दिल्ली पुलिस कमिंश्नर राकेश अस्थाना जवाब दे या पद से तत्काल करें त्याग भ्रष्टाचार में लिप्त अपराधियों भू-माफियाओं के संरक्षकर्ताओं पर ही जांच का भार सौंपना कहाँ तक उचित है..??

 दिल्ली पुलिस कमिंश्नर राकेश अस्थाना जवाब दे या पद से तत्काल करें त्याग भ्रष्टाचार में लिप्त अपराधियों भू-माफियाओं के संरक्षकर्ताओं पर ही जांच का भार सौंपना कहाँ तक उचित है..??


भ्रष्टाचार में लिप्त दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट विजिलेंस विभाग ने रोजनामचे दर्ज की गई 32 वर्षों की शिकायतों की सीबीआई जांच क्यों नही होनी चाहिए जवाब दे राकेश अस्थाना या पद से करें त्याग : सत्य सनातन रक्षा सेना 

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

समाचार डेस्क/बरेली, उत्तर प्रदेश(जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन 23 सितंबर 2021)।  सत्य सनातन रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद चित्रांश को स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना ने बताया कि पब्लिक को भर्मित करने वाली हिन्दूस्तान में सबसे गंदी नीच प्रवृत्ति की दिल्ली पुलिस के भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट जन सूचना अधिकारी प्रथम अपील अधिकारी के आरटीआई के अंतर्गत मनगढ़ंत झूठी सूचनाएं उपलब्ध कराने वाली अपराधियों भू-माफियाओं के संरक्षकर्ता दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की निष्पक्ष जांच की जाए तो आधे से अधिक आईपीएस, सहायक आयुक्त थाना प्रभारी, जांच अधिकारी तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछे होंगे । जो अपने फायदे के लिए झूठ को सच वहीं सच को झूठ बनाने में लगे रहते हैं। पूर्वी जिला मंडावली थाना शिकायत No.:81610012112228 दिनांक: 04/09/21 भ्रष्टाचार में लिप्त जांच अधिकारी संतोष कुमार यादव उपनिरीक्षक नंबर:16140317 मोबाइल:8745886080 के खिलाफ दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग के रोजनामचे में दो बार शिकायत दर्ज कराने के बाद ब्यान दर्ज कर निष्पक्ष जांच करने की जिम्मेदारी विजिलेंस विभाग की बन जाती है । लेकिन दिखावे के लिए बनाए गए भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट विजिलेंस विभाग के निक्कम्में नालायक भ्रष्ट जांच अधिकारियों ने जब 32 वर्षों में खुद कोई ब्यान दर्ज करते हुए कानूनी कार्यवाही नही की बल्कि दर्ज शिकायतों को अपने फायदे के लिए लोकल पुलिस को ही फारवर्ड किया गया । उपरोक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायतकर्ता ने सबूतों के आधार पर जब भ्रष्टाचार से संबंधित जानकारी सीबीआई को दी । तब सीबीआई में फैले भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट आईपीएस अधिकारियों के लिए मुखबिरी करने वाले सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के भ्रष्ट डीएसपी, एसपी ने शिकायत को प्राप्त करते ही दिल्ली पुलिस के पाले में डाल दिया गया। मामले की गंभीरता पर ध्यान आकर्षित करने की बजाए शिकायत का घूम-फिरकर उसी जांच अधिकारी संतोष कुमार यादव के नाम फारवर्ड कर देना जिसके खिलाफ पहले ही दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग में शिकायतकर्ता दो बार शिकायत दर्ज करवाई गई हो । उपरोक्त मामले में राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र कुमार सीनियर अधिवक्ता विश्वधर्मा टाइम्स के संपादक बताने वाले भीम शर्मा पांडव नगर मदर डेयरी रोड प्रोपर्टी नंबर: 67 के प्रथम तल पर रहने वाले आंनद गोयल उनकी पत्नी पुर्णिमा आंनद के ब्यान अवैधानिक कार्य में मस्त भ्रष्ट जांच अधिकारी संतोष कुमार यादव ने अपने दामादों को बचाने के लिए गवाहियाँ तक दर्ज नहीं की । जबकि उन्हें गवाहियाँ दर्ज करते ही धारा: 120, 201, 182, 420, 467, 468, 471-आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लेना चाहिए अदालत कानून की मदद करने के लिए शिकायतकर्ता ने 2008 में प्रोपर्टी नंबर: 67 के द्वितीय तल भूतल बेसमेंट पर अपने ताले इसलिए लगाएं ताकि विवादित प्रोपर्टी पर कोई अपराधी भू-माफिया अवैध कब्जे नही कर सके । जिसकी जानकारी अदालत में भी शिकायतकर्ता ने दी । लेकिन अपराधियों - भू-माफियाओं के लिए डयूटी करने वाले भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट जांच अधिकारी संतोष कुमार यादव ने अपने दामादों बहनोइयों के फायदे के लिए मनगढ़ंत झूठी जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराते हुए उल्टा शिकायतकर्ता पर ही सवालों की बौछार लगा दी। लेकिन अपने दामादों, बहनाईयों से एक भी सवाल जवाब नही किए। जिनके खिलाफ सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को तत्काल आर.सी.दर्ज करते हुए जांच अधिकारी संतोष कुमार यादव थाना प्रभारी आईपीएस अधिकारियों की गिरफ्तारियाँ करनी चाहिए । लेकिन सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में बैठे भ्रष्ट डीएसपी, एसपी के द्वारा की जा रही मुखबिरी के खिलाफ स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिकायतकर्ता ने बताया कि मंडावली थाने के भगोड़े आरोपियों की योजनाअंतर्गत उनके चहेते कजारिया टाइल्स सचिन हार्डवेयर ने जहाँ उपरोक्त प्रोपर्टी की फर्जी रजिस्ट्रीयाँ रजिस्ट्रार कार्यालय की सांठगांठ से बनवाई । वहीं उनसे पहले प्रथम तल पर निवास करने वाले आंनद गोयल उनकी पत्नी ने आखिर रजिस्ट्री क्यों नही बनवाई । जिससे कजारिया टाइल्स सचिन हार्डवेयर के अपराध अपने आप साबित हो जाते हैं । लेकिन सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के भ्रष्ट डीएसपी एसपी को पूर्वी जिला पुलिस रोजनामचे में दर्ज शिकायतों पर व्यापार करने वाले भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट विजिलेंस विभाग को पचासों बार शिकायतें करने के बाद भी अपराध नजर नही आए । शिकायतकर्ता ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं का मलमूत्र चाटने वाले दिल्ली पुलिस के भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई निष्पक्ष जांच करे तो संतोष कुमार यादव थाना प्रभारी को तिहाड़ जेल जाने से कोई नही रोक सकता । यद्यपि भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट सीबीआई के डीएसपी एसपी ऐसा कदापि नही करेंगे । जबकि पूर्वी जिला पुलिस के भ्रष्टाचार में लिप्त आईपीएस ऑफिसरों की योजनाअंतर्गत ही दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट मुरारी प्रसाद सिंह की अदालत में झूठी फर्जी याचिका विचाराधीन है । जिसकी जानकारी मुरारी प्रसाद सिंह को देने के बाद भी उन्होंने सीबीआई जांच के लिए जानबूझकर शिकायतकर्ता का सहयोग नही किया है ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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