दिल्ली पुलिस के सामने मीडिया राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र कुमार की कोई वैल्यू नहीं : भीम शर्मा

 दिल्ली पुलिस के सामने मीडिया राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र कुमार की कोई वैल्यू नहीं : जगदीश सक्सेना



अपराधियों भू-माफियाओं के संरक्षणकर्ता भ्रष्टाचार में लिप्त पूर्व दिल्ली पुलिस कमिंश्नर एस.एन.श्रीवास्तवा के खिलाफ सीबीआई में डायरेक्ट एफआइआर दर्ज करने के लिए शिकायत : जगदीश सक्सेना

सर्वोच्च न्यायालय के जजमेंटों की अवेहलना करने वाली भारत में सबसे बदनाम है दिल्ली पुलिस

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

समाचार डेस्क/नई दिल्ली(जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन 05 अगस्त 2021) । उल्लेखनीय है कि 1996-97 के दरमियान नई दिल्ली के साऊथ वेस्ट बंसत विहार थाने में तैनात भ्रष्टाचार में लिप्त आईपीएस उपायुक्त एस.एन. श्रीवास्तवा ने अपराधियों भू-माफियाओं के पक्षपात को मजबूत करने के लिए मौलिक अधिकारों को कुचल मांनव के अधिकारों का हनन करते हुए ऐसा महान कार्य किया था । जिसे तारिफें काबिल ही बताया जाना चाहिए जेल कस्टडी में पड़े निर्दोष व्यक्ति पर अपना रूतबा झाड़ने के लिए उसके खिलाफ कलंदरा बनवा उसे अपने कार्यालय में बुलाकर उस शरीफ व्यक्ति को गुंडा बताया । जिसका जवाब एस.एन.श्रीवास्तवा की भाषा में ही दिया गया था। ऐसे भ्रष्टाचार में लिप्त आईपीएस ऑफिसर को दिल्ली पुलिस कमिंश्नर बना दिया गया । जिसके पद ग्रहण करने के उपरांत ही दिल्ली के फुटपाथों पर जहाँ अवैध कब्जे, वहीं अपने दलालों के द्वारा महीना वसूली करने के लिए अतिक्रमण करवा दिए गए । जिन्हें पूरी दिल्ली में देखा जा सकता है । इतना ही नहीं न्यायाधीशों को धोखे में रखने के लिए नगर निगम अधिकारियों की सांठगांठ से सरकारी भूमि के फर्जी दस्तावेजों से अदालतों को बराबर गुमराह करने वाले अधिकारियों में शामिल दिल्ली पुलिस कमिंश्नर एस.एन.श्रीवास्तवा के समक्ष सबूतों के आधार पर धारा: 120बी, 201, 182, 420, 467, 471-आईपीसी के तहत मंडावली थाने में एफआइआर दर्ज कराने के लिए अदालत कानून के मददगार स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य जगदीश सक्सेना के शिकायत करने पर दिल्ली पुलिस कमिंश्नर को चाहिए था कि सर्वोच्च न्यायालय के जजमेंटों का पालन करते हुए वह एफआईआर दर्ज करने के लिए डायरेक्ट आदेश जारी करते । 

