आओ मिलकर प्रेरित करें बिहार "युवा संवाद" सह रक्तवीर सम्मान समारोह को आईजी विकास वैभव ने किया संबोधित

 आओ मिलकर प्रेरित करें बिहार "युवा संवाद" सह रक्तवीर सम्मान समारोह को आईजी विकास वैभव ने किया संबोधित    

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


संघर्ष नहीं सहयोग की भावना विकसित करें युवा तभी बढ़ेगा बिहार : विकास वैभव                    


मीडिया कर्मियों को दीनबन्धु सूरूची सेवा फाउंडेशन द्वारा आईजी विकास वैभव के हाथों से कराया मोमेंटो से सम्मानित

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 28 नवंबर,2021)। "लेट्स इंस्पायर बिहार" के बैनर तले रविवार को शहर के नगर भवन में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे गृह विभाग के विशेष सचिव सह आईजी विकास वैभव मिथिला की पावन धरती समस्तीपुर ।

उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्र गायन, स्वागत सत्कार के साथ की गई शुरूआत ।

कार्यक्रम के शुभारंभ से पूर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के अलावा समाजसेवी रविन्द्र नाथ सिंह, उपसभापति शारिक रहमान लवली नगर निगम समस्तीपुर, मोहम्मद जाकिर हुसैन, गौरीशंकर झा, बलिराम शर्मा, राहुल कुमार इत्यादि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया ।

वहीं उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि आईजी विकास वैभव ने कहा की संघर्ष नहीं सहयोग की भावना विकसित करें युवा तभी बढ़ेगा बिहार ।

श्री वैभव ने आगे कहा कि समस्तीपुर का इतिहास दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता जिले के दलसिंहसराय के पांडव स्थान में मिला है । समस्तीपुर के युवा अपार सकारात्मक ऊर्जा एवं क्षमताओं से लवलेज है।

कालांतर में हमारा अपेक्षाकृत विकास नहीं हुआ तो इसका प्रमुख कारण कहीं ना कहीं समय के साथ लघुवादों में ग्रसित होना ही रहा है, अन्यथा इस भूमि के उज्जवलतम भविष्य में भरा संदेह कहां है । श्री वैभव ने आगे कहा कि अगर हमें अपने भविष्य को उज्जवल देखना है तो हमें फिर से बड़ा सोचना होगा । 

जातिवाद वह संप्रदायवाद से ऊपर उठकर राज्य व राष्ट्रहित में नि:स्वार्थ सामाजिक योगदान समर्पित करना होगा । श्री वैभव ने आगे कहा कि भविष्य परिवर्तन के निमित्त युवाओं द्वारा संकल्पित सकारात्मक चिंतन एवं योगदान ही बिहार के उज्जवलतम भविष्य की दिशा स्थापित करने का एकमात्र विकल्प है ।

इतिहास की प्रेरणा में ऐसी अद्भुत शक्ति समाहित है जो बिहार सहित संपूर्ण भारत वर्ष के भविष्य को परिवर्तित करने की क्षमता रखती है।  लेट्स इंस्पायर बिहार, क्या है यह जानने से पहले आप खुद से यह सवाल करें क्या आप मानते हैं कि संपूर्ण भारत वर्ष के उज्जवल भविष्य की प्रबल संभावनाएं कहीं ना कहीं उसी भूमि में समाहित हो सकती है, जिसने इतिहास के एक कालखंड में संपूर्ण अखंड भारत के साम्राज्य का नेतृत्व किया था और वह भी तब जब ना आज की तरह संचार के माध्यम थे और ना ही आज की सोशल मीडिया जैसी तीव्रता थी।

ताकि यहां खबर डाली झट्ट पूरी दुनिया में खबर पहुंच गई । ना  विकसित मार्ग और ना ही  प्रौद्योगिकी । आप खुद से सवाल कीजिए और दिमाग पर जोर डालिए तो आपको याद आएगा की बिहार ही ज्ञान की वह भूमि है, जहां वेदों ने भी वेदांत रुपी उत्कर्ष को प्राप्त किया ।

ज्ञान के प्राचीन बौद्धिक परंपरा की जब अभिवृद्धि हुई, तब इसी भूमि ने बौद्ध और जैन धर्म के दर्शन सहित अनेक तत्वों एवं सिद्धांतो के जन्म के साथ नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय की स्थापना देखी । जहां ज्ञान की ऐसी अद्भुत प्रेरणा रही। वहां शौर्य का दिखना भी स्वाभाविक ही था।

