बाल शोषण के खिलाफ जागरुकता अभियान की तैयारी को लेकर की गई आयोजित कोर्डिनेटरों की बैठक

 बाल शोषण के खिलाफ जागरुकता अभियान की तैयारी को लेकर की गई आयोजित कोर्डिनेटरों की बैठक


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


18 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे के साथ जानबूझकर मानसिक या शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाना या गलत व्यवहार करना भी बाल शोषण माना जाता है : ओसैफा निदेशक देव कुमार

समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 जनवरी,2022)। समस्तीपुर जिला स्वंयसेवी संस्था कार्यालय पर आइना ऑर्गेनाईजेशन, वाराणसी के सौजन्य से अनमोल उपहार सेवा फाउंडेशन द्वारा बाल शोषण के खिलाफ जागरुकता अभियान हेतु कोर्डिनेटरों की बैठक औसेफा के निदेशक देव कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि देश में हर दिन लगभग 05 बच्चे बाल शोषण की वजह से मौत के शिकार होते हैं।

इसके अलावा प्रत्येक तीन लड़कियों में से एक लड़की और प्रत्येक चार लड़कों में से एक लड़का 18 साल से कम उम्र में बाल शोषण का शिकार होते हैं। लड़के 48.5% और लड़कियां 51.2% लगभग की दर से बाल शोषण का शिकार बनते हैं।

18 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे के साथ जानबूझकर मानसिक या शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाना या गलत व्यवहार करना भी बाल शोषण माना जाता है। जो कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

बाल दुर्व्यवहार के कई रूप होते हैं जैसे कि शारीरिक शोषण, यौन शोषण, भावनात्मक शोषण, चिकित्सक शोषण, बाल उपेक्षा आदि पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। बाल शोषण के खिलाफ संस्था द्वारा जिले के प्रत्येक प्रखंडों में 01फरवरी से कोविड गाइडलाईन का पालन करते हुए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

मौके पर जिला समन्वयक मनोज कुमार, विजय कुमार सुमन, मो. सफीउल्लाह, सोनाली कुमारी, किसलय कुमार देव, कमलेश कुमार, मंजु, पिंकी कुमारी, विवेक कुमार आदि उपस्थित थे।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित।

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