राजीव गांधी हत्याकांड साप्ताहिक समाचार पत्र भारत पोस्ट में बराबर प्रकाशित करने वाले संपादक गवाही से क्यों हो रहे मुखर सीबीआई को बरतनी चाहिए सख्ताई

 राजीव गांधी हत्याकांड साप्ताहिक समाचार पत्र भारत पोस्ट में बराबर प्रकाशित करने वाले संपादक गवाही से क्यों हो रहे मुखर सीबीआई को बरतनी चाहिए सख्ताई


शिकायतकर्ता के नाम से महीना वसूली करने वाले अखिलेश कुमार अखिल ने कहा कार्यालय में लग गई आग राजीव गांधी हत्याकांड से संबंधित दस्तावेज हुए स्वाहा : जगदीश सक्सेना

झूठ बोलने वाले संपादक से हुई वार्तालाप रिकार्डिंग गवाह: भीम शर्मा ने सीबीआई को उपलब्ध कराई फाईल

उल्टा शिकायतकर्ता पर फाईल चोरी धोखाधड़ी जालसाजी ठगी के झूठे आरोप लगाने वाले संपादक अपने साप्ताहिक समाचार पत्र भारत पोस्ट में बताते रहे विशेष सवांददाता वहीं लगाते रहे बेबुनियाद आरोप


