अध्यात्म विचार : कृष्ण जन्माष्टमी पर्व विशेष कृष्ण जन्माष्टमी व्रत की महिमा

 अध्यात्म विचार : कृष्ण जन्माष्टमी पर्व विशेष

                      कृष्ण जन्माष्टमी व्रत की महिमा

जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यात्म विचार


                                             जय श्री कृष्णा

अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 अगस्त, 2021 ) । कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की क्या है महिमा जानते हैं जनक्रांति अध्यात्म विचार के साथ ।
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत की महिमा...
01. भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिरजी को कहते हैं : “२० करोड़ एकादशी व्रतों के समान अकेला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत हैं ।”
02.धर्मराज सावित्री से कहते हैं : “ भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है वह १०० जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है ।”


श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार
भारतवर्ष में रहने वाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। इसमें संशय नहीं है। वह दीर्घकाल तक वैकुण्ठलोक में आनन्द भोगता है। फिर उत्तम योनि में जन्म लेने पर उसे भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति उत्पन्न हो जाती है-यह निश्चित है।
अग्निपुराण के अनुसार
इस तिथि को उपवास करने से मनुष्य सात जन्मों के किये हुए पापों से मुक्त हो जाता हैं ।अतएव भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी को उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करना चाहिये । यह भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाला हैं।
भविष्यपुराण के अनुसार
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत जो मनुष्य नहीं करता, वह क्रूर राक्षस होता है।
स्कन्दपुराण के अनुसार
जो व्यक्ति कृष्ण जन्माष्टमी व्रत नहीं करता, वह जंगल में सर्प और व्याघ्र होता है।
चार रात्रियाँ विशेष पुण्य प्रदान करनेवाली हैं ।
01. दिवाली की रात 02. महाशिवरात्रि की रात 03. होली की रात और 04. कृष्ण जन्माष्टमी की रात इन विशेष रात्रियों का जप, तप , जागरण बहुत बहुत पुण्य प्रदायक है ।


श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि को मोहरात्रि कहा जाता है। इस रात में योगेश्वर श्रीकृष्ण का ध्यान,नाम अथवा मन्त्र जपते हुए जागने से संसार की मोह-माया से मुक्ति मिलती है। जन्माष्टमी का व्रत व्रतराज है। इस व्रत का पालन करना चाहिए।
(शिवपुराण, कोटिरूद्र संहिता अ. 37) ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यात्म विचार प्रकाशित व प्रसारित।

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