बिहार और झारखंड की राजधानी में नौकरी के नाम पर युवक युवतियों से किया जा रहा ठगी, प्रशासन का नही हैं कोई डर

 बिहार और झारखंड की राजधानी में नौकरी के नाम पर युवक युवतियों से किया जा रहा ठगी, प्रशासन का नही हैं कोई डर

जनक्रांति कार्यालय से उज्जैन्त कुमार की रिपोर्ट


बैंक प्रबंधकों से मिलकर बेरोजगारी दूर करने के नाम पर युवक/युवतियों को आर्थिक रूप से लूटने वाला जालसाज

समाचार डेस्क/ बिहार/झारखंड ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय २० अगस्त, २०२१)। आपको बताते चले कि बिहार की राजधानी पटना और झारखंड की राजधानी रांची में नौकरी के नाम पर भोले भाले बेरोजगार युवक और युवतियों को झांसा देकर और बड़े बड़े प्रलोभन देकर उनके भविष्य के साथ कुछ कुकुरमुत्ते की तरह खुले हुए ठग कम्पनीयों द्वारा प्रशासन के आंखों के सामने कर रहे है खिड़बाड़ और कर रहे है नौकरी के नाम पर जिन्दगी
बर्बाद।


जी हां बताते है कि पटना जो कि बिहार की राजधानी है औऱ झारखंड की राजधानी रांची में भी ये खेल खुलेआम खेला जा रहा है। लेकिन ये सब कुछ प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है । लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। आखिर ये बेरोजगार युवक और युवतियों के क्या कसूर है जिन्हें नौकरी के नाम पर लुटा जा रहा है। बेरोजगारी की दंश झेल रहे ये युवक और युवतियां अपने सपने साकार करने के लिए इनके प्रलोभन में आ कर अपना आर्थिक शोषण करवा बैठते है।
ताजा मामला झारखण्ड के धनबाद की है जहाँ की एक कंपनी जिसका नाम है ए. आर. एस. फाइनेंशियल सर्विसेज जिसका मालिक विनय कुमार यादव हैं जो अपने कंपनी के माध्यम से बेरोजगार युवक और युवतियों जो नौकरी के लिए पहले तो प्रलोभन देते है फिर नौकरी को ज्वाईन करने के लिए ऑफर लेटर दिया जाता है। जब नौकरी ज्वाईन कर युवक और युवतियां अपने कार्यो को ईमानदारी पूर्वक सम्पन कर अपने वेतन की मांग करते है तो फिर ये लोग उन लोगो को डराना  धमकाना शुरू कर देते है। पीड़ित युवक - युवतियां बाध्य होकर प्रेस को अपनी दुखदायी कहानी बताते हुये कहा है कि इस सन्दर्भ में विगत् ०७ अगस्त २०२१ को बिहार के मुख्यमंत्री के साथ लेवर कमीशनर के यहाँ ईमेल माध्यम से  शिकायत किया गया । ए.आर.एस. फाईनेंन्सियल सर्विसेज के द्वारा 
बैंकों से मिलकर करवाया जाता है काम । बताता गया कि इसके संचालक विनोद कुमार यादव है जिनका कार्यालय बैंक मोड़ धनबाद झारखंड में संचालित हैं । जब हमारे रिपोर्टर ने कंपनी के मालिक का नंबर लेकर बात की तो उक्त व्यक्ति ने रिपोर्टर को धमकाते हुए बोला जो करना है कर लो वेतन नही दूंगा मेरी पहुंच नेता और मंत्री तक है कुछ नही बिगाड़ सकते हो।
अब सवाल है कि क्या इन लोगो का साठगांठ सफेदपोश तक है । क्या इन बेरोजगारों का पैसा हड़पने का पूरा खेल खुलेआम खेला जा रहा है। लेकिन किसी आला अधिकारी को भनक तक नहीं है । आखिर इन ठग कंपनी पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है। इसके पीछे का क्या कारण है। वेतन से वंचित युवक/  युवतियों ने प्रेस से गुहार लगाते हुए बकाया वेतन दिलाने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई करने कि बात की।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा उजैन्त कुमार की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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