बिहार के सरकारी स्कूल शिक्षकों की कमी तथा सुविधाओं व संसाधनों की कमी से जूझ रहे है : विधायक शाहीन

 बिहार के सरकारी स्कूल शिक्षकों की कमी तथा सुविधाओं व संसाधनों की कमी से जूझ रहे है : विधायक शाहीन


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि बिहार की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी बच्चो की शिक्षा के लिए सरकारी स्कूलों पर निर्भर है : विधायक

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 दिसम्बर, 2021)।
समस्तीपुर विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने आज शुक्रवार को बिहार विधानसभा में बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि बिहार की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी बच्चो की शिक्षा के लिए सरकारी स्कूलों पर निर्भर है l मगर बिहार के सरकारी स्कूल शिक्षकों की कमी तथा सुविधाओं व संसाधनों की कमी से जूझ रहे है l शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन नहीं मिल रहा है l शिक्षकों को चपरासी से भी कम वेतन मिल रहा है l शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन मिलना चाहिए l

उन्होंने कहा कि बिहार के विद्यालयों में बच्चो के अनुपात में कमरों की संख्या बेहद कम है l उर्दू शिक्षकों के साथ भी सरकार भेद-भाव कर रही है l उर्दू -बंगला TET के अभ्यर्थी अपनी बहाली की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत है लेकिन सरकार उन्हें बहाल नहीं कर रही है l बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर आभाव है l सरकार इस ओर पहल नहीं कर रही है l

नीति आयोग की रिपोर्ट से भी यह खुलासा हो गया है कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था बेहद बदहाल है । पी.जी. में सीटों की कमी के वजह से प्रतिवर्ष लाखो छात्रों का नामांकन नहीं हो पाता है l पी.जी. में सीटों की संख्या बढ़ाने की जरुरत है l बलिराम भगत कॉलेज समस्तीपुर को तत्कालीन  मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा दिए गए रुपये में से शेष 02 करोड़ रुपये को सरकार ने कॉलेज से वापस ले लिया है l उन्होंने 02 करोड़ रुपये बलिराम भगत कॉलेज को वापस करने तथा बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को सुचारु करने की मांग सरकार से की l


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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