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

समाचार डेस्क/नई दिल्ली,भारत (जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन 20 अगस्त 2021)। उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी हत्याकांड अंर्तराष्ट्रीय गंभीर मामले को लेकर 10 जनपथ की तरफ ऊँगली उठाते हुए बार - बार भारत पोस्ट साप्ताहिक समाचार पत्र में प्रकाशित की जा रही खबरों की 100-100 प्रतियाँ 10 जनपथ के कार्यालय में बराबर भिजवाने वाले संपादक अखिलेश कुमार अखिल के दरवाजे पर केंद्रीय मंत्री मुकुल वाशनिक को लेकर जाने के उपरांत 10 जनपथ कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी के कार्यालय में अखिलेश कुमार अखिल को ले जाने वाले रिपोर्टर सुरेश कुमार के कबूलनामे की जानकारी सबूतों के आधार पर सीबीआई को देते हुए शिकायतकर्ता जगदीश सक्सेना ने बताया कि बी.एस.मलिक नामक व्यक्ति अपनी बाईक पर अखिलेश कुमार अखिल को 10 जनपथ के बहार छोड़ने गए जिसकी जानकारी बी.एस.मलिक ने सीबीआई को भी दी ।  प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी के कार्यालय तक पहुंचाने की भूमिका बेखुबी निभाने वाले रिपोर्टर सुरेश कुमार ने अदा की थी । जिसके सबूतों को भी जगदीश सक्सेना ने उपलब्ध कराते हुए कहा कि कितने अफसोस दु:ख की बात है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्याकांड को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था में खामियां 10 जनपथ से करवा दी जाती हैं, लेकिन उस दौरान 10 जनपथ के सीसीटीवी कैमरों की निष्पक्ष जांच तक नही होना पी.के गुप्ता की रवानगी जानबूझकर जबरन राजीव गांधी के साथ कर दी गई ताकि सबूतों गवाहों के नामोनिशान तक मिटा दिया जाए । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी रहने वाले बी.एस मलिक उसके पूरे परिजनों पर अत्याचार के पहाड़ जब टूटे जब दिल्ली पुलिस की महानता से झूठे बेबुनियाद आरोपों में पूरे परिवार को लिप्त करवा दिया गया । सर्वोंच्च न्यायालय की आँखों में धूल झोंकने वाले सीबीआई के पूर्व अधिकारियों ने राजीव गांधी के कितने करीबियों से जांच कर ब्यान दर्ज किए । जिन्हें ठंडे बस्ते में डालकर निर्दोष नलनी मुरूगन को राजीव गांधी हत्याकांड के झूठे बेबुनियाद आरोपों में लिप्त कर फाँसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलवा दिया गया । अंतरराष्ट्रीय मामले में दिल्ली के आईटीओ से साप्ताहिक समाचार पत्र भारत पोस्ट में बार - बार प्रकाशित खबर गलत झूठी फर्जी थी तो उस दरमियान उस संपादक का विरोध करने की बजाए पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वाशनिक संपादकीय कार्यालय 10 जनपथ में जनार्दन द्विवेदी के पास अखिलेश कुमार अखिल को ले जाने वाले रिपोर्टर सुरेश कुमार के कबूलनामे को शिकायतकर्ता ने सीबीआई के जांच अधिकारी को उपलब्ध कराते हुए कहा कि मगरमच्छ के आँसू बहाने वाली राजीव गांधी हत्याकांड की मास्टरमांइड मुख्य दोषी एंनटोनियों मेंनियों साजिकर्ताओं में शामिल सहयोगियों ने अपराध ही नही किए तो तब साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक के द्वारा प्रकाशित खबरों का खंडन करने की बजाए उसके आगे घुटने टेकने का क्या मतलब । अंतरराष्ट्रीय हत्याकांड मामले में चन्द्रास्वामी की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस.एन.ढिंगरा ने कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री डा०मनमोहन सिंह को नोटिस जारी करते हुए जानना चाहा कि नए तथ्यों के सामने आने पर राजीव गांधी हत्याकांड के मामले को दुबारा क्यों नही खोला जाना चाहिए । जिसके जवाब में मनमोहन सिंह सरकार के इंकार करने से साबित हो जाता है कि दाल में कुछ काला ही नही पूरी की पूरी दाल ही काली है। जबकि उसके बाद आरोपों से घिरे चंद्रास्वामी बरी भी हो जाते हैं, उपरोक्त मामले में आर.एस.एस प्रमुख के.सुदर्शन ने 2010 में राजीव गांधी हत्याकांड की मास्टरमांइड सोनिया गांधी को बताने के उपरांत कांग्रेसियों ने राजीव गांधी हत्याकांड की मास्टरमांइड मुख्य दोषी के पक्ष में हुड़दंग किए उपरोक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए पब्लिक यूनियन के अध्यक्ष प्यार चंद दिम्मी ने 2007 से असली हत्यारों का खुलासा करने के लिए धरने प्रदर्शन शिकायतें करते हुए काफी प्रयास किए लेकिन कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एंनटोनियों मेंनियों के भय से भयभीत किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों नेताओं की आवाज़ तक नही निकलना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है । राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का विरोध करने की बजाए उनके आगे नतमस्तक होने वाली कांग्रेस  पर सवालिया निशान लगाते हुए स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना ने राजीव गांधी हत्याकांड की मास्टरमांइड मुख्य दोषी एंनटोनियों मेंनियों हत्याकांड की साजिकर्ताओं में बराबर के आरोपियों के खिलाफ सबूतों के आधार पर प्वाईंट टू प्वाईंट शिकायत