अध्यात्म विचार :- अभिमान और स्वाभिमान क्या है.....ललन प्रसाद सिन्हा

 अध्यात्म विचार :- अभिमान और स्वाभिमान क्या है.....ललन प्रसाद सिन्हा


अभिमान और स्वाभिमान में आकाश पाताल का अंतर है..?

अभिमान का जन्म अपने संकीर्ण दृष्टिकोण के फल स्वरुप होता है..??


स्वाभिमान का जन्म व्यक्ति के उद्धत एवं विशाल आत्मीयता पूर्ण दृष्टिकोण के कारण होता है..??                   

                                      "अभिमान"
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अभिमान, व्यक्ति के ओछे पन की निशानी है। अभिमान भौतिक पदार्थों का होता है। धन, शिक्षा, रूप, बल पद आदि नश्वर संपदाओं एवं विशेषताओं पर इतराने वाले व्यक्ति अहंकारी कहे जाएंगे।
अहंकारी जहां अपना तनिक सा अपमान भी सहन नहीं कर सकता है और चोट खाए सर्प की तरह दूसरों पर टूट पड़ता है। अभिमान वाला सदा दूसरों से सम्मान चाहता है, परंतु वह दूसरों को मान सम्मान नहीं देना चाहता है और स्वयं के मान-सम्मान् तथा पूछताछ में थोड़ी कमी रह गई तो वह स्वयं को अपमानित महसूस करता है।         
                                      "स्वाभिमान"        

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स्वाभिमान् - व्यक्ति के उच्चता और महानता की निशानी है। अपने देश, जाति, धर्म, आदर्श, मानवता की आन - बान और शान की रक्षा के लिए प्राणों की बाजी लगा देना ये स्वाभिमान का परिचायक है।  स्वाभिमान वे है जो आदर्शों के पालन में दृढ़ता प्रकट करते हैं और मानवीय गरिमा को एवं आदर्शवादी परंपराओं को समाज में जीवित रखने के लिए अपने सर्वस्व की बाजी लगा देते हैं। स्वाभिमानी व्यक्तिगत लाभ-हानि का मान-अपमान का ध्यान न करके अपनी अहंता आदर्शों के साथ जोड़कर रखता है और स्वस्थ परंपराओं की रक्षा में ही अपनी सफलता और प्रशंसा मानता है। अर्थात स्वयं सेवा, परिवार सेवा, समाज सेवा, देश सेवा एवं संसार सेवा से निहित है। 

 
दिव्य सत्ता ने इस संसार में जितनी योनिया बनाई है वह दो भागों में है - वह हैं भोग योनि और कर्म योनि।
इन योनियों में मनुष्य एक योनि है जिसे कर्म योनि में रखा है। इनके जीवन आनंद का आधार "कर्म" है।
इस माया रुपी संसार में इसी "कर्म" के प्रभाव का हिस्सा है। हम सब अभिमान-स्वाभिमान दर्जा में बांट सकते हैं और विचार कर सकते हैं कि मनुष्यता नाते "अभिमान और स्वाभिमान" इन दोनों में से जीवन-निर्वाह वास्ते किसका चुनाव उचित है..??  क्या ऐ चुनाव हम सबों के बीच रहने वाला बड़ा हाथी या जंगल का राजा कहलाने वाला शेर चुनाव कर सकता है । यदि नहीं तो स्वयं से विचार करें ..?? अभिमानी (अहंकारी ) बनना अच्छा है या स्वाभिमानी।
उपरोक्त विचार समाजवादी विचारधारा की प्रवृत्ति रखने वाले समाजसेवी ललन प्रसाद सिन्हा की मौलिक रचना है।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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