पत्रकार को जान से मारने की धमकी तरह तरह के नम्बरों से रही है मिल पीड़ित पत्रकार ने पुलिस प्रशासन से लगाई जान माल की सुरक्षा की गुहार

 पत्रकार को जान से मारने की धमकी तरह तरह के नम्बरों से रही है मिल पीड़ित पत्रकार ने पुलिस प्रशासन से लगाई जान माल की सुरक्षा की गुहार


जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


दहशतगर्द का ट्रू कॉलर से ली गई तस्वीर की छायांकन

समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 जनवरी, 2022)। देश में भले ही सरकार ही नहीं माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी मीडिया कर्मियों/ पत्रकारों के प्रति दुर्व्यवहार को भी संज्ञेय अपराध करार दिया हो मगर इसे अमली जामा पहनाने में सरकार एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों की अनिच्छा के कारण मीडिया कर्मियों की दशा पुर्ववत् ही है।

आये दिन पत्रकारों को गाली देने एवं अपहरण कर जान से मारने की धमकी देने के अलावा उनके साथ मारपीट, और जानलेवा हमला करने का मामला आये दिन प्रकाश में आता रहता है।

ताजा मामले में समस्तीपुर जिले के मुफस्सिल थाना स्थित चकशरफ निवासी एक न्यूज चैनल के जिला संवाददाता मो० जमशेद ने थानाध्यक्ष सहित तमाम पुलिस कप्तान के साथ ही प्रशासनिक पदाधिकारियों को आवेदन दे कर बताया है कि मोबाईल नं0 7808332931, 8285660686, 8178633837,  9315809837 से विगत कई महीनों से मुझे एवं मेरे परिवार के मोबाईल सं०- 7979786897 एवं 9430666786 पर गाली - गलौज किया जाता रहा है और मुझे अपहरण कर जान से मारने की बेवजह धमकी दिया जा रहा है।

जिस कारण धमकी से दहशत में जीते हुऐ मानसिक रूप से  तनाव में ग्रस्त हो जीवन यापन करने पर मजबूर है । परिवार के लोग भी दहशत के साये में जी रहे है। पीड़ित पत्रकार ने अपने पत्र में ट्रू कॉलर के हवाले से चारों मोबाईल के पंजीकृत नामों का चर्चा करते हुऐ फोटो का भी उल्लेख किया है।

 

अब देखना यह है की पीड़ित पत्रकार के आवेदन पत्र पर पुलिस प्रशासन या वरीय प्रशासनिक अधिकारी क्या कदम उठाते हैं और नामित मोबाईल धारकों को गिरफ्तार करती है या धमकी को अम्लीजामा पहनाने के लिए खुला छोड़ देते है । लोकतंत्र के प्रहरी पत्रकार को दहशतगर्दों के रहमोकरम पर ऐ एक सोचनीय विषय है। 


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित

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