राजीव गांधी हत्याकांड के हत्यारों को बचाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय से बढ़कर समझने वाली अपराधी संरक्षण एजेंसी सीबीआई शिकायतकर्ता को पकड़वाना चाहती है.. लॉलीपॉप : जगदीश सक्सेना

 राजीव गांधी हत्याकांड के हत्यारों को बचाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय से बढ़कर समझने वाली अपराधी संरक्षण एजेंसी सीबीआई शिकायतकर्ता को पकड़वाना चाहती है.. लॉलीपॉप : जगदीश सक्सेना


दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस सत्यनारायण ढिंगरा की अदालत से अगस्त 2007 में केंद्र सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री डा०मनमोहन सिंह को नोटिस जारी करते हुए अदालत ने जानना चाहा कि राजीव गांधी हत्याकांड में नए तथ्यों के सामने आने पर केस को दुबारा क्यों नही खोला जाना चाहिए..?

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

सरकार डेस्क/नई दिल्ली(जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन 27 जुलाई 2021)। दिल्ली उच्च न्यायालय से जारी किए गए नोटिस पर भ्रष्टाचार में लिप्त राजीव गांधी हत्याकांड के साजिकर्ताओं में शामिल डॉ० मनमोहन सिंह की सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के मास्टरमांइड मुख्य दोषियों के सहयोग में राजीव गांधी हत्याकांड के केस को खोलने से साफ इंकार कर दिया था। जो किसी संदेह से परे नही है। सबूतों के आधार पर सीबीआई में अपने लिखित ब्यांन दर्ज कराने वाले स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना ने भारत की स्वतंत्र जांच एजेंसी कहे जाने वाली सीबीआई के पूर्व जांच अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगा सीबीआई पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा की देश की सर्वोंच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को गुमराह करते हुए 10 जनपथ के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज न खंगालते हुए राजीव गांधी की सुरक्षा व्यवस्था पर जानबूझकर सवाल खड़े नहीं करने से साबित हो जाता है कि दाल में काला ही नहीं पूरी की पूरी दाल ही काली है । स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना ने देश की स्वतंत्र जांच एजेंसी सीबीआई को भ्रष्टाचारियों, अपराधियों, भू-माफियाओं, घोटालेबाजों, मुखबिरों का अड्डा बताते हुए कहा की सीबीआई के पास शिकायतें जाते ही अपराधियों को सचेत कर उल्टा शिकायतकर्ताओं गवाहों को उलझाने के लिए उनके ही दिमागी संतूलन को बिगाड़ने की कोशिश सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाती है। जबकि एक मामूली सा सूत्र मिलने पर ही सीबीआई को हरकत में आ जाना चाहिए। लेकिन सीबीआई गंभीर से गंभीर मामलों को तोड़ने मरोड़ने में ही अपना भला समझती है । जिसके लिए जगदीश सक्सेना ने कहा देश की स्वतंत्र जांच एजेंसी का नाम बदलकर अपराधी संरक्षण एजेंसी क्यों नही कर देना चाहिए । कांग्रेस शासनकाल में दिल्ली के आईटीओ बहादुरशाह जफर मार्ग से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक समाचार पत्र भारत पोस्ट में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले को बार बार प्रकाशित करते हुए 10 जनपथ पर बराबर ऊंगली उठाने वाले संपादक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की बजाए पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वाशनिक के संपादकिय कार्यालय में चक्कर लगना कांग्रेस के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी के द्वारा संपादक अखिलेश कुमार अखिल को 10 जनपथ में बुलाए जाने से ही साबित हो जाता है कि राजीव गांधी हत्याकांड की साजिश 10 जनपथ में ही रची गई थी । जिसकी मास्टरमांइड एंनटोनियों मेंनियों उसके सहयोगी जनार्दन द्विवेदी मुकुल वाशनिक डा०मनमोहन सिंह वगैरा हैं । लेकिन राजीव गांधी हत्याकांड जैसे गंभीर मामले में सीबीआई की आँखों पर ऐसा पर्दा पड़ गया है कि सीबीआई अपने आपको दिल्ली उच्च न्यायालय से बढ़कर समझने लगी है । भ्रष्टाचार में लिप्त सीबीआई ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के हत्यारों को बचाने के लिए शिकायतकर्ता के बताए अनुसार दो वर्षों में भी गवाहियां कंपलीट नही की हैं बल्कि सीबीआई अपने मनमाने तरीके से तोड़-मरोड़कर गवाहियाँ लेते हुए शिकायतकर्ता जगदीश सक्सेना को लोलीपोप पकड़वाने के प्रयास कर रही है । कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री डा०मनमोहन सिंह सरकार को नोटिस जारी करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सत्यनारायण ढिंगरा को राजीव गांधी हत्याकांड मामले में खामियां नजर आ गई लेकिन हत्यारों अपराधियों घोटालेबाजों भू-माफियाओं के पक्ष में कार्य करने वाली भ्रष्टाचार में लिप्त आँखों से अंधी स्वतंत्र जांच एजेंसी सीबीआई को राजीव गांधी हत्याकांड की 10 जनपथ में प्लांनिगें बनाने वाली मास्टरमांइड मुख्य दोषी एंनटोनियों मेंनियों उसके चाटूकार सहयोगियों की साजिशे कतई नजर नहीं आ रही हैं ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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