द्वारका कोर्ट बार कौंसिल खामोश क्यों कहाँ से प्राप्त की डिग्री वकालत चमकाने के लिए झूठी याचिका दायर करवाने वाले एयरफोर्स जवान मैहर चंद प्रेमी के खिलाफ जांच क्यों नही होनी चाहिए

 द्वारका कोर्ट बार कौंसिल खामोश क्यों कहाँ से प्राप्त की डिग्री वकालत चमकाने के लिए झूठी याचिका दायर करवाने वाले एयरफोर्स जवान मैहर चंद प्रेमी के खिलाफ जांच क्यों नही होनी चाहिए


अदालतों में झूठे ब्यांन देने वाले कांग्रेस के हितैषी अपराधियों भू-माफियाओं के मददगार मैहर चंद प्रेमी शिकायतकर्ता को बलात्कार के आरोप में फंसाने की प्लानिंग बनाने वालों ने किया जीवनकाल का अंत

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

समाचार डेस्क/नई दिल्ली,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन 23 अगस्त, 2021)। उल्लेखनीय है कि एफआईआर नंबर: 978/2006, धारा: 448/380-आईपीसी थाना डाबड़ी के शिकायतकर्ता जगदीश सक्सेना ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए संपादक राजेश कुमार वर्मा को दावें से बताते हुए कहा कि दिल्ली में शिकायतों को व्यापार बनाने वाली पुलिस का अपराधियों भू-माफियाओं चोर उच्चकों से चोली-दामन का साथ बराबर चलता आ रहा है । उन्होंने कहा कि ऐसे कौन से अपराध हैं, जो दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में नही फल फूल रहे हों। डाबड़ी थाने में उपरोक्त एफआईआर नंबर: 978/2006, दर्ज होने से पहले ही अदालतों को चकमा देने वाले अपराधियों ने अपने सलाहकार अधिवक्ता मैहर चंद प्रेमी दिल्ली पुलिस की योजना अंतर्गत अपराध को अंजाम देने के उपरांत उल्टा शिकायतकर्ता के खिलाफ द्वारका कोर्ट के मेट्रोंपोलिटन मजिस्ट्रेट तपस दलाल की अदालत में विचाराधीन अपराध संख्या: 4993512/16, धारा: 420/508-आईपीसी की झूठी फर्जी याचिका में दिए गए ब्यानों का एफआइआर नंबर: 978/2006 के मिलान करने से अदालतों को गुमराह करने वाले अपराधियों भू-माफियाओं के खिलाफ धारा: 120बी/201/182/191/193/420/499/500/506 - आईपीसी के तहत सबूतों के आधार पर शिकायतकर्ता जगदीश सक्सेना अदालत को अवगत कराते हुए बताएंगे कि उनकी छवि को धूमिल करने के लिए कांग्रेस के हितैषी मैहर चंद प्रेमी की योजनाअंतर्गत स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य की हत्या करने की योजनाओं में सम्मिलित होकर किस तरह पुलिस के सहयोग से अदालतों और कानून को गुमराह करने वाले मैहर चंद प्रेमी ने एयरफोर्स से नौकरी छोड़ने के उपरांत वकालत करने वाले की डिग्री की जांच अदालत के आदेश पर क्यों नही होनी चाहिए । शिकायतकर्ता जगदीश सक्सेना ने जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन के संपादक राजेश कुमार वर्मा को बताया कि जो व्यक्ति वकालत की आड़ में अपराधियों भू-माफियाओं से मुनाफा कमाने के लिए अदालतों में उल्टा शिकायतकर्ता के जीवनकाल का अंत करने के लिए अदालतों को धोखा दे गुमराह कर सकता है तो वह वकालत करने के लिए डिग्री की खरीद-फरोख्त क्यों नही कर सकता जिसके कारण तीन बेगुनाह निर्दोषों की मृत्यु भी हो चुकी हैं। उपरोक्त मामले में द्वारका कोर्ट के सरकारी मुलाजिम ने नाम नही बताने की शर्त पर बताया 70% वकील फर्जी डिग्री हासिल कर वकालत करने वालों के खिलाफ बार कौंसिल वोटों की खातिर नही करती कानूनी कार्यवाही ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशित प्रकाशक व सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रसारित ।

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