नरेंद्र मोदी के फैसले ने किसान आंदोलन पर जीत के साथ अहंकार को हराया 03 कृषि कानूनों को हराया : कांग्रेस

 नरेंद्र मोदी के फैसले ने किसान आंदोलन पर जीत के साथ अहंकार को हराया 03 कृषि कानूनों को हराया : कांग्रेस


जनक्रांति कार्यालय से ब्यूरो चीफ बिस्वरंजन मिश्रा की रिपोर्ट

कांग्रेस जितनी मजबूत होगी, मोदी सरकार उतने ही सारे नियम बदलेगी। कांग्रेस पार्टी इस किसान आंदोलन में शामिल रही है और रहेगी : दीपक कुमार

 भुवनेश्वर/उड़ीसा ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय  २० नवंबर, २०२१तरुणकांत मोहंती न्यूज़ ) । भारत में लाखों किसानों का आंदोलन उनके न्याय और किसान विरोधी भावना का प्रमाण है। आज, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि उनकी सरकार द्वारा पारित सभी तीन कृषि कानूनों को अगले शीतकालीन सत्र में निरस्त कर दिया जाएगा ।

पिछले १३ महीने से किसान इस कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत भर में प्रदर्शनकारियों ने बार-बार मोदी सरकार से कानून को निरस्त करने या इसे बदलने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जीत भारत के किसानों की जीत है, लोकतंत्र की जीत है, सच्चाई की जीत है और गर्व की हार है. नरेंद्र मोदी ने पिछले चार साल से जितने भी कानून पारित किए हैं, वे सभी जनविरोधी थे, चाहे वह जीएसटी का उन्मूलन हो या आज राष्ट्रीय संपत्ति बेचने का फैसला।

पिछले साल पूरे भारत में हुए चुनाव और कांग्रेस पार्टी की सफलता और भाजपा के उन्मूलन ने आज सरकार को अपने अहंकार और अहंकार को त्यागने के लिए मजबूर कर दिया है। कांग्रेस जितनी मजबूत होगी, मोदी सरकार उतने ही सारे नियम बदलेगी। कांग्रेस पार्टी इस किसान आंदोलन में शामिल रही है और रहेगी। "यह तब हमारे संज्ञान में आया था।

इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई तब तक जारी रखेगी जब तक कि एमएसपी को कानूनी मान्यता और गारंटी नहीं मिल जाती। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव डॉ. ए. चेला कुमार ने आज यहां राज्य कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का "कृषि और कृषि अधिनियम" आज भारत सरकार द्वारा पारित किया गया।

प्रांतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने संवाददाताओं से कहा कि आज मारे गए ७००  से अधिक किसानों को पीछे से वाहनों और ट्रैक्टरों द्वारा मार दिया गया था, और उनके नाम पर विभिन्न मामलों में मुकदमा चलाया जा रहा था। आज सरकार तय कर सकती है तो किसानों को आतंकवादी क्यों दिखाया जा रहा है..? और उन्हें खालिस्तानी विद्रोही कहा जाता था।

वे विदेश से पैसा इकट्ठा करते रहे हैं और देश के खिलाफ साजिश कर रहे हैं नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के शीर्ष नेता कब जवाब देंगे? अहंकार और संख्या की कभी जीत नहीं हुई, लोकतंत्र की जीत हुई है। प्रेस कांफ्रेंस में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव जी. रुद्र राजू, पीसीसी मीडिया सेल के अध्यक्ष श्री गणेश्वर बेहरा, यज्ञेश्वर बाबू और वरिष्ठ प्रवक्ता एवं सेबादल के अध्यक्ष डॉ. एस.के. आर्य कुमार ज्ञानेंद्र मौजूद थे। प्रेस कांफ्रेंस की अध्यक्षता श्री दीपक कुमार ने किया।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा ब्यूरो चीफ बिस्वरंजन मिश्रा की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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