भारत सरकार के राष्ट्रपति देश की धरोहर क्रांतिकारियों के परिजनों को न्याय-सम्मान नही दे सकते तो उन्हें राष्ट्रपति पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं जिनकी भ्रष्ट अधिकारियों के सामने दो कोढ़ी की वैल्यू

 भारत सरकार के राष्ट्रपति देश की धरोहर क्रांतिकारियों के परिजनों को न्याय-सम्मान नही दे सकते तो उन्हें राष्ट्रपति पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं जिनकी भ्रष्ट अधिकारियों के सामने दो कोढ़ी की वैल्यू


दिल्ली उच्च न्यायालय में भ्रष्टाचार का बोलबाला:- अपराधियों भू-माफियाओं के पक्ष में जजमेंट देने वाली दिल्ली उच्च न्यायालय की विजिलेंस टीम के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए शिकायत : जगदीश सक्सेना

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


समाचार डेस्क/नई दिल्ली(जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन 16अगस्त, 2021)। उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ सबूतों के आधार पर भारत सरकार के राष्ट्रपति कानूनी कार्यवाही के लिए डायरेक्ट निर्देश जारी करते हुए स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्यों को न्याय सम्मान क्यों नही दिलवा सकते। क्या राष्ट्रपति रामकोविंद शेषमात्र केवल एक पुतला है तो उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं जो अपने पद की गरीमा के कर्तव्य को ही नही जानता हो उसे राष्ट्रपति समझना भी महापाप है। स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना ने कहा की देश की धरोहर स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को जब भारत के राष्ट्रपति न्याय सम्मान नही दिलवा सकते तो उन्हें पद से तत्काल त्याग कर देना चाहिए सबूतों को दरकिनार कर अपराधियों भू-माफियाओं के पक्ष में जजमेंट देने वाले भ्रष्टाचार में लिप्त न्यायाधीशों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष शिकायतें करने पर दिल्ली उच्च न्यायालय में विजिलेंस जांच कमेटियाँ गठित तो कर दी जाती है ।

लेकिन उसमें शिकायतकर्ता उनके अधिवक्ताओं को जानबूझकर शामिल नही किया जाता ताकि अपराधियों भू-माफियाओं के पक्ष में जजमेंट देने वाले भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट न्यायाधीशों को बचाया जा सके । उपरोक्त मामले में तीस हजारी कोर्ट की अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-04 मंजूषा वधवा ने अपराधियों भू-माफियाओं के पक्ष को मजबूती देने के लिए 151 सीपीसी के हस्तक्षेपकर्ता के द्वारा पेश किए गए उन सबूतों को नजरअंदाज कर दिया । जिन्हें मंजूषा वधवा से पहले ही अदालत ने स्वीकार करते हुए उक्तवादी के वकील को भरी अदालत में फटकार लगाई थी ।

अपने निजी स्वार्थ के लिए अपराधियों भू-माफियाओं के पक्ष में जजमेंट देने वाली भ्रष्टाचार में लिप्त मंजूषा वधवा के खिलाफ सीबीआई में डायरेक्ट एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत करने पर जहाँ राष्ट्रपति कार्यालय ने आदेश जारी किए । वहीं भ्रष्टाचार में लिप्त दिल्ली उच्च न्यायालय की विजिलेंस टीम ने खानापूर्ति करते हुए विभागीय अधिकारी मंजूषा वधवा को बचाने के लिए खानापूर्ति करते हुए मामले को रफा-दफा कर दिया शिकायतकर्ता ने कहा जब दिल्ली उच्च न्यायालय की विजिलेंस टीम के सामने भारत सरकार के राष्ट्रपति रामकोविंद की कोई वैल्यू ही नही तब उन्हें राष्ट्रपति पद पर रहने का कोई अधिकार नही है । उपरोक्त जानकारी नागरिक अधिकार चेतना परिषद 8800727783, 9717218933, द्वारा दिया गया ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा  प्रकाशित व प्रसारित ।

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