भक्ति अच्छी, अंधभक्ति भक्ति की पराकाष्ठा लेकिन राष्ट्रभक्ति सर्वोत्तम - अजीत सिन्हा
भक्ति अच्छी, अंधभक्ति भक्ति की पराकाष्ठा लेकिन राष्ट्रभक्ति सर्वोत्तम - अजीत सिन्हा
जनक्रांति कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा
अंध भक्ति भक्ति की पराकाष्ठा होती है जिसमें व्यक्ति पूरी तरह से समर्पित होता है और यहां सवाल - जवाब का कोई स्थान नहीं होता है : अजीत सिन्हा
समाचार डेेेस्क/राँची,झारखण्ड ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 12 सितंबर, 2021 ) । भक्ति आस्था की प्रतीक होती है और यह अच्छी है जिस पर कोई सवाल नहीं उठाई जाती है और आस्था या तो स्वयं के अध्ययन - अध्यापन या ज्येष्ठों, गुरूजनों, संतों के दिखाये मार्ग पर चलने से आलोकित होती है।
अंध भक्ति भक्ति की पराकाष्ठा होती है जिसमें व्यक्ति पूरी तरह से समर्पित होता है और यहां सवाल - जवाब का कोई स्थान नहीं होता है और अंध भक्त अपने श्रेष्ठों, नेतृत्वकर्ता की आज्ञा का अनुसरण करते हुए पूरी तरह से समर्पित होता है और मेरी समझ से लोगों को व्यक्ति के प्रति कभी भी अंधभक्ति नहीं करनी चाहिए और अंध भक्ति का स्थान केवल प्रभु, देवों - देवियों के श्री चरणों में होनी चाहिये क्योंकि उदर या पेट से जन्म लेने वाले अंध भक्ति के लायक नहीं होते क्योंकि वे पूर्ण नहीं होते और जिस दिन व्यक्ति ज्ञान से परिपूर्ण हो जाये वह व्यक्ति नहीं रहता और ऐसी क्षमता मनुष्यों में नहीं होती है। इसलिए अंध भक्ति केवल परमात्मा के प्रति करनी चाहिए। व्यक्ति, पार्टी इत्यादि के प्रति की गई अंध भक्ति से कभी - कभी व्यक्ति गलत का भी अनुसरण करने लगते हैं जो कि परमात्मा की नजर में अक्षम्य है।
राष्ट्र भक्ति लौकिक लोगों की नजर में सर्वोत्तम होती है और इसे परमात्मा की आशीर्वाद प्राप्त होती है क्योंकि ऋणों में मातृभूमि का ऋण चुकाने की अभिलाषा ही किसी भी व्यक्ति को राष्ट्र भक्त बनाती है और इसे चुकाना सभी के बस की बात नहीं होती है हालांकि लोग इसका प्रयास करते हैं और अपने देश को खुशहाल बनाने हेतु तरह - तरह के उपक्रम करते रहते हैं और बिना स्वार्थ के राष्ट्र के प्रति की कई कार्य ही उनके महान कार्यो में गिनती की जाती है लेकिन आज के दौर में ऐसे लोग विरले ही मिलते हैं और आज की राजनीति पूरी तरह से स्वार्थ युक्त होती है जिससे समाज व देश का कुछ भला तो होता ही लेकिन इसके पीछे व्यक्ति की स्वार्थवादी सोंच व मंशा व्यक्ति को पतित बनाती है। उपरोक्त वक्तव्य अजीत सिन्हा द्वारा वाट्सएप माध्यम से प्रेस कार्यालय को दिया गया।
जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।
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