"विश्व की विशालतम डाक व्यवस्था है भारतीय डाक" : 'शैलेश'

 "विश्व की विशालतम डाक व्यवस्था है भारतीय डाक" : 'शैलेश'

पूसा उपडाकघर ने मनाया 'विश्व डाक दिवस''.

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


"डेढ़ लाख से ज्यादा डाकघरों का विशालतम नेटवर्क है भारतीय डाक का": 'शैलेश'

समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 अक्टूबर 2021)। 'विश्व डाक दिवस' के अवसर पर आज पूसा उपडाकघर पर एक कार्यक्रम आयोजित की गई । जिसकी अध्यक्षता उपडाकपाल पवन शर्मा तथा संचालन मार्केटिंग एक्सक्यूटिव शैलेश कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने डाक विभाग की सेवाओं और उनसे होने वाले लाभ की विस्तृत चर्चा की।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डाक विभाग के पूर्व जनसम्पर्क निरीक्षक शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि 'विश्व डाक दिवस' 09अक्टूबर को मनाया जाता है।

आज की ही तारीख 09 अक्टूबर 1874 को ’’यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’’ के गठन हेतु बर्न, स्विटजरलैण्ड में 22 देशों ने एक संयुक्त संधि पत्र पर हस्ताक्षर किया था, इसी कारण विश्व डाक दिवस मनाने के लिए यह दिन चुना गया। 01 जुलाई सन 1876 को भारत यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना तथा भारत में पहली बार वर्ष 1766 में डाक व्‍य‍वस्‍था की शुरूआत की गई। विश्व की विशालतम डाक व्यवस्था 'भारतीय डाक' का स्वर्णिम इतिहास 150 वर्षों से अधिक पुराना है और इसका नेटवर्क लगभग एक लाख पचपन हज़ार डाकघरों का है, जिनमें से 89.87% ग्रामीण क्षेत्रों में है तथा औसतन 21.23 वर्ग किलोमीटर में यह लगभग 8086 जनसंख्या को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना 1 अक्तूबर सन 1854 को हुई।भारतीय डाक विभाग 9 से 14 अक्टूबर के बीच 'विश्व डाक सप्ताह' मनाता है।वर्ष 1766 में भारत में पहली बार डाक व्यवस्था का प्रारंभ हुआ,वारेन हेस्टिंग्स ने कोलकाता में प्रथम डाकघर सन 1774 को स्थापित किया। भारत में सन 1852 में प्रथम बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत हुई तथा महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट 1 अक्टूबर सन 1854 को जारी किया गया। भारत में अब तक का सबसे बड़ा डाक टिकट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 20 अगस्त सन 1991 को जारी किया गया था।

ब्रिटेन में डाक विभाग की स्थापना वर्ष 1516 में हुई थी ब्रिटेन में इसे रॉयल मेल के नाम से जाना जाता है जिसका मुख्यालय इंग्लैंड में बनाया गया है। अमेरिकी डाक विभाग को यूएस मेल के नाम से जाना जाता है जिसकी स्थापना वर्ष 1775 में हुई थी। फ्रांस के डाक विभाग को ला पोस्ट ए के नाम से जाना जाता है वर्ष 1576 में स्थापित डाक विभाग का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है। डूटस्चे पोस्ट के नाम से जानी जाने वाली जर्मन डाक विभाग का हेड क्वार्टर बर्न में बना हुआ है। दक्षिणी एशियाई देशों में स्थित श्रीलंका के डाक विभाग का नाम श्रीलंका पोस्ट है । वर्ष 1882 में बने इस डाक विभाग का मुख्यालय श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में है। इसी तरह पाकिस्तान में स्थित डाक विभाग जिसे वर्ष 1947 में प्रारंभ किया गया था, इसे पाकिस्तान पोस्ट कहा जाता है एवं इसका मुख्यालय इस्लामाबाद में है।
श्री सिंह ने आगे बताया कि अपने प्रारंभिक काल में डाक विभाग द्वारा केवल पत्रों का आदान-प्रदान किया जाता था तथा समय और आवश्यकताओं के अनुरूप अब डाकघरों द्वारा डाक जीवन बीमा,पार्सल,रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट,बचत जमा, आर०डी०, टी०डी०, एन०एस०सी०, के०भी०पी०, पी०पी०एफ०, सुकन्या समृद्धि खाता, आर०पी०एल०आई०, आई०पी०पी०बी०, मीडिया पोस्ट, लॉजिस्टिक पोस्ट,पासपोर्ट सेवा केंद्र जिस सारी सेवाएँ संचालित की जा रही है।
उपडाकपाल पवन शर्मा ने उपस्थित लोगों से डाकघर की समस्त सेवाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने की अपील की।
मौके पर डाक सहायक बिलाश प्रसाद मंडल, अमन कुमार ठाकुर, राकेश कुमार ,राम जिनिस राय,चंद्रमणि प्रसाद भोला,महेश कुमार,मंदीप कुमार आदि उपस्थित थें।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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