जदयू जात की नहीं, जमात की पार्टी है, यही बात माता-पिता और भाई-बहन वाली पार्टी का बढ़ा रहा है दर्द : ऋषि सिंह पटेल

 जदयू जात की नहीं, जमात की पार्टी है, यही बात माता-पिता और भाई-बहन वाली पार्टी का बढ़ा रहा है दर्द : ऋषि सिंह पटेल

अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के प्रदेश प्रवक्ता ऋषि सिंह पटेल जेडीयू नेता

जनक्रांति कार्यालय से ब्यूरो चीफ अनील कुमार यादव की रिपोर्ट 

खगड़िया, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 जुलाई,2021) । अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के प्रदेश प्रवक्ता ऋषि सिंह पटेल जेडीयू नेता ने आज प्रेस को बताया कि पिछले कुछ दिनों से मीडिया का एक वर्ग और मुख्य विपक्षी दल जदयू पार्टी को कुर्मियों की पार्टी बन जाने का कुप्रचार कर रहा है। पिछले 15 साल के शासन में  नीतीश कुमार जी ने अतिपिछड़ों और सभी वर्ग की महिलाओं को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक भागीदारी देने के लिए हरसंभव प्रयास किया। ऐसा नहीं है कि आदरणीय नीतीश कुमार जी ने सवर्णों की भागीदारी को कम करने की कोशिश की। राज्य में सवर्ण आयोग का ही सिर्फ गठन नहीं किया गया, बल्कि उनके नेतृत्व में दादा वशिष्ठ बाबु, ललन सिंह जी, हरिवंश जी, विजय चौधरी जी, संजय झा जी, लेसी सिंह जी सहित एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को उचित मान-सम्मान मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा। कुशवाहा समाज से आने वाले आदरणीय उपेन्द्र कुशवाहा जी, उमेश कुशवाहा जी संगठन में मजबूत भागीदारी रखते हैं तो संसद में भी संतोष कुशवाहा, सुनील कुशवाहा और महाबली सिंह के जरिये मजबूत उपस्थिति है। जहां तक दलित नेतृत्व की बात है तो अशोक चौधरी जी, डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी जी और मंत्री सुनील कुमार जी की भूमिका व ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। धानुक समाज से सांसद रामप्रीत मंडल, एमएलसी रामवचन राय और मंत्री शीला मंडल सहित अन्य नेताओं की मजबूत भागदारी है तो चन्देश्वर चंद्रवंशी भी चंद्रवंशी (कहार) समाज का नेतृत्व कर रहे हैं। दिलेश्वर कामत, मदन साहनी, अजय मंडल जैसे नेता केवट, मल्लाह और गंगौता यानी अतिपिछड़ों की मजबूत उपस्थिति सुनिश्चित कर रहे हैं। यादव समाज से आने वाले बिजली मंत्री बिजेंद्र यादव जी की प्रतिष्ठा और सम्मान से किसे इनकार हो सकता है। ऐसे समय में जब राजद लोकसभा में एक सीट नहीं जीत पाई तब जदयू से गिरधारी यादव और दिनेश चंद्र यादव जीत कर गए। राज्यसभा में रामनाथ ठाकुर जी हैं, जो अतिपिछड़ा समाज से आते हैं। नीतीश कुमार जी संगठन से लेकर हर स्तर पर समग्र समाज को बराबर की हिस्सेदारी देने की कोशिश करते रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल को यही बात खलती है। स्थापना दिवस पर आदरणीय लालू जी की तस्वीर याद कर लीजिए। एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, दूसरी तरफ सांसद मीसा भारती जी और पटना के मंच पर तेजस्वी जी और तेजप्रताप आसीन थे। जो दल एक परिवार के बाहर किसी को मंच देने के लिए तैयार न हो, और दिवंगत रघुवंश जी जैसे दिग्गज नेता को एक लोटा पानी भर बता देता हो, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद बाबु को बार बार अपमानित करता हो वो जदयू जैसी समग्र समाज वाली पार्टी को बदनाम करने की असफल कोशिश कर रहा है। दरअसल, इस परिवार को अतिपिछड़ा समाज की तरक्की और भागीदारी से चिढ़ है। यही नहीं, राजद विधानसभा चुनाव में अब्दुल बारी सिद्दीकी सहित अन्य कई मुस्लिम नेताओं की हार की समीक्षा सार्वजनिक कर दे तो आज मुस्लिम यादव के कथित गठजोड़ का भी अंतिम किला ध्वस्त हो जाएगा।

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा ब्यूरो चीफ अनील कुमार यादव की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।
 

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