बुझ गया गरीब के घर का चिराग, प्रशासन लीपापोती को तैयार : अजीत सिन्हा

 बुझ गया गरीब के घर का चिराग, प्रशासन लीपापोती को तैयार : अजीत सिन्हा

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट 

कानपुर जिले के कल्याण पुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत जितेन्द्र श्रीवास्तव उर्फ कल्लू की पुलिस द्वारा की गई पिटाई से हुई मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं : अजीत सिन्हा 

राँची, झारखण्ड ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 19 नवंबर,2021) ।  प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं कई सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक एवं फाउंडेशन जैसे संस्थानों से जुड़े अजीत सिन्हा ने उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के कल्याण पुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत जितेन्द्र श्रीवास्तव उर्फ कल्लू की पुलिस द्वारा की गई पिटाई से हुई मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये इसे स्थानीय प्रशासन द्वारा लीपापोती पर रोष व्यक्त कर हाई लेवल इनक्वायरी की माँग मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, भारत सरकार से ट्विटर के माध्यम से माँग की है और जिसकी सूचना महामहिम राष्ट्रपति महोदय के कार्यालय को भी दी गई है।

विदित हो कि स्थानीय थाना द्वारा जितेन्द्र श्रीवास्तव उर्फ कल्लू को चोरी के शक में उठाया गया और इतनी पिटाई की गई कि उसकी हालत खराब हो गई और मामले के गंभीरता को समझते हुए स्थानीय पुलिस द्वारा उसके परिजनों को जिवित अवस्था में सौप दी गई ताकि खाकी पर कोई दाग न लगे और हाजत में पिटाई की मौत का मामला न बने जबकि कानून ये है कि जब भी किसी संदेहास्पद अपराधी या किसी की भी गिरफ्तारी होती है तो सबसे पहले उसकी चिकित्सीय जाँच होती है और परिजनों को सौपने के पूर्व फिर डाक्टरी जाँच कर व्यक्ति को पुलिस परिजनों को सौंपती है यदि संदेहास्पद व्यक्ति अपराध में लिप्त नहीं होता है जबकि इस तरह की कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। जिससे पुलिस की वर्दी संदेह के घेरे में है इसलिए इस प्रकरण पर उच्चतम स्तरीय जाँच तो बनती ही है इसलिये मेरी राष्ट्रपति महोदय के साथ उच्चतम न्यायालय से आग्रह है कि इस पर स्वतः संज्ञान लेकर जाँच हेतु कमेटी गठित करने की कृपा करें क्योंकि पुलिस महकमे की जाँच पुलिस कैसे कर सकती है? यदि करेगी भी तो पुलिस की जाँच लोगों की नजरों में हमेशा संदेह के घेरे में रहेगी इसलिये स्वतंत्र एजेंसी सी. बी. आई. या न्यायालय द्वारा गठित कमेटी ही इसकी जांच करे तो यह अति उत्तम होगी।

जितेंद्र श्रीवास्तव के मौत के प्रकरण पर कई सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया आ रही है साथ में नवोदित राजनीतिक पार्टियों की भी जो उत्तर प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव राष्ट्र में चौथी शक्ति के उद्भव हेतु लड रही हैं। सबसे पहली प्रतिक्रिया राष्ट्रवादी विकास पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा (महिला प्रकोष्ठ) श्रीमती किरण श्रीवास्तव की आई जिसमें उन्होंने अभियुक्तों की फांसी की माँग की जिसका समर्थन इसी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुशील क्रांतिकारी जी ने किया है। 

राष्ट्रवादी विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनूप श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) रिटायर्ड ब्रिगेडियर अनिल श्रीवास्तव, राष्ट्रीय सचिव (संगठन) राज किशोर लाल श्रीवास्तव एवं निष्पक्ष मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश श्रीवास्तव, चित्रांश सेवा समिति समस्तीपुर, बिहार के सचिव राजेश कुमार वर्मा इत्यादि ने भी गरीब व्यक्ति के मौत पर गहरी सम्वेदना व्यक्त करते हुये निष्पक्ष जांच की माँग शासन - प्रशासन से की है।

उत्तर प्रदेश के विधान परिषद सदस्य विधायक आशुतोष सिन्हा ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिख कर दोषी पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी, भुक्तभोगी के परिजनों को पचास लाख की मुआवजा एवं घटना की सी. बी. आई. की टीम द्वारा जाँच की माँग की है जिससे लगता है कि अभी भी इंसानियत बची हुई है और गरीबो को न्याय दिलाने हेतु लोग प्रयत्नशील हैं। लेकिन कायस्थ संगठनों की चुप्पी इस दुःखित प्रकरण पर हैरान कर देने वाली है लेकिन हवाट्स एप्प ग्रुप में कायस्थ सहित सनातनी बंधुओं द्वारा मिली मॉरल सपोर्ट काबिल - ए- तारीफ है जिससे स्पष्ट होता है अभी भी मानवता बची हुई है और लोग न्याय की माँग कर रहे हैं।

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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