लेकिन शिकायतों को व्यापार बनाने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले अपराधियों भू-माफियाओं के संरक्षणकर्ता एस.एन.श्रीवास्तवा ने अपने फायदे के लिए खानापूर्ति कर शिकायतकर्ता का समय धन बर्बाद करने के लिए पूर्वी जिला पुलिस को 29 जनवरी 2021 की शिकायत फारर्वड करने के उपरांत संतोष कुमार उपनिरीक्षक ने कॉल करते ही कहा वह फौज से दिल्ली पुलिस में आए हैं, एफआईआर तो वह दर्ज करेंगे नही जिसके बाद सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत प्रथम अपील के साथ उपलब्ध कराई गई जांच रिपोर्ट में बताया गया । लाँज की गई एडीजे इंटरी विडियोग्राफी डीडी नंबर: 42-ए दिनांक: 20-03-2021 शिकायत  दर्ज की जा सकती है । जिसके पश्चात अग्रीम धनराशि जमा करते हुए आरटीआई के तहत दुबारा वहीं सूचना मांगने पर संतोष कुमार उपनिरीक्षक ने जांच में बताया उसने तो कोई एडीजी इंटरी लाँज ही नही की है शिकायतकर्ता से प्रौपटी नंबर: 67 के सबूत मांगने पर उपलब्ध नहीं कराए गए । जिसके उपरांत दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग में डी.डी नंबर: 11 पर दिनांक: 11-06-2021 को शिकायत दर्ज करवाते ही 16-06-2021 को 91 सीआरपीसी के तहत नोटिस जारी करते हुए उल्टा अदालत कानून की मदद करने वाले पर संतोष कुमार उपनिरीक्षक ने सवालों की बौछार लगा दी। जबकि उसे भू-माफियाओं अपराधियों से सवाल-जवाब करने चाहिए । दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग को शिकायतकर्ता के ब्यांन दर्ज करने के बाद संतोष कुमार उपनिरीक्षक के खिलाफ स्वंय जांच और कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए । लेकिन नाममात्र के लिए बनाए गए भ्रष्टाचार में लिप्त दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग ने आरटीआई के तहत बताया शिकायत को पूर्वी जिला पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया है । अपराधियों भू-माफियाओं के लिए डयूटी करने वाले पूर्व दिल्ली पुलिस कमिंश्नर एस.एन.श्रीवास्तवा के खिलाफ सबूतों के आधार पर सीबीआई में डायरेक्ट एफआईआर दर्ज कराने के लिए शिकायत करने वाले स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य ने मीडिया को बताया की विनीत कुमार अतिरिक्त उपायुक्त जन सूचना अधिकारी पूर्वी जिला आईडी नंबर: 1356/2021/1995 दिनांक: 03/08/2021 में मनगढंत कहानियाँ बनाते हुए बताया कि प्रथम तल पर रहने वाली पूर्णिमा आंनद गोयल ने कोई दस्तावेज नही दिखाए उसने कहा अदालत में मुकदमा चल रहा है, जबकि पूर्णिमा आंनद गोयल ने शिकायतकर्ता को बताया की संतोष कुमार जांच अधिकारी ने उनके कोई ब्यांन दर्ज ही नही किए । 25-26 वर्षों से पूर्णिमा आंनद गोयल उनके पति ने दाल में काला होने के भय से प्रोपर्टी नंबर: 67 की रजिस्ट्री नही बनवाई। लेकिन उनकी गैरमौजूदगी में आने वाले कजारिया टाईल सचिन हार्डवेयर के भू-माफियाओं मालिकों ने धोखाधड़ी जालसाजी ठगी करने वाली फर्जी कंपनी राधा माधव स्टेट प्राईवेट लिमिटेड की प्लानिंगनुसार रजिस्ट्रार कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार का लाभ उठाते हुए फर्जी रजिस्ट्रीयाँ बनवाने वाले भू-माफियाओं के खिलाफ धारा: 91 सीआरपीसी के नोटिस का जवाब देते हुए साफ बताया गया है कि बनाई गई फर्जी रजिस्ट्रीयों की चैन का उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों से कोई मेल नही है। जिसकी फर्द-खतौनी में भी साफ बताया गया है कि 1,356/-गज भूमि की असल वारिस शांति नामक महिला है । लेकिन अपने निजी स्वार्थ के लिए अपराधियों भू-माफियाओं के पक्ष में कार्य करने के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त जांच अधिकारी संतोष कुमार अपराधियों भू-माफियाओं के बेताज-बादशाह भ्रष्ट निक्कमें नालायक पूर्व दिल्ली पुलिस कमिंश्नर एस.एन.श्रीवास्तवा के नक्शे-कदम पर बराबर अपराधियों भू-माफियाओं के बचाव-पक्ष में आरटीआई के तहत झूठी सूचनाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। जिनमें उनके भ्रष्टाचार की गंध प्रत्यक्ष रूप से नजर आती है। कजारिया टाईल सचिन हार्डवेयर के मालिकों महिंद्र सिंह की योजनाअंतर्गत किसी थर्ड व्यक्ति को पार्टी बनाकर अदालत में झूठी फर्जी याचिका दायर करवाने में भी सचिन हार्डवेयर कजारिया टाईल महिंद्र सिंह के अपराधों की बू साफ नजर आती है । लेकिन आँखों से अंधे भ्रष्टाचार में लिप्त अपराधियों भू-माफियाओं के संरक्षणकर्ता जांच अधिकारी को हराम की दौलत के सिवाय कुछ नजर नही आ रहा है । मीडिया को जगदीश सक्सेना ने बताया अपने आपको नेक इंमानदार बताने वाले भ्रष्ट जांच अधिकारी संतोष कुमार उपनिरीक्षक ने राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरीष्ठ अधिवक्ता रविंद्र कुमार विश्वधर्मा टाईम्स पत्रिका के  संपादक भीम शर्मा के ब्यांन दर्ज नहीं किए बल्कि उन्हें झूठा साबित करने के लिए उनकी छवि को धूमिल करते हुए साबित कर दिया है कि मीडिया अधिवक्ताओं की जांच अधिकारी संतोष कुमार उपनिरीक्षक के सामने कोई वैल्यू नही । जिसके लिए सीबीआई को तत्काल डायरेक्ट एफआईआर दर्ज कर लेनी चाहिए जिससे दिल्ली पुलिस में फैले भ्रष्टाचार निक्कमेंपन  देश के सामने उजागर किया हो सके ।

उपरोक्त जानकारी स्वंतत्रता सेनानी जगदीश सक्सेना ने प्रेस कार्यालय को दिया ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित व प्रसारित ।

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