बैंडिट क्वीन के नाम से मशहूर पूर्व सांसद फूलन देवी को शहादत दिवस पर दी गई भाववादी श्रद्धांजलि

 बैंडिट क्वीन के नाम से मशहूर पूर्व सांसद फूलन देवी को शहादत दिवस पर दी गई भाववादी श्रद्धांजलि

जनक्रांति कार्यालय से ब्यूरो चीफ चन्द्रकिशोर पासवान की रिपोर्ट



वीरांगना फूलन देवी के शहादत दिवस पर उनके तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि देकर लोगों ने किया अपनी अपनी श्रद्धा सुमन व्यक्त 

बेगूसराय,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 26 जुलाई,2021 ) । बेगूसराय जिले के छौड़ाही प्रखंड के एकम्बा पंचायत में बैंडिट क्वीन के नाम से मशहूर पूर्व सांसद फूलन देवी को उनके शहादत दिवस पर डॉ भीमराव अंबेडकर शिक्षण संस्थान के द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया । जिसकी अध्यक्षता संस्थान के निदेशक निर्मल सहनी और संचालन मिस्टर दीपक कुमार ने किया ।

आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए शिक्षण संस्थान के निदेशक निर्मल सहनी ने कहा की नारी घर घर की है लक्ष्मी यह सिंदूर बनके दमके। जरूरत पड़े तो चुड़ियां तलवार बनके खनके।। इसी कड़ी को चरितार्थ करते हुए एक मल्लाह समाज की बेटी ने अपने और अपने समाज के ऊपर हो रहे जुल्म को बंदूक की नोक पर मिटाने का भरपूर प्रयास किया ।

जिसके कारण आज फूलन देवी महिलाओं का प्रेरणा स्रोत बन गई है, आदि अनादि काल में जब पृथ्वी पर राक्षसों का बोलबाला बढ़ गया था तो उस समय भी नारी ही धरती का उद्धार करने के लिए धरती पर अवतरित हुए थे और मां काली का रूप धारण करके राक्षसों का विनाश करते हुए इस धरती को बचाया था। इसलिए आज हम लोग वीरांगना फूलन देवी की शहादत दिवस के बहाने महिलाओं में स्वाभिमान की भावना जगाने के उद्देश्य फूलन देवी की कृति को याद कर रहे हैं । पुष्पांजलि अर्पित कर रहे हैं ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वार्ड पंच संघ छौड़ाही के प्रखंड अध्यक्ष सह जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ जिला महासचिव अशोक पंडित उर्फ लैला बिहारी ने उनके तैलीय चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि मात्र 11 साल की उम्र में 35 साल के अधेर उम्र युवा के साथ जब उनका विवाह कराया जा रहा था । उस समय नारी को बोलने का अधिकार नहीं था । मां-बाप जो कर देते थे, उसे अपना भाग्य समझकर मान लेते थे । लेकिन उस समय  भी फूलन देवी ने समाज के लोगों का खुलकर विरोध किया था। लेकिन समाज के सामने उनकी एक ना चली ससुराल में काफी रोई गिर- गिराई फिर भी कच्ची उम्र में उनका शारीरिक शोषण किया गया। उसी वक्त उनके मन में नारी के प्रति अन्याय की ज्वाला उनके मन में भड़क उठी और अपने एक रिश्तेदार की मदद से डाकू बनकर नारी स्वाभिमान की संकल्प लेकर विहर जंगलों में डाकुओं की सक्रिय सदस्य बन गई । वहां भी उसे न्याय नहीं मिला और कबीले के सरदार ने भी उनके साथ वही किया जिसका अंदाजा उसे नहीं थी । उनकी वीरता और सुंदरता की चर्चा पूरे यूपी और एमपी में फैल गई थी । इसी बीच कुछ ठाकुर लोगों की बुरी नजर उनको लग गई ।

ठाकुरों ने किडनैप करके उन्हें जंगलों से गांव ले आया और लगातार 15 दिनों तक उनके साथ सामूहिक कुकर्म किया । अंततः विक्रम मल्लाह का उन्हें साथ मिला और कबीले के सरदार को मौत के घाट उतार कर उन्होंने कुकर्मी ठाकुरों का पूरा गांव घेर कर 22 लोगों को चिन्हित करके एक साथ गोलियों से भून कर यूपी सरकार मुलायम सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर नारी स्वाभिमान को जगाने के उद्देश्य से समाजवादी पार्टी का सांसद बन गई । बुरी साया वहां भी उनका पीछा नहीं छोड़ा । अंततः उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। वह तो दुनिया से चली गई। लेकिन नारी को अपनी स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई । इनके कीर्ति से आज हम लोगों को खासकर नारियों को शिक्षा लेने की आवश्यकता है।उक्त कार्यक्रम का संचालक दीपक कुमार साहनी के धन्यवाद ज्ञापन के बाद कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की गई। मौके पर वकील साहनी, फुलेना साहनी, राम आशीष साहनी, राजेंद्र पंडित, सिकंदर दास, अघनु पासवान, मो० लालो, सहादत रहमान के अलावे सेखाटोला डीही एकम्बा के सैकड़ों लोग उपस्थित थे।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा ब्यूरो चीफ चन्द्रकिशोर पासवान की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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