अपने उत्कर्षता की बाट जोह रहा है चित्रगुप्त मंदिर, धुर्वा, रांची: अजीत सिन्हा

 अपने उत्कर्षता की बाट जोह रहा है चित्रगुप्त मंदिर, धुर्वा, रांची: अजीत सिन्हा


जनक्रांति कार्यालय से संवाद सूत्र की रिपोर्ट


मंदिर प्रांगण में स्थित मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य अभी भी बचे हुए हैं


अध्यात्म डेस्क/राँची,झारखण्ड ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 02 दिसंबर, 2021)। कायस्था फाउंडेशन के उपाध्यक्ष अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुऐ अपने यात्रा का वृत्तांत बताते हुए कहा की मैं अपने तीन दिवसीय राँची प्रवास के दौरान लौटने के क्रम में श्री चित्रगुप्त मंदिर, धुर्वा, रांची के दर्शन एवं अवलोकन का सौभाग्य प्राप्त हुआ जहां श्री चित्रगुप्त की प्रतिमा के साथ भगवती दुर्गा एवं शिव - पार्वती की प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति के साथ शिव की शिवलिंग भी विराजमान है।


धुर्वा बस स्टैंड से वाकिंग डिस्टेंस पर अवस्थित मंदिर प्रांगण में स्थित मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य अभी भी बचे हुए हैं क्योंकि मंदिर की गुंबद एवं मंदिर प्रांगण की स्थाई घेरा और परिसर के अग्र भाग में नाली निर्माण व उसका पाटन का कार्य मुझे फौरी तौर पर दिखाई दिया और साथ 24 घंटों केयर टेकर की व्यवस्था भी जान पडी हालांकि मंदिर परिसर में जल की व्यवस्था के साथ बाथरूम एवं शौचालय की व्यवस्था भी दिखाई पड़ी। यह मंदिर राँची में अवस्थित क्रिकेट स्टेडियम के निकट भी है और उसी रोड पर जगन्नाथ महाप्रभु की विशाल मंदिर भी अवस्थित है और चित्रगुप्त मंदिर के तीन किलोमीटर के रेडियस में नव निर्मित झारखण्ड विधानसभा एवं  निर्माणाधीन झारखण्ड हाई कोर्ट भी है।

कहने का तात्पर्य यह है कि यह चित्रगुप्त मंदिर प्राइम लोकेशन पर अवस्थित है जिसके जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय मंदिर कमेटी प्रयासरत है जिसकी पुष्टि मंदिर कमेटी के महत्तवपूर्ण पदाधिकारी सुरेश कुमार स्नेही जी ने की है लेकिन फंड की कमी की वज़ह से कार्य की गति धीमी है।
विदित हो कि श्री चित्रगुप्त सनातन धर्म के एक स्तंभ ही नहीं अपितु त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश की केंद्रीय शक्ति हैं क्योंकि इनमें त्रिदेवों की शक्तियां संचित है और यह सनातन धर्म के उस नाभि के समान हैं जिस तरह से प्राणियों सहित सभी जीवों की केंद्रीय नाभि शक्ति जिस पर सभी के प्राण निर्भर होते हैं इसलिए श्री चित्रगुप्त को सनातन धर्म का प्राण कहना ही उचित होगा।


इस मंदिर के जीर्णोद्धार के सम्बंध में राष्ट्रवादी विकास पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुशील क्रांतिकारी जी से भी चर्चा हुई जो कि राँची में ही निवासरत हैं और उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु हर सम्भव प्रयास करने का कायस्थ क्रांतिकारी विचार मंच के माध्यम से करवाने हेतु स्थानीय श्री चित्रगुप्त कमेटी के साथ मिल कर करवाने हेतु वचन दिये हैं लेकिन चूंकि श्री चित्रगुप्त सभी सनातनियों के देव हैं इसलिये सभी सनातनियों को चाहिये कि इस मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु कमर कसें और इस हेतु कमेटी के सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों को स्थानीय सनातनियों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए।
कायस्था फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजीत सिन्हा ने मंदिर के वर्तमान हालात पर अपनी दुःख सुरेश स्नेही जी को करा दी है और सम्भवतः अगली राँची विजिट में बदलाव देखने को अवश्य ही मिलेगा और ऐसी उम्मीद करनी ही चाहिये।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय से संवाद सूत्र की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित। 

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