ॉर डेवलपमेंट)
SFS(स्टूडेंट्स फ़ॉर सेवा)
राष्ट्रीय कला मंच
कार्य
-जनजाति कार्य,
 छात्रा कार्य, 
केंद्रीय विश्वविद्यालय कार्य, 
राज्य विश्विद्यालय कार्य, 
निजी विश्विद्यालय कार्य आदि
प्रकल्प
सील, 
अनुभूति, 
YVK , 
बुकबैंक , 
कोंचिंग आदि 
*व्यवस्था*
कार्यालय
कोष 
जनसंपर्क
मीडिया
सोशल मीडिया, 
ट्रस्ट आदि
परिषद का प्रभाव
- परिषद ने समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में नेतृत्व देने का कार्य किया है। आज हम नीति निर्माण में योगदान दे रहे है आज देश के विद्यार्थियों की सबसे बड़ी आवाज परिषद है ।
परिषद की आगामी दिशा
 -   आज परिषद से अपेक्षा बढ़ी है   , विश्विद्यालय स्तर पर  शैक्षणिक परिषद का गठन ,  पाठ्यक्रमों का पुनरवलोकन
 और बदलाव, ABVP ओवरसीज -सार्क यात्रा , ICYD वैश्विक विस्तार आदि । उपरोक्त जानकारी अवनीश त्यागी निवर्तमान संगठन मंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मेरठ 
द्वारा प्रेस कार्यालय को दिया गया । 

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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