आईजी से मिलने जा रही मृतिका की बेटी को आईजी से मिलने से रोकना लोकतंत्र की हत्या - ऐपवा

 आईजी से मिलने जा रही मृतिका की बेटी को आईजी से मिलने से रोकना लोकतंत्र की हत्या - ऐपवा


आईजी से न्याय मांगने जा रही पीड़िता को रास्ते से पुलिस अधिकारियों द्वारा लौटाया जाना न्याय का गला घोंटना-बंदना सिंह

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 06 जुलाई 2021)। आईजी दरभंगा से मिलकर न्याय मांगने जा रही आधारपुर मर्डर कांड के दौरान भीड़ हत्या में अपनी शिक्षिका मां सरोवर खातुन, चचेरे भाई मो० अनवर को खो चुकी पीड़िता नुसरत परवीन को पुलिस अधिकारियों द्वारा राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के गेट के पास से लौटाये जाने की घटना की निंदा करते हुए ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने पुलिस के इस कृत को न्याय का गला घोंटने वाला कृत बताया है।
उन्होंने स्थानीय लोगों से घटना की जानकारी के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा है कि नुसरत परवीन अपने दो बहनों के साथ मंगलवार को दरभंगा आईजी से मिलकर कुछ गुप्त जानकारी देने दरभंगा जा रही थी । पहले सुरक्षा में उपस्थित पुलिस तीनों बहनों में से एक को जाने देने को तैयार हुए ।

जब वे निकलने लगी तो वरीय अधिकारी से फोन पर बातचीत के बाद 03-04 पुलिस वाले सुरक्षा का हवाला देकर चार चक्का वाहन में साथ हो लिए । फिर डॉ० राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के आगे किसी से फोन पर बात के बाद से कभी कमान न होने तो कभी वरीय अधिकारी का आदेश न होने का बहाना बनाकर लौटाने लगा. इस क्रम में नुसरत एवं उनके परिजन द्वारा " न्याय मांगने अपने रिस्क पर दरभंगा जाने एवं जल्द लौट जाने का लिखित भी दिया जा रहा था जिसे पुलिस वाले ने अनसुना कर दिया । मौके पर पत्रकार समेत कुछ स्थानीय लोग भी पुलिस से आरजू- मिन्नत किए लेकिन पुलिस रोती- विलखती पीड़िता को लौटाकर पुनः वर्तमान आश्रय स्थल भेरोखड़ा लेकर चले गये ।
  ऐपवा जिलाध्यक्ष श्रीमती बंदना सिंह ने कहा है कि चाहे प्रक्रिया जो भी हो पीड़िता को आईजी से मिलकर अपनी बात कहने का अधिकार है और यह अधिकार पुलिस नहीं छीन सकता। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए वरीय अधिकारियों से इसकी जांच व कारबाई करने एवं पुलिस द्वारा पीड़िता को आईजी से मिलाकर अपनी बात बताने की इजाजत देना चाहिए।
   ऐपवा नेत्री ने कहा कि श्रवण राय की हत्या के बाद 21 जुन को पुलिस की उपस्थिति में भीड़ द्वारा मो० हसनैन के घर में आग लगाना, कार जला देना, ग्राहक सेवा केंद्र जला देना, मारते- पिटते तीन लड़कियों, एक महिला समेत 06-07 लोगों को अन्यत्र ले जाकर मारते- मारते दो सरोवर खातुन एवं मो० अनवर को मार देना लोकतंत्र की हत्या थी । आज न्याय मांगने आईजी के यहाँ जा रही मृतिका की बेटी नुसरत को पुलिस द्वारा रास्ते से बल प्रयोग कर लौटा देना लोकतंत्र की दूसरी हत्या है ।
ऐपवा नेत्री ने श्रवण राय, सरोवर खातुन एवं मो० अनवर के हत्यारे समेत भीड़ हत्या में शामिल तमाम लोगों को जांच कर गिरफ्तार करने की मांग की है ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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