जे० पी० सेनानी को वाज़िब हक़ और सम्मान दें बिहार सरकार :-देवेन्द्र प्रसाद

 जे० पी० सेनानी को वाज़िब हक़ और सम्मान दें बिहार सरकार :-देवेन्द्र प्रसाद

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

एकमात्र बिहार ही ऐसा राज्य है, जहाँ जे० पी० सेनानीयों का ये हाल है । जे० पी० आंदोलन कोई आम आंदोलन नहीं वरण स्वतंत्रता की यह दूसरी लड़ाई कही जा सकती है ।


जिसकी बदौलत नीतीश कुमार सता पर राज भोग रहे हैं, उसी थाली में छेद कर रहे हैं : जे० पी० सेनानी मंच

पटना, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन 25 सितंबर,2021 )। बिहार के जे० पी० सेनानी मंच द्वारा एकबार फिर अपनी मांगों के लिये उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद से मिलने एवं पत्रों द्वारा गुहार लगाई जा रही है ।

जे० पी० सेनानी मंच के प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र प्रसाद द्वारा दिनांक 24 सितंबर 2021 को पत्र लिखा गया है ।

जिसमें पूर्व की ही तरह पुनः अपनी माँग को दुहराते हुए मध्य प्रदेश सरकार का पत्रांक - मंत्रालय भोपाल -01 (625 ) लोo सूo अo /2019/2043 दिनांक -07 -11 -2018 की छाया प्रति संलग्न करते हुए माँग की है कि जिस

प्रकार मध्य प्रदेश में जे० पी० सेनानीयों को प्रतिमाह 25000/ और गंभीर बीमारी का इलाज का पुरा खर्च राज्य सरकार द्वारा किया जाता है । उक्त पत्र के अनुसार एक माह एवं इससे अधिक माह तक जेलों में रहे जे० पी० सेनानी को यह लाभ मिल रहा है ।

वहीं दूसरी तरफ राजस्थान सरकार द्वारा 20000/- रुपये +4000/- चिकित्सा भत्ता प्रतिमाह जे० पी० सेनानी को दी जा रही है ।


प्रांतीय अध्यक्ष जे० पी० सेनानी मंच देवेन्द्र प्रसाद द्वारा मुख्य मंत्री नीतीश पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार सरकार की लालफीतासाही के कारण बार - बार आग्रह के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।

जबकि स्वयं नीतीश जी जे० पी० सेनानी हैं और आजतक वे जिस लोकप्रियता को हासिल किये हैं उसमें जे० पी० सेनानी का महत्वपूर्ण रोल रहा है ।

परन्तु उनके दोगलेपन की नीति है फुट डालो और राज करो  , उनके द्वारा जे० पी० सेनानीयों को दो फार में बाँट दिया गया है और पेंशन की राशि भीख के बराबर बाँट कर दी जा रही । एक माह से अधिक छः माह से कम को 5000 /और छः माह से अधिक जेल बंदी को 10000 /रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा है। वहीं बगल के राज्य उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में जे० पी० सेनानी की हैसियत मान मर्यादा और पेंशन बिहार राज्य से बहुत ही अधिक और उतना ही सुविधा दी गयी है ।

कहीं भी किसी भी राज्य में जे० पी० सेनानी को बाँटने या दोयम व्यवस्था लागू नहीं है । अन्य राज्यों में भूमिगत कार्य करने वाले लोगों को भी पेंशन की सुविधा दी जा रही है । एकमात्र बिहार ही ऐसा राज्य है, जहाँ जे० पी० सेनानीयों का ये हाल है । जे० पी० आंदोलन कोई आम आंदोलन नहीं वरण स्वतंत्रता की यह दूसरी लड़ाई कही जा सकती है । फोन पर बड़े ही रोष से बात करते हुए उन्होंने बताया कि यहाँ के मंत्री और नेता लोग अपने अपने घरों को दौलत से भरने में लगे हैं ।

कोई विधायक-मंत्री सुनता नहीं है । श्री देवेंद्र ने आगे कहा की 26 जून 2021 को उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, क़ृषि मंत्री अमरेंद्र प्रसाद सिंह , श्रम संसाधन  मंत्री जीबछ झा से विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से बिहार के समस्त जे० पी० सेनानीयों का मीटिंग हुआ । जो गुज़रे आपातकाल की याद में काला दिवस के रूप में संपन्न हुआ । जिसमें श्रम संसाधन मंत्री द्वारा खजाना मंत्री अर्थात उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद को बड़ा ही विनय पूर्वक आग्रह किया गया है। इन जे० पी० सेनानीयों को वर्तमान में जो राशि और सुविधा मिल रहा है वह माकूल नहीं है ।

अन्य राज्यों की भांति, यह ऊंट के मुँह में जीरा की भांति है माननीय जीबछ झा ने उस आपातकाल की वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मैं जे० पी० सेनानीयों को प्रणाम करता हूँ मैं तो जे० पी० सेनानी नहीं हूँ, मेरे पिताजी जे० पी० सेनानी थे और जब वे जेल गये थे उस समय मैं विद्यार्थी और कम उम्र का था । परन्तु जो दुख मैंने और मेरे परिवार ने पिताजी कि अनुपस्थिति में गुज़ारी है, व्यक्त के काबिल नहीं है। मैं वित्त मंत्री जी से अनुरोध करता हूँ, इनकी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करें मांगें जायज है, इन्हें वाजिब हक़ अदा करें ।


बाद में उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद द्वारा भी आश्वास्त किया गया कि जे० पी० सेनानीयों की मांगों और सुविधा के सम्बन्ध में मुख्य मंत्री जी से वार्ता कर हल करने का प्रयास करेंगे
श्री प्रसाद ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा की एक लम्बे अरसे से हमारी मांगों को मुख्यमंत्री को अवगत कराने के बाद भी जिसकी बदौलत वे राज भोग रहे हैं उसी थाली में छेद कर रहे हैं ।

साक्ष्यों के रुप में इनके द्वारा संलग्न  -पत्र की प्रति 24 सितंबर 2021 के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार का पत्र के साथ रजनीश कुमार पार्षद सह मुख्य सचेतक  सत्ता दल को लिखा गया पत्र की प्रतिलिपि भी मीडिया को उपलब्ध कराते हुऐ जेपी सेनानियों को मिलने वाली पेंशन के साथ अन्य सुविधाओं देने की मांग किया है ।

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा जेपी सेनानी प्रमोद कुमार सिन्हा की वाट्सएप पर संप्रेषित रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।  

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