करने के उपरांत सीबीआई ने जगदीश सक्सेना के लिखित ब्यान दर्ज कर सवालों के जवाबों से संतुष्ट हो पब्लिक यूनियन के अध्यक्ष प्यार चंद ने शिकायतें, धरने प्रदर्शन के सबूत उपलब्ध कराते हुए अपने ब्यांन सीबीआई में दर्ज करवाने के लिए वह दो बार सीबीआई में जा चुके हैं । उपरोक्त मामले में सीबीआई को राजीव गांधी हत्याकांड से संबंधित वह फाईल भीम शर्मा ने सीबीआई को उपलब्ध कराई। जिसकी चोरी, धोखाधड़ी, जालसाजी, ठगी का झूठा फर्जी आरोप शिकायतकर्ता पर लगाने वाले ब्लैकमेलर संपादक अखिलेश कुमार अखिल की मदद करने वाले शिकायतकर्ता ने याद दिलाया तो अखिलेश कुमार अखिल ने वाट्स एप्स पर कहा कि "आपको तो श्रीराम जी के चरणों में चला जाना चाहिए, (यानि मर जाना चाहिए) । भीम शर्मा ने बताया कि राजीव गांधी हत्याकांड से संबंधित फाईल उसके पास मौजूद है । जिसका झूठा आरोप शिकायतकर्ता पर लगाने वाले संपादक अखिलेश कुमार अखिल ने वार्तालाप रिकार्डिंग में बताया उसके कार्यालय में आग लगने से फाईल समस्त दस्तावेज जलकर राख हो गए । जिसकी रिकार्डिंग भीम शर्मा से वार्तालाप की सभी रिकार्डिंग सीबीआई के जांच अधिकारी को शिकायतकर्ता के उपलब्ध कराने के उपरांत शिकायतकर्ता को गंदी गंदी गालियों से संबोधित करते हुए संपादक अखिलेश कुमार अखिल उर्फ अखिलेश सिंह की योजनाअंतर्गत शिकायतकर्ता को जबरन उठवाने की साजिशों में व्यस्त भीम शर्मा उनके खिलाफ उन सबूतों को जुटाने में लगे हुए हैं । जिनके खिलाफ खुद शिकायतकर्ता ने धारा: 120, 201, 182, 191, 193, 420, 499, 500, 506-आईपीसी के तहत शिकायत करते हुए सीबीआई से डायरेक्ट आरोप पंजीकृत कर 5/-करोड़ रुपए मानहानि का दावा किया है । राजीव गांधी हत्याकांड मामले को बार बार प्रकाशित करने वाले संपादक अखिलेश कुमार अखिल को ब्यान दर्ज कराने के लिए बार बार कॉल करके बुलाए जाने पर सीबीआई कार्यालय नहीं पहुंचने वाले संपादक अखिलेश कुमार अखिल सहयोगी भीम शर्मा शिकायतकर्ता के जानी दुश्मन बन गए हैं । जिनका पेशा धन वसूली करने के बाद खबरों को प्रकाशित करना कानूनी कार्यवाही आंरभ होने पर उल्टा शिकायतकर्ता के खिलाफ हावी होते हुए उसके चित्रों को फ्रंट पेज पर प्रकाशित कर उनकी मान-मर्यादा छवि को धूमिल करने के लिए उनपर धोखाधड़ी जालसाजी ठगी चोरी के झूठे आरोपों की बौछार करना ताकि संपादक अखिलेश कुमार अखिल अपने मनमाने तरीके से वसूली कर सके शिकायतकर्ता को मानहानि पहुंचाने वाले जगदीश सक्सेना को अपने साप्ताहिक समाचार पत्र में विशेष सवांददाता बता बराबर प्रकाशित करने वाले संपादक अखिलेश कुमार अखिल के खिलाफ सबूतों के आधार पर शिकायतें करने के बाद संपादक अखिलेश कुमार अखिल की बराबर मदद करने के बावजूद भी सीबीआई में ब्यांन दर्ज कराने से कतराने वाले फ्राड संपादक ने विश्वधर्मा टाइम्स पत्रिका के संपादक भीम शर्मा ने राज्संव विभाग को करोड़ों रुपए का चूना रजिस्ट्रार कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रकाशित किया जिनकी योजनाअंतर्गत संपादक अखिलेश कुमार अखिल उर्फ अखिलेश सिंह ने झूठे फर्जी दस्तावेजों के बिहाफ पर लगभग 15-20/-लाख रुपए की सरकारी प्रोपर्टीयों पर अवैध रूप से मालिकाना हक बनाने वाले अखिलेश कुमार अखिल का कहना है कि गरीब आदमी को आत्महत्या कर लेनी चाहिए जुलाई 2020 तक 20-20/-रूपए की भीख मांगने वाले ब्लैकमनी से मालोमाल बनने वाले अखिलेश कुमार अखिल की नजरों में आज गरीब आदमी की वैल्यू दो कौड़ी की हो गई है । सीबीआई में ब्यान दर्ज कराने से मुखर होने वाले संपादक के कार्यालय में आग लगने से सभी दस्तावेज जलकर स्वाहा हो जाते हैं, लेकिन कितने इत्तेफाक की बात है कि एक नंबर का झूठ बोलने वाला संपादक अखिलेश कुमार अखिल फायर ब्रिगेड पुलिस को सूचित ही नही करता है बल्कि अपने मददगार पर फाईल चोरी के आरोप लगाने वाले अखिलेश कुमार अखिल के सहयोगी भीम शर्मा उसी फाईल को सीबीआई तक पहुंचा अपने ब्यान दर्ज करवाते हैं ।  अखिलेश कुमार अखिल की योजनाअंतर्गत सीनियर सिटीजन जगदीश सक्सेना को दो सेंकेड में उठवाने का मन बनाने वालों के खिलाफ सीबीआई को सख्ताई से पेश आते हुए संपादक अखिलेश कुमार अखिल के ब्यान दर्ज करने के तत्काल बाद ही थाना प्रभारी आई.पी.स्टेट से फर्जी दस्तावेजों के बिहाफ पर सरकारी प्रोपर्टियों पर अवैध कब्जे करने वाले संपादक अखिलेश कुमार अखिल के खिलाफ निष्पक्ष जांच करते हुए कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए । जिसके खिलाफ सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के नाम से संपादक अखिलेश कुमार अखिल उर्फ अखिलेश सिंह गैस सिलेंडरों की सप्लाई करने वालों से महीना वसूली करने वाले के खिलाफ आईटीओ मिंटोब्रिज पुलिस को निष्पक्ष जांच करते हुए आरोप पंजीकृत कर भारत पोस्ट साप्ताहिक समाचार पत्र की मान्यता को रद्द करने के लिए ठोस निर्णय क्यों नहीं लेने चाहिए ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशित प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रसारित ।

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित