व्रत विशेष : करवा चौथ व्रत - 2021

 व्रत विशेष :       करवा चौथ व्रत -  2021


जनक्रांति कार्यालय से पंकज झा शास्त्री


इस बार करवाचौथ पर्व पर पांच साल बाद विशेष योग बन रहा है। इस बार करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र और रविवार का संयोग बन रहा है। यह संयोग पूरे पांच साल बाद आया है : पंकज झा शास्त्री

अध्यात्म डेस्क/मधुबनी, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 23 अक्टूबर, 2021 ) । अखंड सौभाग्य हेतु कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चौथ तिथि को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ व्रत रखती है, इस व्रत को कुछ कुवांरी कन्याएं भी रखती है, इस बार करवा चौथ व्रत 24 अक्तुवर 2021 रविवार को मनाया जायेगा।
करवाचौथ थाली में सबसे जरूरी 34 चीजें, जानिए पूरी सूची...
⭕करवा चौथ पूजा की थाली में ये 34 चीजें होना जरूरी है, मिला लीजिए अपनी सूची....

🌙करवा चौथ पूजन सामग्री की सूची
01. चंदन
02. शहद
03. अगरबत्ती
04. पुष्प
05. कच्चा दूध
06. शकर
07. शुद्ध घी
08. दही
09. मिठाई
10. गंगाजल
11. कुंकुम
12. अक्षत (चावल)
13. सिंदूर
14. मेहंदी
15. महावर
16. कंघा
17. बिंदी
18. चुनरी
19. चूड़ी
20. बिछुआ
21. मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन
22. दीपक
23. रुई
24. कपूर
25. गेहूं
26. शकर का बूरा
27. हल्दी
28. पानी का लोटा
29. गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी
30. लकड़ी का आसन
31. चलनी
32. आठ पूरियों की अठावरी
33. हलुआ
34. दक्षिणा के लिए पैसे।

करवा चौथ पूजन विधि-


सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं। सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें पानी पीएं और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। करवा चौथ में महिलाएं पूरे दिन जल-अन्न कुछ ग्रहण नहीं करतीं फिर शाम के समय चांद को देखने के बाद दर्शन कर व्रत खोलती हैं।
पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवे रखें।
एक थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं।
पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरू कर देनी चाहिए। इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं।
पूजन के समय करवा चौथ कथा जरूर सुनें या सुनाएं।
चांद को छलनी से देखने के बाद अर्घ्य देकर चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए।
चांद को देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए।
इस दिन बहुएं अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रुपए आदि देकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लेती हैं।
करवा चौथ व्रत पारण और चंद्रोदय टाइम- अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में बदलाव हो सकता है।


सामान्य रूप से 24 अक्टूबर 2021 को 08.07 मिनट पर चांद के दर्शन हो सकते हैं। बताते है की महिलाएं जीवन साथी की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए दिनभर निर्जल व्रत करेंगी। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चौथ तिथि को करवा चौथ भी कहा जाता है।
इस बार करवाचौथ पर्व पर पांच साल बाद विशेष योग बन रहा है।

इस बार करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र और रविवार का संयोग बन रहा है। यह संयोग पूरे पांच साल बाद आया है। इस संयोग में श्रीगणेश के साथ ही सूर्यदेव की भी विशेष कृपा होगी।
इस दिन व्रत रखने से गणेश भगवान के साथ ही सूर्यदेव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। करवाचौथ का व्रत निर्जला किया जाता है। इस व्रत में चंद्रमा के उदय होने पर भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करके चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त किया जाता है।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा पंडित पंकज झा शास्त्री की अध्यात्म विचार प्रकाशित व प्रसारित।

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