अध्यात्म विचार : कृष्ण जन्माष्टमी पर्व विशेष कृष्ण जन्माष्टमी

 अध्यात्म विचार :   कृष्ण जन्माष्टमी पर्व विशेष

                                  कृष्ण जन्माष्टमी

जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की रिपोर्ट


अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 26 अगस्त 2021)। 30 अगस्त 2021 सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी है ।
भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है । - ब्रह्मवैवर्त पुराण
गर्भवती देवी के लिये– कृष्णजन्माष्टमी व्रत
जो गर्भवती देवी जन्माष्टमी का व्रत करती हैं..... उसका गर्भ ठीक से पेट में रह सकता है और ठीक समय जन्म होता है..... ऐसा भविष्यपुराण में लिखा है ।
हजार एकादशी का फल देनेवाला व्रत
जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है । उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात, जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्व है ।
भविष्य पुराण में लिखा है कि जन्माष्टमी का व्रत अकाल मृत्यु नहीं होने देता है । जो जन्माष्टमी का व्रत करते हैं, उनके घर में गर्भपात नहीं होता ।
एकादशी का व्रत हजारों - लाखों पाप नष्ट करनेवाला अदभुत ईश्वरीय वरदान है लेकिन एक जन्माष्टमी का व्रत हजार एकादशी व्रत रखने के पुण्य की बराबरी का है।


एकादशी के दिन जो संयम होता है उससे ज्यादा संयम जन्माष्टमी को होना चाहिए।
बाजारु वस्तु तो वैसे भी साधक के लिए विष है लेकिन जन्माष्टमी के दिन तो चटोरापन, चाय, नाश्ता या इधर - उधर का कचरा अपने मुख में न डालें । इस दिन तो उपवास का आत्मिक अमृत पान करें ।अन्न, जल, तो रोज खाते - पीते रहते हैं,अब परमात्मा का रस ही पियें । अपने अहं को खाकर समाप्त कर दें।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा नागेंद्र कुमार सिन्हा की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित।
             

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