इतिहास गवाह है, वह बिहार ही है । जहां से अखंड भारत पर शासन चलाया जाता था और वह भी सशक्त एवं जोरदार तरीके से । उद्यमिता (जहां से नए तरह के व्यवसाय) की इस प्राचीन भूमि ने ही ऐतिहासिक काल में ऐसी प्रेरणा का संचार किया जिसके कारण दक्षिण पूर्वी एशिया के नगरों तथा यहां तक की राष्ट्रों का नामकरण भी इसी भूमि के प्रेरणादायक नगरों के नामों पर होने लगे ।

जिसका सबसे सशक्त उदाहरण वियतनाम है, जो चंपा ( वर्तमान भागलपुर बिहार ) के नाम से लगभग 1500 वर्षों तक पूरी दुनिया में जाना गया । लेकिन अगर आज चारों तरफ एक प्रकार की निराशा है । भविष्य के संबंध में भी नकारात्मक विचार ही युवाओं के बीच पनप रहे हैं , जो भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ठीक नहीं है । यदि हम इतिहास में प्राप्त उत्कर्ष के कारणों पर चिंतन करेंगे तो पाएंगे कि हमारे पूर्वज दूर की सोचते थे ।

ऊर्जा के साथ जिज्ञासा जो हमारे पूर्वजों को ऐसी थी जो सामान्य भौतिक ज्ञान से संतुष्ट होने वाली नहीं थी । वह सत्य के वास्तविक स्वरूप को जानना चाहते थे । जिसके कारण ज्ञान परंपरा के उत्कर्ष को समाहित किए । उपनिषदों के दृष्टि संभव हो सके । श्री वैभव ने मगध का उदाहरण देते हुऐ कहा कि जहां एक दूसरे के लिए सहयोग की भावना थी । लेकिन जब वह खत्म हुआ तो कैसे राज विखंडित हुए । इसलिए संघर्ष नहीं सहयोग की भावना विकसित करना जरूरी है । 

 
वहीं दूसरी ओर शहर के ताजपुर रोड में राजश्री विवाह भवन परिसर में दीनबंधु सुरुचि सेवा फाउंडेशन के तृतीय वर्षगांठ के अवसर पर संस्थापक सात्विक सक्सेना और उनकी टीम के द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया ।

उक्त समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आईजी विकास वैभव भी शामिल हुए । उक्त समारोह में टीम दीनबन्धु के  सदस्यों ने गृह विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव को अंगवस्त्र एंव फुलों का गुलदस्ता से सम्मानित किया गया ।

वहीं केक काटकर दीनबन्धु सुरुचि सेवा फाउंडेशन के तीसरा स्थापना दिवस हर्षोल्लास पूर्ण वातावरण में टीम दीनबन्धु के संयोजक सात्विक सक्सेना के साथ ही आईजी विकास वैभव ने मनाया। 


इस कार्यक्रम में समस्तीपुर के मीडियाकर्मियों को उनके हाथ से टीम दीनबन्धु द्वारा सम्मानित किया गया । सम्मानित पत्रकारों में मुख्य रुप से डीडी न्यूज से कृष्ण कुमार, सहारा समय से रमेश शंकर राय, आजतक जहांगीर आलम, सीनियर पत्रकार तरुण कुमार, दैनिक भाष्कर मोहन कुमार मंगलम, न्यूज 18 मुकेश कुमार, दैनिक जागरण तरुण कुमार, उर्दु फिरोज आलम उर्फ चुन्नू बाबा, कशिश न्यूज मंटून कुमार, जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन प्रकाशक राजेश कुमार वर्मा, कैसर खान, अंकुर कुमार इत्यादि शामिल है। इसके साथ ही रक्तवीरों को भी सम्मानित किया गया। 

वही इस कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर डॉक्टर सोमेंद्र मुखर्जी, डॉ० अमरेंद्र कुमार पांडे, डॉ शीला सिंह, विमला सिंह, डॉक्टर अमृता कुमारी सहित टीम दीनबन्धु के अली इकवाल, सलामत हुसैन, रजनीश सिंह राजपूत, राहुल कुमार श्रीवास्तव, कुमार गौरव, शिवम राज, रोशन कुमार, रोशन राज, रोशन सिंह, आमीर इत्यादि मौजूद थे।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।


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