दीपावली के बाद राजीव गांधी हत्याकांड मामले को लेकर प्रयागराज उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे:- अरविंद चित्रांश

 दीपावली के बाद राजीव गांधी हत्याकांड मामले को लेकर प्रयागराज उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे:- अरविंद चित्रांश

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


शिकायतकर्ता की जान को खतरा दो वर्षों पश्चात भी गवाहियाँ कंपलीट क्यों नही सवालों के घेरे में सीबीआई पर सवालिया निशान

समाचार डेस्क/बरेली उत्तर प्रदेश( जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन 28 अक्टूबर 2021)। सत्य सनातन रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद चित्रांश ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा राजीव गांधी हत्याकांड मामले को लेकर 2010 से निष्पक्ष जांच की बराबर मांग करने वाले स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना ने बताया कि 2007 दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले तांत्रिक चंद्रास्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस सत्यनारायण ढिंगरा ने कांग्रेस शासनकाल के प्रधानमंत्री डा०मनमोहन सिंह सरकार को नोटिस जारी करते हुए जानना चाहा कि नए तथ्यों के सामने आने पर राजीव गांधी हत्याकांड मामले को दुबारा क्यों नही खोला जाना चाहिए । जिसे मनमोहन सरकार ने किसके ईशारों पर खोलने से मना किया था । जिसकी गंभीरता पर ध्यान आकृषित करते हुए सीबीआई को तत्काल डा० मनमोहन सिंह की गवाही दर्ज कर लेनी चाहिए ।

जो हत्यारों तक पहुंचने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। लेकिन सीबीआई हत्यारों को बचाने के हरसंभव प्रयास कर जनार्दन द्विवेदी मुकुल वाशनिक डा० मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री की गवाहियाँ लेने में टाल-मटोल करते हुए समय को व्यर्थ करने में अब तक लगी हुई है  । शिकायतकर्ता के प्रयासों को विफल करने के लिए सीबीआई जानबूझकर भारत पोस्ट के संपादक अखिलेश कुमार अखिल रिपोर्टर सुरेश कुमार पूर्व केबिनेट मिनिस्टर सरोज खापड़े से जुड़ी गवाहियों की रिकार्डिंग तक सीबीआई को उपलब्ध कराई गई है । सत्य सनातन रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा शिकायतकर्ता जगदीश सक्सेना के सराहनीय प्रयासों से हत्याकांड की एक एक पर्तो को खोलकर रख दिया गया है । सबूतों के आधार पर शिकायतकर्ता के ब्यांन दर्ज होने के बाद पब्लिक यूनियन के अध्यक्ष प्यार चंद दिम्मी ने प्रयाप्त सबूतों के आधार पर दो बार सीबीआई कार्यालय में जाकर अपने गवाही दर्ज कराई। जिसके बाद भी गवाहियाँ कंपलीट नही होना देश की स्वतंत्र जांच एजेंसी सीबीआई पर सवालिया निशान लगा देता है कि आखिर किसकी योजनाअंतर्गत हत्यारों को बचाने में जुटी हुई है । जांच एजेंसी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े नही करना सीबीआई की खामियों पर अपने आप सवालिया निशान लगा देता है, 10 जनपथ में जबरन छ: दिन तक अंडरग्राउंड रहने वाले मुख्य गवाह के मानसिक संतूलन को खराब करने के लिए झूठे आरोपों में लिप्त होने से पहले बी.एस.मलिक ने चाणक्यपुरी थाना क्षेत्र में दाहसंस्कार करने के प्रयासों को विफल कैसे किया गया । कांग्रेस शासनकाल में 10 जनपथ पर बराबर ऊँगली उठाते हुए भारत पोस्ट साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक अखिलेश कुमार अखिल को 10 जनपथ में बुलाए जाना केंद्रीय मंत्री मुकुल वाशनिक का उसके कार्यालय पर चक्कर काटने से ही साबित हो जाता है कि दाल में कुछ काला ही नही पूरी की पूरी दाल ही काली है । जिनके सबूतों की जांच करने में खानापूर्ति करने वाली सीबीआई को नोटिस जारी करवाने के साथ साथ केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी करवाए जाने के लिए सत्य सनातन रक्षा सेना की तरफ से प्रयागराज उच्च न्यायालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद चित्रांस याचिका दायर करेंगे जिससे देश को मालूम हो सके कि भारत के सविंधान की नजरों में देश को लूटने वाले हत्यारों के लिए जांच एजेंसियाँ आम और खास में कितना फर्क रखती हैं।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/ सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय से प्रकाशित व प्रसारित।

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