विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह हत्या की कोशिश मामले में न्यायालय द्वारा दिये गये दोषी करार, न्यायिक हिरासत में गए जेल

 विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह हत्या की कोशिश मामले में न्यायालय द्वारा दिये गये दोषी करार, न्यायिक हिरासत में गए जेल

जनक्रांति कार्यालय से स्टेट विधि चीफ ब्यूरो रवि शंकर चौधरी अधिवक्ता की रिपोर्ट


एडीजे 03 न्यायालय ने पूर्व विधायक को हत्या की कोशिश मामले में किया दोषी करार 

समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 10 सितंबर,2021 )। समस्तीपुर जिला अंतर्गत जिला जदयू के विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रामबालक सिंह को समस्तीपुर एडीजे 03 की (कोर्ट ) न्यायाधीश ने हत्या की कोशिश व आर्म एक्ट के मामले में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है । पूर्व विधायक रामबालक सिंह के खिलाफ कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा। पूर्व विधायक को कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर लिए जाने की खबर आग की तरह फैल गई। जिसके बाद कोर्ट परिसर में हर तरफ पूर्व विधायक के गिरफ्तारी की चर्चे चलने लगी।


आपको बता दे की 04 जून 2000 की रात्रि में विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर में गंगा सिंह के बेटी शादी में शामिल होने सीपीएम के ललन सिंह भी गए थे। जहां उसके घर पर पूर्व विधायक रामबालक सिंह व उनके भाई लालबाबू सिंह भी पहुंचे थे। उन दोनों में पहले अदावत थी। इस दौरान ललन सिंह पर नजर नजर पड़ते ही विधायक और उनके भाई ने ललन सिंह को पकड़ने को दौड़े लेकिन ललन सिंह किसी तरह वहां से फरार हो बाहर निकल गये। इसके बाद वह दोनों भी अपने अन्य साथियों के साथ ललन सिंह को पकड़ने निकले।


इस दौरान पूर्व विधायक के भाई ने गोली चला दी गई जिसमें ललन सिंह के दाहिने हाथ की चार उंगलियां उड़ गई। ललन सिंह ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई और इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद पूर्व विधायक, उनके भाई और अन्य अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई। अब 21 वर्षों बाद कोर्ट ने इस बड़े मामले पर कार्रवाई करते हुए पूर्व विधायक समेत अन्य को दोषी करार दिया है। वहीं सोमवार को इसपर फैसला भी सुनाया जाएगा । जिसपर सभी की नजरें टीकी है।


वहीं, वकील का कहना है कि इस मामले में सात साल की सजा का प्रावधान है। कम से कम तीन साल की सजा हो सकती है। कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस ने पूर्व विधायक और उनके भाई को हिरासत में ले लिया । पूर्व विधायक पर 341, 323, 307, 341 और 27 आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज है। वहीं, पीड़ित ने कहा कि अब सोमवार के दिन पर हमारी निगाहें टिकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि अगर इसमें 307 नहीं लाया गया तो हम ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय से स्टेट विधि चीफ ब्यूरों रविशंकर चौधरी अधिवक्ता की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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