गोवर्धन तहसील में कर्मियों की चल रही मनमानी, अधिकारी बने मूकदर्शक

 गोवर्धन तहसील में कर्मियों की चल रही मनमानी, अधिकारी बने मूकदर्शक

                              गोवर्धन तहसील कार्यालय

जनक्रांति कार्यालय से डॉ० केशव आचार्य स्पेशल ब्यूरो की रिपोर्ट 

गोवर्धन,उत्तरप्रदेश ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 13 अगस्त,2021)। गोवर्धन तहसील कार्यालय में तहसीलकर्मियों की मनमानी के आगे अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं। यहां न तो फाइलों की ही उचित रखरखाव की व्यवस्था है और न ही फरियादियों की त्वरित सुनवाई हेतु समय। वकीलों द्वारा किसी कागजात की रजिस्टर्ड नकल हेतु सवाल दाखिल किया जाता है तो उसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है । बाद में तय समय सीमा में जब नकल लेने पहुंचो तो पता चलता है कि अभी तक तो इंद्राज रजिस्टर में ही नकल-सवाल दर्ज नहीं हुआ । जिस लापरवाही व अकर्मण्यता के चलते फरियादी बैरंग वापस लौटने को मजबूर हैं। कर्मियों की ऐसी ही मनमानी के चलते फरियादी कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर को हैं, तो वहीं उन्हें अपना कीमती समय व पैसा दोनों से हाथ धोना पड़ रहा है। तहसील गोवर्धन है किसी भी कार्य करने के लिए लेखपाल कानूनगो तहसीलदार और एसडीएम द्वारा नियुक्त भारी दलालों से संपर्क करने के लिए बोला जाता है ।जिनके माध्यम से तहसील में पीड़ितों से एवं बात कार्यों से खुलेआम चौथ वसूली होती है जो चौथ के रूप रुपए दे देता है जमानत वेरिफिकेशन में ₹500 से लेकर ₹10000 तक आय प्रमाण पत्र में ₹500 से लेकर 5000 तक निवास प्रमाण पत्र में ₹3000 जाति प्रमाण पत्र में ₹5000 डाकला खाड़ी में 5000 से लाखों रुपए एसडीएम राहुल यादव एवं तहसीलदार नीरज शर्मा द्वारा बड़े पैमाने पर उगाही की जा रही है । विश्वस्त सूत्रों ने बताया है तहसीलदार न्यायालय एवं एसडीएम न्यायालय में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर भू माफियाओं के पक्ष में आदेश पारित किए हैं। उत्तर प्रदेश की राजस्व न्यायालय चौथ वसूली का केंद्र बन गई है। यहां पर किसानों को किसी भी प्रकार का न्याय नहीं मिल रहा है संघ लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा जो उप जिला कलेक्टर चुने जाते हैं। वह एकदम निशांत राष्ट्रद्रोह प्रवृत्ति के अधिकारी है जिनका काम केवल भ्रष्टाचार करके धन अर्जित करना है। यही स्थिति गोवर्धन तहसील की हो गई है। तहसील गोवर्धन के राजस्व अधिवक्ता फोरम संस्थापक अध्यक्ष युवराज डॉ केशव आचार्य गोस्वामी ने बताया है कि बिना रिश्वत के तहसील परिसर में कोई काम नहीं होता है इस सब की जिम्मेदारी एसडीएम राहुल यादव की है जो कि प्राइवेट आदमी के माध्यम से तहसील में खुलेआम दलाली दस्तूरी और अवैध उगाही हो रही है जिसमें क्षेत्रीय लेखपाल एवं कानून को प्रमुख रूप से शामिल है ऐसे व्यक्तियों की प्रवर्तन निदेशालय से जांच होनी चाहिए मथुरा जनपद की तहसीलों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला मथुरा जनपद का जिला अधिकारी नवनीत सिंह चहल है जो अपने अधीनस्थ भ्रष्टाचारी अधिकारी कर्मचारियों पर लगाम लगावे में नाकाम हुए हैं और उनके सानिध्य में मथुरा जनपद की समस्त जिलों में लूट और डकैती किसानों से चालू है । उपरोक्त वक्तव्य गीता शर्मा द्वारा दिया गया । जिसे केशव आचार्य गोस्वामी द्वारा सम्प्रेषित किया गया ।

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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