खुशहाली में महत्त्वपूर्ण योगदान...✍️ गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार तथा आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक​ अपराधों से लड़ने तथा उन पर विजय पाने के लिए हमारी शिक्षा पूरी तरह सक्षम नहीं

 खुशहाली में महत्त्वपूर्ण योगदान...✍️

गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार तथा आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक​ अपराधों से लड़ने तथा उन पर विजय पाने के लिए हमारी शिक्षा पूरी तरह सक्षम नहीं

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट

लोकसभा में अनुशासन हीनता​ तथा अमर्यादा, या जोड़-तोड़ की राजनीति : पंकज झा शास्त्री

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 05 दिसम्बर, 2021)।  बीते कुछ दशकों में बहुत कुछ बदल गया।
आज भी 2 वर्ष की आयु पार कर बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है तो उसका बचपन, किशोरा आवस्था तथा यौवन के स्वर्णिम वर्ष शिक्षा संस्थाओं में विद्या अध्ययन करते बीतते हैं। आज शिक्षा शास्त्रियों के सम्मुख प्रमुख समस्या है ''बालकों की बुद्धि का विकास कर उन्हें ऐसी विद्या प्रदान करना जो उनके, समाज के और देश की खुशहाली में महत्त्वपूर्ण योगदान करे।''
आज व्यवसाय परक प्रशिक्षण का महत्त्व, जन समाज ने समझा है किन्तु, शायद अभी तक गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार तथा आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक​ अपराधों से लड़ने तथा उन पर विजय पाने के लिए हमारी शिक्षा पूरी तरह सक्षम नहीं है। आज सामान्य​ व्यक्ति​, स्वयं को कभी तो बहुत दुर्बल और असहाय पाता है, तो कभी घर परिवार में सिमट कर अपने सामाजिक कर्तव्य और दायित्व से मुँह मोड़ लेता है।
परिणाम भी सामने है। लोकसभा में अनुशासन हीनता​ तथा अमर्यादा, या जोड़-तोड़ की राजनीति है। सड्कोंपर लगा जाम, बाल वाटिकाओं की दुर्दशा, जहाँ-तहाँ गंदगी के ढेर और पशुओं से भी हीन जीवन गुजारते गरीब परिवार; हमारी स्वतंत्रता व सभ्यता को कलंकित करते हैं। कभी आर्थिक अपराध व करोड़ों रुपये का घोटाला कर समाज में पद प्रतिष्ठा पाने वाले किसी व्यक्ति में, बुद्धि और विद्या को खोजना असाध्य जान पड़ता है। ऋषि मुनियों की पावन धरती पर छल, कपट, प्रपंच और पर धन हरण ही मानों आज श्रेष्ठ विद्या बन गई है।
सभी माता-पिता को अपने बच्चे में छिपी क्षमता, योग्यता तथा विशिष्ट गुणों की पहचान कर उसे एक गुणी, सक्षम व संस्कारवान, समृधिवान व्यक्ति बनाने की राह सुझाए।  किशोर शिक्षा के किस क्षेत्र का चयन करें इस समस्या से गुजरते हैं उनकी मदद करना​ज्योतिषियों का कर्त्तव्य ही नहीं शायद एक बड़ी जिम्मेदारी भी है । जब कर्त्तव्य निष्ठा की बात हो तो कुछ करना आवश्यक हो जाता है । शायद इस प्रयास के बीच यही कुछ कारण थे जिनका जिक्र ऊपर किया।सभी नेताओं, बड़े अधिकारिगण वनियोजकों को ज्योतिष का थोड़ा ज्ञान तो अवश्य ही होना चाहिए । ज्योतिष शास्त्र भविष्य में झाँकने की योग्यता देता है तथा भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के उपाय भी बताता है।
👉 नोट- ज्योतिष, हस्तलिखित जन्मकुंडली, वास्तु, उपनयन, विवाह, पूजा पाठ, महा मृत्युंजय जाप एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए संपर्क कर सकते हैं। सम्पर्क नं० : 9576281913 ।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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