स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारी #कायस्थ कुल गौरव बटुकेश्वर दत्त जी के पुण्यतिथि पर शत् शत् नमन

 स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारी #कायस्थ कुल गौरव बटुकेश्वर दत्त जी के पुण्यतिथि पर शत् शत् नमन

 जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट 

बटुकेश्वर दत्त: जिन्हें इस मृत्युपूजक देश ने भुला दिया क्योंकि वे आज़ादी के बाद भी ज़िंदा रहे : जनक्रांति   

समाचार डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 जुलाई,2021 ) । क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त की 56 वी पुण्यतिथि के पावन अवसर पर जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन के प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुऐ कहा कि बटुकेश्वर दत्त: जिन्हें इस मृत्युपूजक देश ने भुला दिया क्योंकि वे आज़ादी के बाद भी ज़िंदा रहे  ।   

बटुकेश्वर दत्त जैसे क्रांतिकारी को आज़ादी के बाद ज़िंदगी की गाड़ी खींचने के लिए कभी एक सिगरेट कंपनी का एजेंट बनकर भटकना पड़ता है तो कभी डबलरोटी बनाने का काम करना पड़ता है. 

क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त. (जन्म: 18 नवंबर 1910 – मृत्यु: 20 जुलाई 1965) में हुई । 

पिछले कुछ सालों से जब फेसबुक पर भगत सिंह की शहादत को याद करने की रस्म अदायगी देखता हूं तो बटुकेश्वर दत्त याद आ जाते हैं । 

वही बटुकेश्वर दत्त जिन्होंने 1929 में अपने साथी भगत सिंह के साथ मिलकर अंग्रेजी सेंट्रल लेजिस्लेटिव एसेम्बली में बम फेंक कर इंक़लाब ज़िंदाबाद के नारों के साथ ज़िंदगी भर को काला-पानी तस्लीम किया था और वही बटुकेश्वर दत्त जिन्हें इस मृत्युपूजक और मूर्तिपूजक देश ने सिर्फ़ इसलिए भुला दिया, क्योंकि वे आज़ादी के बाद भी ज़िंदा बचे रहे थे । 

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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